लोकपाल बिल लाने के लिये अन्ना हजारे जी अनशन पर बैठ गए हैं । सोच रही हूँ जंतर मंतर हो आऊं , दर्शन कर लूँ । कुछ और भी सवाल मन मे उठ रहे हैं
जब गाँधी जी ने civil disobedience कि बात कि थी तब हमारी लड़ाई एक विदेशी शासक से थी
गाँधी जी ने उस विदेशी शासन कि जगह भारतीये लोगो को तैयार कर लिया था कि कौन क्या बनेगा भारतीये मंत्रिमंडल मे ।
यानी वहाँ ट्रान्सफर होना था शासन का
लेकिन इस समय तो ऐसा कुछ अभी कहीं नहीं दिख रहा
कोई भी ऐसा संगठन नहीं तैयार किया गया हैं जो तुरंत देश के शासन को संभल ले ।
ऐसे में civil disobedience से क्या होगा ? कहीं देश मे बजाये सब ठीक होने के मारा -मारी या जिस कहते हैं " anarchy " वो तो नहीं पैदा हो जायेगी ।
क्या हम सेना के हाथ मे शासन सौप देगे ??
क्या डेमोक्रेसी को खतरे मे डाल कर हम भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहीम लड़ेगे ??
अगर नहीं तो कौन होगा जो उस अव्यवस्थित स्थिति मे शासन कि बाग़ डोर संभालेगा ???
और अगर कल १०० आदमी कहीं अनशन पर बैठ जाये कि जो उनकी मांग हैं वो पूरी हो तब हम कैसे रिअक्ट करेगे जैसे जाट आन्दोलन को ही ले ।
और ये जो हर दिन अलग अलग जगह से राज्यों को बाँट कर नए राज्य बनवाने कि बात उठती हैं या जैसे नये राज्य बनाये जा रहे हैं ये विघटन बिलकुल उस समय से उलटा हैं जब आज़ादी कि लड़ाई के समय राज घरानों को इकठ्ठा कर के राज्यों मे तब्दील किया गया था
पता नहीं अन्ना हजारे जी के लिये मन मे बेहद सम्मान होते हुए भी लग रहा हैं ये रास्ता सही नहीं हैं ।
लेकिन ये भी नहीं पता हैं कि सही रास्ता कौन सा हैं । खुद ईमानदार होते हुए भी जब इंसान गरीब होता हैं और बेईमान को अमीर देखता हैं तो शायद रास्ता दिखना बंद हो जाता हैं
सच बोलना जितना मुश्किल है , सच को स्वीकारना उस से भी ज्यादा मुश्किल है . लेकिन सच ही शाश्वत है और रहेगा मुझे अपने सच पर उतना ही अभिमान है जितना किसी को अपने झूठ से होने वाले फायदे पर होता हैं
मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं
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April 07, 2011
खुद ईमानदार होते हुए भी जब इंसान गरीब होता हैं और बेईमान को अमीर देखता हैं तो शायद रास्ता दिखना बंद हो जाता हैं
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अन्ना हजारे जी
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आप के सभी प्रश्न वाजिब हैं। इन पर विमर्श की आवश्यकता है।
ReplyDeleteआरक्षण या नये राज्य बनाने की मांग आदि आंदोलन जाति या क्षेत्र विशेष के लिये होते हैं और अन्ना जी का आंदोलन हर समुदाय, जाति, राज्य, नागरिक, क्षेत्र पूरे देश के लिये है। जिससे आज हर देशवासी जुडना चाहता है।
ReplyDeleteप्रणाम
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteपहले तो देश की हमारी अवधारणा में यह परम लक्ष्य हो कि हमें मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ, जीवन का उत्सव मनाता हुआ सम्वेदनशील समाज बनाना है!
ReplyDeleteफिर प्रश्न यह हो कि ऐसा कैसे हो। इस मार्ग से जायें या उस मार्ग से? पर व्यव्स्था ऐसी बनें जहां सबको समान अवसर उपलब्ध हों।
जैसा आपने कहा "खुद ईमानदार होते हुए भी जब इंसान गरीब होता हैं और बेईमान को अमीर देखता हैं तो शायद रास्ता दिखना बंद हो जाता हैं"। क्या वर्तमान स्थिति ऐसी नहीं है?
फिर क्या इसे आप व्यव्स्था कहेंगीं? मै तो इसे अनार्की मानता हूं? इस अनार्की में अब हम जो भी कदम उठायेंगे वह ligically anarchic ही लगेंगें।
दिमाग जब कंफूज़ हो तब दिल की सुनें, एक बार अन्ना हज़ारे को देखे फिर ईमानदार प्रधानमंत्री को, और जो दिल कहे उसे मानें। दिमाग तो पागल ही कर देगा।
ReplyDeleteहमारा दिल तो अन्ना पर है। और अब दिमाग भी!
सम्वेदना के स्वर
ReplyDeletepost kaa kaarn meri soch haen aur kuchh nahin
lekin man sshankit haen arajaktaa sae
anaa ko kisi sae bhi compare nahi kiyaa haen , mil bhi ayee hun
ReplyDeletebas phir bhi dimaag mae prashn haen
ligically ko logically पढ़े।
ReplyDeleteबात यहाँ पर शासन चलाने की नही है, बात है शासन को सही ढंग से चलाने की | अन्ना का ये अनसन सत्ता पाने के लिए नही है बल्कि सत्ता में बैठे हुए उनलोगों के खिलाफ है जो भ्रस्टाचार रोकने के वजाय बढ़ावा दे रहे हैं |
ReplyDeleteऔर हाँ डेमोक्रेसी का शाब्दिक अर्थ बदल कर रख दिए हैं देश के लाइसेंसधारी चोरों ने | अब एक बदलाव की जरुरत है और आपसे मेरी एक रेकुएस्ट है कि आप भी साथ हो लीजिये |
धन्यवाद |
कुछ नहीं करने से कुछ करते रहना सदैव अच्छा होता है ।
ReplyDeleteफिलहाल तो यही रास्ता सही दिख रहा है...
बधाई हो ..अन्ना के साथ हम जीत गए .
ReplyDeleteapne sahi likha
ReplyDeleteआपके लेख में व्यक्त विचारों से पूरी तरह से सहमत हूँ.
ReplyDeleteबजा दिया क्रांति बिगुल, दे दी अपनी आहुति अब देश और श्री अन्ना हजारे की जीत पर योगदान करें आज बगैर ध्रूमपान और शराब का सेवन करें ही हर घर में खुशियाँ मनाये, अपने-अपने घर में तेल,घी का दीपक जलाकर या एक मोमबती जलाकर जीत का जश्न मनाये. जो भी व्यक्ति समर्थ हो वो कम से कम 11 व्यक्तिओं को भोजन करवाएं या कुछ व्यक्ति एकत्रित होकर देश की जीत में योगदान करने के उद्देश्य से प्रसाद रूपी अन्न का वितरण करें.
महत्वपूर्ण सूचना:-अब भी समाजसेवी श्री अन्ना हजारे का समर्थन करने हेतु 022-61550789 पर स्वंय भी मिस्ड कॉल करें और अपने दोस्तों को भी करने के लिए कहे. पत्रकार-रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा" सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना हैं ज़ोर कितना बाजू-ऐ-कातिल में है.
just wait and watch and keep your fingers crossed,may good sense prevails upon our leaders.
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