tag:blogger.com,1999:blog-2317402208490749429.post7079682641771730114..comments2023-09-03T14:39:48.650+05:30Comments on ब्लॉगर "रचना " का ब्लॉग " बिना लाग लपेट के जो कहा जाए वही सच है ": ५ साल होगये पता भी नहीं चला , मै यहाँ खुश होने आयी थी , खुश करने नहीं और मै उस मकसद में कामयाब हूँ ।रचनाhttp://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comBlogger29125tag:blogger.com,1999:blog-2317402208490749429.post-22276451468881023392011-09-22T18:27:19.591+05:302011-09-22T18:27:19.591+05:30कौशलेन्द्र जी, और रचना जी, उर्दू में इसे कहते हैं ...कौशलेन्द्र जी, और रचना जी, उर्दू में इसे कहते हैं 'ज़र्रा नवाजी के लिए शुक्रिया", (और हिंदी में "तिल का ताड़ बनाना" (?), अंग्रेजी में, " मोल हिल को पहाड़ बनाना" (?!)... आभार! ...<br /> <br />मैं ब्लॉग जगत में साढ़े छह वर्ष से हूँ, और अंग्रेजी में टिप्पणी से आरम्भ कर, हिंदी ब्लॉग जगत में अपनी हिंदी सुधारने हेतु 'पंगा' लेने लगा हूँ, कुछेक ब्लॉग में... इस लिए मेरा अनुरोध है कि भाषा की त्रुटियों का सुधार यदि गुरु लोग करें तो मुझे लाभ होगा... धन्यवाद! (वैसे एक कहावत है, "जो घोष लिखता है उसे बोस ही समझता है"!),,,:)JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2317402208490749429.post-17794199117128761452011-09-22T17:39:56.891+05:302011-09-22T17:39:56.891+05:30जे.सी.जी ! ॐ नमोनारायण !
"शुद्ध टिप्पणीकार &...जे.सी.जी ! ॐ नमोनारायण ! <br />"शुद्ध टिप्पणीकार " पर सहमति<br />"दूध में मक्खी समान " पर असहमति ...<br />मी लोर्ड ! सख्त ऐतराज़ दर्ज किया जाय. <br />हुज़ूर ! हम आपकी हर टिप्पणी को न केवल पढ़ते हैं अपितु उस पर दिमागी तवज्जो भी देते हैं ...और ऐसा करने वाले हम अकेले नहीं हैं. हमारे साथ बहुत से लोग हैं और आज से रचना जी भी हमारे साथ शामिल हो गयी हैं.बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2317402208490749429.post-76561920934111052552011-09-22T17:26:39.083+05:302011-09-22T17:26:39.083+05:30जो कल नहीं था, किन्तु अभी है .....और कल नहीं रहेगा...जो कल नहीं था, किन्तु अभी है .....और कल नहीं रहेगा <br />....वह सत्य नहीं है, वास्तविक नहीं है ....आभासी है, नश्वर है. <br />जो दृष्टव्य है वह भी आभासी है जो काल्पनिक है वह भी आभासी है. कल्पना कभी न कभी आकार लेती है और आकार कभी न कभी अपनी पूर्वावस्था को पहुंचता ही है. वास्तविकता और आभासी में प्रकट और अप्रकट का ही अंतर है और कुछ नहीं. तथापि दोनों एक -दूसरे के पूरक भी हैं. इन दोनों के बिना जीवन की कल्पना करके देखिये .......... <br />रचना जी ! इन पांच वर्षों का आपका आकलन समाज का प्रतिबिम्ब है.बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2317402208490749429.post-18649346429033017472011-09-15T05:56:56.582+05:302011-09-15T05:56:56.582+05:30आपने डॉक्टर दराल के ब्लॉग में लिंक दिया तो आपके ब्...