मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

December 28, 2013

नैतिक आचरण सबसे पहले खुद करना होगा , सबसे पहले ईमानदार खुद को बनाना होगा

मेहनत, लगन और धारा के विपरीत चल कर , केवल और केवल ईमानदारी के बलबुत्ते पर भी इंसान भारत में तरक्की कर सकता हैं।  ये बात अरविन्द केजरी वाल ने मुख्यमंत्री कि शपथ लेने के साथ ही प्रूव कर दिया।

खुद ईमानदार होते हुए भी जब इंसान गरीब होता हैं और बेईमान को अमीर देखता हैं तो शायद रास्ता दिखना बंद हो जाता हैं



देश में सुधार सत्ता में रह  कर लाया जाए इस से बेहतर कुछ हो ही नहीं सकता हैं

 नैतिक आचरण सबसे पहले खुद करना होगा , सबसे पहले ईमानदार खुद को बनाना होगा

कभी इस देश मे ऐसा भी वक्त आये 
अरविन्द केजरीवाल प्रधानमंत्री 
किरण बेदी राष्ट्रपति बन जाए

December 22, 2013

KEJRIWAL MEANS CHANGE

politicians think that Politics is for them only , its they who can do some thing for the nation ,its their children who can take this up as profession . Politicians have created a CLASS which seems to have shattered like GLASS

Whether Kejriwal succeeds or not as a politician time will tell but he has proved that those people who are thrown away by the administration and bureaucracy and political parties can BRING IN A SILENT REVOLUTION ,

KEJRIWAL MEANS CHANGE

November 18, 2013

मै सचिन के खेल की ही नहीं सचिन की फैन हूँ

सचिन  को भारत रत्न सम्मान से उस दिन सम्मानित किया गया जिस दिन उन्होने गेम से संन्यास लिया।  २२ गज पर निरंतर २४ साल तक सचिन भागते रहे।  अपनीं जिंदगी के २४ साल उन्होने क्रिकेट को दिये और बदले में क्रिकेट ने उनको वो सब कुछ दिया जिसकी कामना हम सब करते हैं।

सचिन को भारत रत्न कहना सही हैं क्युकी सचिन ने  माध्यम से भारत को गौरव के शिखर पर हमेशा खड़ा किया , एक समय वो भी था जब भारत कि टीम कि हार के बाद मोहमद कैफ का घर फैंस ने नाराज हो कर जला दिया था उस समय सचिन ने टीम कि तरफ से देश से माफ़ी भी मांगी थी।

रश्क होता हैं सचिन कि माँ से जो अपनाए जीवित रहते अपने बेटे को " भारत रत्न " बनते देख सकी।  वो देख सकी अपने बेटे का अर्जित सम्मान , वो देख सकी जिस बच्चे को उन्होने अच्छा इंसान बनने के संस्कार दिये उसने एक अच्छा इंसान बन कर दिखाया।

काश हम अपने अभिभावको के दिये गए दिशा निर्देशो में "अच्छा इंसान बनो " के दिशा निर्देश का सम्मान करे।

आज लोग  कह रहे हैं सचिन से ज्यादा दूसरे खिलाडी इस सम्मान के अधिकारी हैं जरुर हैं और इसी लिये सचिन ने कहा उन्होने ये सम्मान हर उस खिलाड़ी के लिये लिया हैं।

मैने हमेशा माना कि मे सचिन के खेल कि नहीं सचिन कि फैन हूँ

एक लम्बी लिस्ट हैं क्रीतिमानो क्रिकेट दौर की । इस सब से ऊपर भी एक बात हैं जो बहुत महत्व पूर्ण हैं । एक सेलेब्रिटी हैं सचिन और फिर भी इस पूरे २० साल मे कही भी उनके किसी भी प्रेम प्रसंग का अपने विवाहित जीवन से इतर को उल्लेख नहीं आया हैं । अपने से ५ साल बड़ी महिला से प्रेम विवाह कर के , दो बच्चों के पिता बनके सचिन "एक पूर्ण पुरूष " की भूमिका मे ही रहे । दूसरे सेलेब्रिटी की तरह ना तो उनके कोई ऐसी संतान हैं जिसको वो "गलती " का नाम देते हैं और ना ही कोई ऐसी "प्रेमिका " हैं जिसको वो "भूलने " का दिखावा करते हैं ।

जिन्दगी सीधे रास्ते से भी जी जाती हैं और जीनी चाहिये और इसकी मिसाल हैं सचिन जो एक सच्चे देश भक्त भी हैं उनके लिये "इंडिया " से ज्यादा कुछ नहीं क्रिकेट भी नहीं वो सचिन ही थे जिन्होने सबसे पहले कारगिल युद्घ के बाद पाकिस्तान जा कर क्रिकेट खेलने से मना किया था

हमारी कामना हैं की ईश्वर ऐसे सचे इंसान और बनाता चले जो देश के लिये मर मिटना का जज्बा रखते हो और अपनी जिंदगी सही तरह से जीते हो । जो लोग भी " मिल सकता हैं " को केवल इस लिये ना ले क्युकी वो "ग़लत " हैं वही लोग इंसान कहलाने के हकदार होते हैं ।

