मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

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April 22, 2014

पता नहीं पिछली पोस्ट के बाद से यही दिमाग में हैं

 लोग कहते हैं की माफ़ कर देना चाहिये और आगे बढ़ना चाहिये।  कमाल हैं जब तक कोई माफ़ी ना मांगे आप कैसे किसी को भी माफ़ कर सकते हैं ? माफ़ी कोई तब मांगता हैं जब उसको लगता हैं की उसने कोई गलती की हैं और अगर कोई माफ़ी मांगता ही नहीं हैं तो उसको अपनी कोई गलती लगती ही नहीं हैं।  ऐसे में उसको माफ़ कर देने से क्या फरक पड़ जाता हैं ?

लोग ये भी कहते हैं जो माफ़ नहीं करते हैं वो खुश नहीं रह पाते , कोई खुश हैं या नहीं हैं ये लोग कैसे जान लेते हैं ?

पढ़ा था
क्षमा शोभती उस भुजंग को जिसके पास गरल हो
यानी अगर एक सांप जिसके अंदर विष हैं वो क्षमा करता हैं तो ही क्षमा करने में शोभा हैं यानी बलवान ही क्षमा कर सकता हैं

तो जो लोग बिना किसी के माफ़ी मांगे उसको क्षमा करने का ढोंग करते हैं वो केवल और केवल अपने को बलवान सिद्ध करना चाहते हैं जबकि वो शायद बहुत डरपोक और कमजोर हैं

पता नहीं पिछली पोस्ट के बाद से यही दिमाग में हैं

April 09, 2014

अपने को कालजयी मानने वाले अक्सर जब काल को प्राप्त होते हैं तो जय कहने वाले बहुत कम होते हैं

अपने जीवन काल में  बहुत से व्यक्ति  ये सोचते हैं कि उनके जाने के बाद  सारी दुनिया में उनकी मौत का मातम होगा।  देश के हर चॅनल और अखबार में उनकी तस्वीर होगी।  पर ऐसा होता ही नहीं हैं , पता चलता हैं किसी भी चॅनल या अखबार में नाम नहीं हैं।

क्या  कभी आप के साथ भी ऐसा हुआ हैं कि किसी कि मृत्यु कि खबर कहीं पढ़ कर या सुन कर आप कि अंतरात्मा ने कहा हो " अच्छा हुआ दुनिया से एक गन्दा व्यक्ति उठ गया " या किसी के घर से मिली कोई अनिष्ट खबर सुन कर आप के मुख से अनायास ये निकल गया हो कि " इनके साथ तो ऐसा होना ही था। "

पता नहीं पर कभी कभी ऐसा क्यूँ हो जाता हैं की जब कोई हमारा बहुत बुरा करता हैं और बिना वजह करता हैं तो उसकी मृत्यु के बाद कोई अफ़सोस होता ही नहीं हैं और लगता हैं ईश्वर खुद न्याय करता हैं।  

अपने को कालजयी मानने वाले अक्सर जब काल को प्राप्त होते हैं तो  जय कहने वाले बहुत कम होते हैं
बहुत से लोग अपने को अमीर और पॉपुलर बनाने कि होड़ में पुरस्कार इत्यादि बाँट के सोचते हैं कि वो कालजयी बन गए और जब वो काल को प्राप्त होते हैं तो पता  चलता हैं उनकी बीमारी का खर्च उनके परिवार जन लोगो के आगे हाथ फैला कर पूरा करते हैं।  निरंतर शराब का सेवन करने वाले जब काल को प्राप्त होते हैं तो पीछे रह गए उनके परिवार जन सोचते हैं अब रोटी का जुगाड़ कैसे होगा और फिर शुरू होता हैं सरकारी भीख का जुगाड़ का फैसला।

हे राम !!!


April 02, 2014

एक पुरानी पोस्ट कल याद आगयी

http://mypoeticresponse.blogspot.in/2012/06/blog-post_22.html
एक पुरानी पोस्ट कल याद आगयी

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