सच बोलना जितना मुश्किल है , सच को स्वीकारना उस से भी ज्यादा मुश्किल है . लेकिन सच ही शाश्वत है और रहेगा मुझे अपने सच पर उतना ही अभिमान है जितना किसी को अपने झूठ से होने वाले फायदे पर होता हैं
मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं
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January 15, 2009
"विवेक " हीन kament
कुछ लोग निरंतर कमेन्ट करते हैं लेकिन केवल और केवल चुहल और मजाक । अपना भी समय व्यर्थ करते हैं और बाकी पाठको तक भी सही बात नहीं पहुँचने देते हैं । विवेक हीन कार्य करना बेकार है । निरर्थक टिप्पणियों को डिलीट कर देना पड़ता हैं ।
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