गलत को रोकना मुश्किल हो सकता हैं पर गलत को ना करना बहुत आसन होता हैं और सचिन इस की मिसाल हैं

July 02, 2013

असतो मा सदगमय, तमसो मा ज्योर्तिगमय, मृत्योर्मा अमृतं गमय।।

ईश्वर हैं या नहीं हैं ये सवाल उठता रहता हैं जवाब भी मिलते रहते हैं .
ईश्वर का निवास कहां हैं ये एक ऐसा सवाल हैं जिसका जवाब सबसे आसन हैं की हर एक जीव के अन्दर ईश्वर विराजमान हैं .
फिर लोग ये मंदिर , गुरुद्वारे और अन्य धार्मिक स्थल पर क्या खोजने जाते हैं .
अभी केदारनाथ में जल सैलाब में हजारो लोग लापता हैं या मृत घोषित हो चुके हैं
अब ये केदारनाथ में क्या खोजने गए थे
क्या शिव केदारनाथ में बसते हैं ??? अगर हाँ तो जो वहाँ गए थे उन्हे तो इस बार शिव ने साक्षात तांडव दिखा कर दर्शन दिये और उन सब को मुक्ति दी हैं फिर इतना हा हा कार क्यूँ ?
मुक्ति की कामना से ही तो लोग चारधाम की यात्रा पर जाते हैं और मुक्त होने पर खुश क्यूँ नहीं हुआ जाता ?

हम सब मानते हैं की ईश्वर की मर्ज़ी के बिना पत्ता भी नहीं हिल सकता फिर इस जल सैलाब से हुई ईश्वर की करनी को आपदा क्यूँ मान रहे

हर कोई कह रहा हैं आपदा प्रबंधन अच्छा नहीं था
अब ईश्वर की मर्ज़ी  नहीं थीं की जो इस बार वहाँ गये हैं वो सब वापिस आये सो कितना भी प्रबंधन किया जाता अंत यही होता जो हुआ हैं

सालो पहले किसी ने केदारनाथ मंदिर बनाया होगा , आज उस मंदिर का ट्रस्ट भी हैं , क्या ईश्वर को ट्रस्ट की जरुरत हैं ? क्यूँ नहीं जो चढावा हैं उसको वैसे ही छोड़ दिया जाए केवल केदारनाथ में ही नहीं हर मंदिर में ताकि जिनके पास ज्यादा हो वो चढा दे और जिनके पास कम हो वो उठा ले क्युकी ईश्वर को किसी चढावे की जरुरत हैं ही नहीं

पहले लोग अपने सब सांसारिक कर्तव्य पूरे करके वानप्रस्थ में आकर जगह जगह ईश्वर को खोजने निकलते थे
कठिन स्थान जहां से गंगा निकलती थी उसको देख कर मुक्ति की कामना करते थे आज कल जो जा रहे हैं उनमे वृद्ध , बच्चे , दुधमुहे बच्चे , नव विवाहित दंपत्ति और गर्भवती स्त्री भी शामिल हैं . इतनी उचाई पर जहाँ ऑक्सीजन कम होती हैं , ठण्ड बहुत होती हैं वहाँ वृद्ध के अलावा जितने जाते हैं वो मात्र टूरिस्ट हैं , वो लोग जो लगे हाथ घुमने के साथ ईश्वर के दर्शन कर , गंगा को देखा कर जीवन सफल करने की कामना रखते हैं .

जब किसी बच्चे की मृत्यु होती हैं या कोई जवान परलोक सीधारता हैं तो लोग कहते हैं ये कोई जाने की उम्र थी ??
लेकिन दूसरी तरफ हम सब मानते हैं की जाता वही हैं जिसकी मृत्यु  निश्चित हैं .

शायद ये सब सैलानी जो आज मुक्त हो चुके इस संसार में अपने सब काम पूरे कर चुके होंगे इसीलिये वो इस यात्रा पर गए क्युकी ईश्वर ने उनके लिये ऐसा ही सोचा था .


हम परेशान क्यूँ होते क्युकी हम ईश्वर के निर्णय पर प्रश्न चिन्ह लगाते हैं अगर हम उसके निर्णय को यथावत स्वीकार करले तो कोई परशानी ही नहीं हैं

लोग कहते हैं धारी देवी की मूर्ति को विस्थापित किया इसलिये ये हुआ , मुझे लगता हैं धारी देवी को पहले से ही पता था की सैलाब में उनका मंदिर डूब जाएगा और उन्होने अपना स्थान बदलने की योजना को कार्यन्वित कर लिया

लोग कहते हैं केदारनाथ का पूरा इलाका जल सैलाब में दूब गया हैं बस मंदिर बचा हैं

सोच कर देखिये मंदिर से ही तो शुरू हुआ था और मंदिर पर ही फिर हम पहुच गए
फिर किस लिये
इतना झूठ
इतना फरेब
इतनी लूट पाट
इतना छल  कपट हम सब करते हैं

आपदा हम सब खुद बढाते हैं , इतने बाज़ार , होटल , हेलीपेड क्या जरुरत थी इन सब की
ईश्वर को शायद वहीँ भक्त अपने द्वार पर चाहिये जो बिना इस सब टीम टाम , ताम झाम के उनसे मिलने आते थे .