आपने डॉक्टर दराल के ब्लॉग में लिंक दिया तो आपके ब्लॉग के इस पोस्ट पर पहली बार आना हुआ, पहले की पोस्ट बिना पढ़ें... <br /><br />आपके ब्लॉग के आभासी जगत में पांच वर्ष आनंद उठाने की ख़ुशी में मुझे भी (एक शुद्ध 'टिप्पणीकार', दूध में मक्खी समान, की हैसियत से) आपको बधाई देते प्रसन्नता हो रही है... <br /><br />इससे याद आता है कि एक अन्य आभासी जगत भी है,,, चलचित्र के 'मायावी' कहलाये जाने वाले जगत का... <br />वहाँ भी संयोगवश (?) 'वास्तविक जगत' में मानव / पशु आदि जीवन के ही विभिन्न काल और स्थान पर विभिन्न दृष्टान्तों पर आधारित फिल्म बनती चली आ रही हैं, किन्तु मात्र १००+ वर्षों से ही, जहां पहले ख़ुशी का मान दंड होता था कि पिक्चर कितने सप्ताह किसी शहर / हॉल में चली, और वर्तमान में मान दंड केवल बॉक्स ऑफिस है - कितना करोड़ कमाया पहले हफ्ते में ही, भले ही वो कोई 'अश्लील' फिल्म ही क्यूँ न हो, जिसका आनंद 'शरीफों' ने भी उठाया हो... और उसी भांति ब्लॉग जगत में अधिकतर मान दंड है कि कितनी टिप्पणियाँ पायीं (?)!<br /><br />और वास्तविक माने जाने जगत में भी आज मान दंड हो गया है कितना माल कैसे भी कमाया (और स्विस बैंक में जमा किया?)...<br />सोचने वाली बात यह है कि कहीं यह भी वास्तविक जगत न हो कर, वास्तव में आभासी जगत ही तो नहीं है ??? (शेक्सपियर ने भी कुछ ऐसा ही कहा था न?)... <br /><br />"जय भारत माता, जगदम्बा"!JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2317402208490749429.post-77646717583393748832011-07-14T09:18:46.523+05:302011-07-14T09:18:46.523+05:30पांच साल का अनुभव - बहुत कुछ पढ़ा आपने और उससे ज्य...पांच साल का अनुभव - बहुत कुछ पढ़ा आपने और उससे ज्यादा ब्लॉगर्स के बारे में . आभासी दुनिया में यथार्थ दुनिया की परछाई से ज्यादा उसका उलट होना वास्तविकता के समकक्ष है .इसमें आश्चर्य नही होना चाहिए .Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/08928212793008107322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2317402208490749429.post-37811199667522956302011-07-04T01:34:52.783+05:302011-07-04T01:34:52.783+05:30badhai ho rachna ji, aap isi sahas k sath apne mud...badhai ho rachna ji, aap isi sahas k sath apne muddo par aur bhi dati rahein, yahi shubhkamayein hain...Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2317402208490749429.post-65710846466557417662011-07-03T00:45:28.074+05:302011-07-03T00:45:28.074+05:30रचनाजी
ब्लागिंग में पांच साल पूरे होने पर बहुत बह...रचनाजी<br />ब्लागिंग में पांच साल पूरे होने पर बहुत बहुत बधाई |<br /><br />|शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2317402208490749429.post-47489138501844914502011-07-02T12:00:43.803+05:302011-07-02T12:00:43.803+05:30रचनाजी,
हार्दिक शुभ कामना ।
कविता अच्छी लगी।रचनाजी, <br />हार्दिक शुभ कामना ।<br />कविता अच्छी लगी।अफ़लातूनhttp://kashivishvavidyalay.wordpress.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2317402208490749429.post-22468037520801191282011-06-28T11:20:14.400+05:302011-06-28T11:20:14.400+05:30* पहले तो मुबारकबाद! शुभकामनाएं!! बधाई!!!
