tag:blogger.com,1999:blog-2317402208490749429.post6429061596417680803..comments2023-09-03T14:39:48.650+05:30Comments on ब्लॉगर "रचना " का ब्लॉग " बिना लाग लपेट के जो कहा जाए वही सच है ": ओबामा से सोनिया तक यात्रा बदलाव कीरचनाhttp://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-2317402208490749429.post-88902816800650705292009-01-21T11:36:50.893+05:302009-01-21T11:36:50.893+05:30क्षमा करें, क्या भारत का प्रधानमंत्री गीता पर हाथ ...क्षमा करें, क्या भारत का प्रधानमंत्री गीता पर हाथ रख कर शपथ लेता है? फिर बाइबल क्यों? <br>उदाहरण अगर अमेरिका का लेते हैं तो ध्यान दें वहाँ ओबामा को बार बार कहना पड़ा कि वे ईसाई है, मुस्लिम नहीं. क्या हमारे देश में ऐसा होता है कि प्रधानमंत्री को मैं हिन्दु हूँ मैं हिन्दू हूँ... फिर अमेरिका में बाहर पैदा हुआ व्यक्ति राष्ट्रपति नहीं बन सकता. भारत में यह छूट क्यों? अगर परिवर्तन महिला के आने से होता है तो वह इन्दिरा के साथ आ गया था.संजय बेंगाणीhttp://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2317402208490749429.post-26319787105660226012009-01-21T11:57:56.722+05:302009-01-21T11:57:56.722+05:30बेगाणी जी आपकी जानकारी के लिए प्रधानमन्त्री हो या ...बेगाणी जी आपकी जानकारी के लिए प्रधानमन्त्री हो या कोई भी सार्वजनिक पद ग्रहण करने वाला वह किसी की भी सौगंध ले सकता है शपथ के प्रारूप में यह उसको आजादी है. <br>रचना जी ने बाइबिल इस लिए कहा है क्योंकि आम धारणा के अनुसार सोनिया गाँधी रोमन कैथोलिक हैं (उनकी धार्मिक आस्था हमें जाने की कोशिश नही की कभी क्योंकि हमारे लिए वह महत्वपूर्ण नही है ), <br>और कब तक अमरीका के पिछलग्गू बने रहेंगे कि जैसा वहां होता है वैसा ही करेंगे :-) आगे निकल जाइए उससे <br>इंदिरा गाँधी को सत्ता बनी बनाई मिल गई थी ताकतवर तो वो बाद में हुईं हैं इस लिहाज से सोनिया ने अधिक श्रम किया है <br>फिलहाल जो लोकसभा में 272 सांसदों का समर्थन रखता है वह प्रधानमन्त्री बनता है तो हमें इसमे कुछ भी ग़लत नही दिखाई देता चाहे वो सोनिया हों या मोदी <br>हमारी व्यक्तिगत पसंद नापसंद से कोई फर्क नही पड़ता <br>जो कोई भी प्रधानमत्री होता है वह हमारे उस सम्मान का अधिकारी होता है <br> हमारी व्यक्तिगत आकांक्षा थी कि कोई उत्तर पूर्व का प्रधानमन्त्री के पद तक पहुँचता <br>रचना जी यह परिवर्तन कैसा होगा?kuhasahttp://kuhasa.blogspot.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2317402208490749429.post-85861684405118119882009-01-21T13:05:43.081+05:302009-01-21T13:05:43.081+05:30आपको ओबामा का भाषण दिखाई नहीं दिया क्या? वे किसी ...आपको ओबामा का भाषण दिखाई नहीं दिया क्या? वे किसी कागज को पढ़ नहीं रहे थे। कोई भी राजनेता यदि कई सालों तक राजनीति में रहने के बाद भी अपनी बात स्वयं नहीं कह सकता, उसे आप देश का नेतृत्व करने को कह रहे हैं। राजनीति अभिनय नहीं है जिसे स्क्रिप्ट देखकर अभिनय कर लिया जाता है। इसमें टेबल पर निर्णय लेने पड़ते हैं तभी तो हमारे सैनिक युद्ध जीत जाते हैं और हम ऐसे भाषण पढ़ने वाले नेताओं के कारण टेबल पर हार जाते हैं।ajit guptahttp://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2317402208490749429.post-60048488094863480132009-01-21T13:20:11.762+05:302009-01-21T13:20:11.762+05:30"कुहासा" जी आपकी इच्छा जरूर पूरी होगी, औ..."कुहासा" जी आपकी इच्छा जरूर पूरी होगी, और सिर्फ़ उत्तर-पूर्व का ही क्यों बल्कि कोई बांग्लादेशी घुसपैठिया भी भारत का प्रधानमंत्री बन सकता है, जैसे एक कांग्रेसी सांसद सुब्बा जो कि नेपाली नागरिक हैं और उधर हत्या, लूट और धोखाधड़ी के कई केस हैं उन पर…। ये हिन्दुओं(?) का महान सेकुलर भारत है, यहाँ कोई भी, कहीं भी, कभी भी, कुछ भी बन सकता है… सिवाय कश्मीर में एक हिन्दू मुख्यमंत्री बनने के अलावा…Suresh Chiplunkarhttp://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2317402208490749429.post-1162819273938057282009-01-21T16:23:05.282+05:302009-01-21T16:23:05.282+05:30पब्लिक स्वयं समझदार है !पब्लिक स्वयं समझदार है !विवेक सिंहhttp://www.blogger.com/profile/06891135463037587961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2317402208490749429.post-80046408596922304102009-01-21T18:13:13.826+05:302009-01-21T18:13:13.826+05:30आज़ाद देश की आज़ाद नारी को अपना नेता चुनने कापूरा अध...आज़ाद देश की आज़ाद नारी को अपना नेता चुनने कापूरा अधिकार है । कुहासा जी के दिमाग पर छाया कुहासा तो हटने से रहा । इन जैसे उदारवादियों के कारण जल्दी ही देश में अंग्रेज़ों और मुगलों का राज होगा । अबकी बार तो आज़ादी की लडाई लडने वाले युवा भी ढूंढे से नहीं मिलेंगे ।sareethahttp://www.blogger.com/profile/02602819243543324233noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2317402208490749429.post-4420362949423713142009-01-21T18:46:17.157+05:302009-01-21T18:46:17.157+05:30सोनिया यदि अपने बलबूते पर आईं होतीं तो अलग बात थी।...सोनिया यदि अपने बलबूते पर आईं होतीं तो अलग बात थी। नेता को भारत यदि पुश्तैनी जागीर में मिल रहा हो तो मैं उसे नेता कभी नहीं मानूँगी। <br>उत्तर पूर्व भारत ही है और जितनी जल्दी हम यह बात समझ लें उतना ही अच्छा होगा। बांग्लादेशी को शासन तो क्या नागरिकता भी सरलता से नहीं मिलनी चाहिए। जिस दिन कोई नेता उत्तर पूर्व से आएगा और भारत का प्रधानमंत्री चुना जाएगा वह दिन देश के लिए स्वर्णिम होगा। जब हम नेहरू गाँधी परिवार के अलावा भी काँग्रेस में नेता खोजने लगेंगे तो काँग्रेस भी शायद अपने पुराने स्वरूप को पा ले। नेता नीचे से ऊपर आता है न कि परिवार से उठाकर बनाया जाता है।<br>घुघूती बासूतीMired Miragehttp://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.com