** दूसर...* पहले तो मुबारकबाद! शुभकामनाएं!! बधाई!!!<br /><br />** दूसरे आप इतनी अच्छी कवयित्री हैं, यह नहीं पता था। शायद आपको कम पढा हो।<br /><br />*** तीसरे ... हालाकि मैं इस विषय पर पहले भी आपसे असहमति जता चुका हूं, फिर भी आपने जो तल्ख़ सच्चाई बयां की है, उसके लिए मुबारकबाद, और आपके मना करने के बावज़ूद इस रचना में कहीं न कहीं, शायद बहुत कहीं, अपने को पाता हूं, अगर यह न कहूं तो झूठ होगा।<br /><br />**** चौथे -- अब पांच साल हो गए तो मठा धीशों में आपको भी शामिल मान ही लूं।<br /><br />***** फ़ाइनली ... आपकी रचना पढ़ते-पढ़ते राजेश रेड्डी का यह शे’र याद आ गया<br /><b>क्या ज़रूरी है जो दिल में है, जुबां पर आए<br />ये ज़माना नहीं इतना भी खरा होने का।</b>मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2317402208490749429.post-79674764644112148672011-06-27T15:40:10.505+05:302011-06-27T15:40:10.505+05:30पाँच साल पूरे होने पर बहुत बहुत बधाई .
आप ऐसे ही ख...पाँच साल पूरे होने पर बहुत बहुत बधाई .<br />आप ऐसे ही खुश रहें...अपने मकसद में कामयाब रहें और नए लोगो को प्रोत्साहित करती रहें.<br />शुभकामनाएंrashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2317402208490749429.post-57352507108282516792011-06-27T15:04:06.676+05:302011-06-27T15:04:06.676+05:30ब्लॉगिंग में 5 वर्ष पूर्ण करने पर हार्दिक बधाई.आपक...ब्लॉगिंग में 5 वर्ष पूर्ण करने पर हार्दिक बधाई.आपको नियमित पढते हुए मुझे लगभग दो साल हो चुके है.लक्ष्य के प्रति आपकी प्रतिबद्धता हम सभी के लिए अनुकरणीय है. आशा है ये सफर यूँ ही सफलतापूर्वक चलता रहेगा.राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2317402208490749429.post-65752447335330019382011-06-26T20:23:46.900+05:302011-06-26T20:23:46.900+05:30रचना जी, ब्लॉग्गिंग में पांच वर्ष पुरे करने पर आपक...रचना जी, ब्लॉग्गिंग में पांच वर्ष पुरे करने पर आपको बधाई. आशा करता हूँ की ये सफ़र यूँ ही अनवरत चलता रहेगा.VICHAAR SHOONYAhttps://www.blogger.com/profile/07303733710792302123noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2317402208490749429.post-3281308716727390832011-06-26T12:06:35.212+05:302011-06-26T12:06:35.212+05:30५ साल कितनी जल्दी पंख लगा कर उड़ गये. आपने ब्लॉग ज...५ साल कितनी जल्दी पंख लगा कर उड़ गये. आपने ब्लॉग जगत में ५ साल पूरे किये, बहुत बहुत बधाई...ऐसे ही साथ बना रहे,इस हेतु शुभकामनाएँ...<br /><br /><br />मकसद में कामयाब होती रहें...मुबारकबाद, मंगलकामनाऎँ...<br /><br />कविता के माध्यम से अच्छा विश्लेषण...Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2317402208490749429.post-31247397044948780722011-06-25T18:58:19.235+05:302011-06-25T18:58:19.235+05:30ब्लोगिंग में पांच साल होने की बधाई |
सभी अपने अपन...ब्लोगिंग में पांच साल होने की बधाई |<br /> सभी अपने अपने मकसद से ब्लोगिंग में आये है किसी का पूर्ण हो रहा है तो यहाँ डटा है जिसका नहीं हो रहा है वो छोड़ कर भी चला गया |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2317402208490749429.post-59116268992614179452011-06-25T15:24:32.786+05:302011-06-25T15:24:32.786+05:30आपकी पुरानी नयी यादें यहाँ भी हैं .......कल ज़रा ग...आपकी पुरानी नयी यादें यहाँ भी हैं .......कल ज़रा गौर फरमाइए<br />नयी-पुरानी हलचल<br />http://nayi-purani-halchal.blogspot.com/vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2317402208490749429.post-49962240775827963112011-06-25T01:22:21.154+05:302011-06-25T01:22:21.154+05:30कविता पर यह कहूंगा कि आभासी दुनिया को वास्तविक मान...कविता पर यह कहूंगा कि आभासी दुनिया को वास्तविक मानना भ्रम है, यह वास्तविक की कुछ मायनों में पूरक सी दिख सकती है, लेकिन वास्तविक की विकल्प तो हरगिज नहीं है। <br /><br />पांच वर्ष पूर्ण होने की हार्दिक बधाई! यत्र-तत्र असहमतियों के बाद भी आपकी इस सकारात्मकता/सार्थकता को बेहिचक कहता रहा हूं कि आपने हिन्दी ब्लागरी की व्यक्तिवादी धारा से अलग चलने का जोखिम उठाया है, निबाहा है। यह निस्संदेह सराहनीय है। शुभकामनाएँ!!Amrendra Nath Tripathihttps://www.blogger.com/profile/15162902441907572888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2317402208490749429.post-27813060837066310592011-06-24T23:46:24.948+05:302011-06-24T23:46:24.948+05:30ब्लॉगजगत में पाँच साल पूरे करने के लिए बहुत-बहुत ब...ब्लॉगजगत में पाँच साल पूरे करने के लिए बहुत-बहुत बधाईराजीव तनेजाhttps://www.blogger.com/profile/00683488495609747573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2317402208490749429.post-82248568475598175612011-06-24T22:53:29.134+05:302011-06-24T22:53:29.134+05:30पांच साल पूरे होने की बधाई । यूं ही खुशियां खोजती ...पांच साल पूरे होने की बधाई । यूं ही खुशियां खोजती रहें और यूं ही खुशियां पाती रहें । शुभकामनाएंअजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2317402208490749429.post-53110062821137879612011-06-24T21:35:03.325+05:302011-06-24T21:35:03.325+05:30उत्तम स्वीकारोक्ति सभी की ओर से...
बधाईयां पंचवर्ष...उत्तम स्वीकारोक्ति सभी की ओर से...<br />बधाईयां पंचवर्षीय यात्रा के निर्विघ्न पूर्ण होने की ।Sushil Bakliwalhttps://www.blogger.com/profile/08655314038738415438noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2317402208490749429.post-26102515958369428952011-06-24T20:25:32.999+05:302011-06-24T20:25:32.999+05:30sabse pehale to paanch saal poore hone ki aap ko b...sabse pehale to paanch saal poore hone ki aap ko bahut-bahut shubhkaamnayen.....dujaa aapne apni kavita ke madhiyam se bahut he badhiya tarike se blog jagat ki duniya aur use jude log ka parichay diya hai very well said...keep writtingPallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2317402208490749429.post-46939621864168029172011-06-24T17:17:29.126+05:302011-06-24T17:17:29.126+05:30पाँच साल पूरे करने के लिए हार्दिक बधाई।
और अपने खु...पाँच साल पूरे करने के लिए हार्दिक बधाई।<br />और अपने खुश होने के मकसद में कामयाब होने के लिए और भी अधिक बधाई।<br />घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2317402208490749429.post-54953462547198584862011-06-24T17:06:18.540+05:302011-06-24T17:06:18.540+05:30हाहाहा! हेहेहे! पहले हँस लूँ तो कुछ कहूँ.:D
मैं तो...हाहाहा! हेहेहे! पहले हँस लूँ तो कुछ कहूँ.:D<br />मैं तो अपने बंद संसार से, पहले पुस्तकों, समाचार पत्रों को खिड़की रोशनदान या दरवाजे में छोटा सा छेद समझ बाहर झांका करती थी. सोचती थी कि मैं शहर, कस्बे, गाँव से दूर एकांत में हूँ शायद इसलिए। किन्तु वह सच नहीं था। शहरों में रहने वालियाँ भी सब (SAB )टी वी के अनुसार हैप्पी हाउसवाइफ क्लब बना यही सब याने खिड़की रोशनदान या दरवाजे में छोटा सा छेद ढूँढ रही हैं। ये बात और है की शायद हैप्पी हाउसवाइफ oxymoron हैं, परस्पर विपरीत से. शायद मनुष्य व लगातार की खुशी भी oxymoron हैं।<br />खैर, मेरे लिए तो नेट व ब्लॉगिंग संसार की खिड़की ही थे और हैं. घर में सारा फर्नीचर होता है और फिर आप कम्प्यूटर खरीद लेते हैं और साथ में कम्प्यूटर टेबल भी। अब कम्प्यूटर टेबल बहुत उपयोगी, लगभग अनिवार्य हो जाता है किन्तु उससे हमारे पलंग, सोफे, कुर्सी मेज का अवमूल्यन नहीं हो जाता। कुछ यही बात ब्लॉगिंग, आभासी संसार व शेष असली कहे जाने वाले संसार की है। आभासी संसार हमारे यथार्थ के कहे जाने वाले संसार से अधिक जो हमें मिला है वह है। जैसे प्रकृति हाथ पैर देने के बाद एक जोड़ी पंख थमा कहती 'ये भी रख लो घुघूती', कुछ वैसे अतिरिक्त! <br />इस संसार में आपको मित्र चुनने की सुविधा है। मन करे तो बोलो, मन करे तो गायब हो जाने की सुविधा है। ब्लॉग लिखना आपके नित के खाना बनाने या दफ्तर के काम से अलग वह काम है जो आपका मन हो तो आप करें और न करे तो न करें। बस यही मन करे तो करो न करे तो न करो इसे इतना मनभावन बना देते हैं। शायद इसीलिए आपको हम विवाहित देर रात को भी यहाँ विचरण करते मिल जाते हैं क्योंकि यहाँ सबकुछ मन के कारण होता है। विवाहित होना कोई जकड़ा जाना भी नहीं है। प्रायः आप अपने साथी की बगल में बैठे लिख रहे होते हैं।<br />घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2317402208490749429.post-22422061113137975122011-06-24T16:35:23.164+05:302011-06-24T16:35:23.164+05:30वाह!
आईना हमारे सामने कर कहा देखो और इसमें खुद को ...वाह!<br />आईना हमारे सामने कर कहा देखो और इसमें खुद को मत खोजना।<br /><br />पोस्ट बहुत पसन्द आई<br /><br />प्रणाम स्वीकार करेंअन्तर सोहिलhttps://www.blogger.com/profile/06744973625395179353noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2317402208490749429.post-22913722866455863202011-06-24T16:31:49.830+05:302011-06-24T16:31:49.830+05:30सबसे पहले तो पाँच साल पूरे होने पर हार्दिक बधाई।
ब...सबसे पहले तो पाँच साल पूरे होने पर हार्दिक बधाई।<br />बाकी जो कविता मे कहा है वो भी काफ़ी हद तक सही है मगर शायद पूरा सच इसलिये नही क्योंकि आज ब्लोग ने अपनी एक जगह बना ली है …………हाँ निर्मल हास्य की दृष्टि से अति उत्तम बात कही है।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2317402208490749429.post-58200629221751475362011-06-24T16:30:33.727+05:302011-06-24T16:30:33.727+05:30सफलतापूर्वक पांच वर्ष पूर्ण होने पर शुभकामनाएं और...सफलतापूर्वक पांच वर्ष पूर्ण होने पर शुभकामनाएं और बधाई ... आप हमेशा खुश रहें ... आभारसमयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.com