ईश्वर सत्य हैं
सत्य ही शिव हैं
शिव ही सुंदर हैं

सत्यम शिवम् सुन्दरम

असतो मा सदगमय, तमसो मा ज्योर्तिगमय, मृत्योर्मा अमृतं गमय।

May 14, 2013

ब्लाग मठ सारावली : भाग - 1 एवम भाग - 2


ब्लाग मठ सारावली : भाग - 1 एवम भाग - 2 ब्लाग मठों की विस्तृत जानकारी देता हुआ ये अनुपम और अनोखा ग्रंथ है जो दो भागों में छपा है. इसमे आपको पाषाणकाल से लेकर आधुनिक काल तक के ब्लाग मठों का इतिहास मिलेगा. यह ग्रंथ खोजपरक और तथ्यपरक सामग्रियों के आधार पर लिखा गया है. यदि आपने यह अनुपम ग्रंथ नही पढा तो आप कभी ब्लाग मठाधीष नही बन पायेंगे. इस पुस्तक के अध्ययन मनन के उपरांत जान पायेंगे कि ब्लाग मठों की कितनी धाराएं और शाखाएं हैं? कौन सा ब्लाग मठ आपकी जरूरत को पूरा कर सकता है? आप एक सफ़ल ब्लाग  मठाधीष बनना चाहते हैं तो सबसे पहले यह अनुपम और अपने आपमे अकेला  ग्रंथ खरीदकर इसका पठन पाठन करें. आपकी सफ़लता सुनिश्चित है. कृपया दोनों भाग एक साथ ही खरीदें जिससे आपको संपूर्ण लाभ मिलेगा. जल्दी करें क्योंकि यह ग्रंथ बडे बडे मठाधीषों ने अग्रिम बुक कर रखा है. तुरंत अपनी प्रति बुक करवा लेवें.










May 02, 2013

प्रोटोकोल क्या कहता हैं , स्टेट फ्यूनरल , झंडे में पार्थिव शरीर को लपेटना किस के लिये मान्य हैं

KAMENT EK
mae is post kae sarbjeet waale hissae se purii tarah ashmat hun

agr ham apne desh me bomb dhamake karnae walo ko sajaa daetey haen to dusrae desho ko bhi adhikaar haen

sarbjeet ek sharbi thaa aesi bhi khabar haen aur sharab pee kar seema par gayaa thaa

ab kyaa yae sarkaar ki jimmedari haen ki wo har sharabi ko pakad kar seema kae andar rakhae

jisnae apnae desh kaa kanun nahin maanaa uskae prati sadbhaw dikhnaa kaunun sahii ho hi nahin saktaa { bhavnatmk rup sae its ok }

ham mae aur dusrae desh me bas itna antar haen ki hamari sarkaar ne " yae nahin kehaa ki sarbjeet bhartiyae nahin haen " jabki wo sarkaar kabhie maanti hi nahin ki hamarey yahaan marne walaa unkae desh kaa thaa

aap sae agrh haen ki aatank sae judae logo , sharabi ityadi kae vishay me likhnae sae pehlae
PLEASE RETHINK
with regards
rachna

KAMENT DO 
KAEMNT TEEN



प्रोटोकोल क्या कहता हैं , स्टेट फ्यूनरल , झंडे में पार्थिव शरीर को लपेटना किस के लिये मान्य हैं ?

बहुत कुछ दिखा ७ साल की हिंदी ब्लोगिंग में . हर साल लोग सोचते हैं "अब गयी "

नज़र अपनी अपनी समझ अपनी अपनी . ६ साल के बाद हिंदी ब्लॉग लेखन
पाठक संख्या ३६५ कमेन्ट लगभग ४० 
५ साल होगये पता भी नहीं चला , मै यहाँ खुश होने आयी थी , खुश करने नहीं और मै उस मकसद में कामयाब हूँ ।
पाठक संख्या ४०६ कमेन्ट २९ 


एक और साल होगया हैं हिंदी में ब्लॉग लेखन करते हुए . इस पूरे साल में खुद ही बहुत कम सक्रिय रही लिखने में लेकिन पढना बदस्तूर जारी रहा . 
बहुत बदलाव दिखा ब्लॉग सम्बन्धो मे 
इस पोस्ट पर मठाधीश के बाद मठ की जानकारी बिना किसी सक्रियता क्रम दिये हुए संबंधो में बहुत बदलाव आया हैं . बहुत से जो नेट वर्किंग के लिये ब्लॉग का इस्तमाल करते थे अब नेटवर्किंग साइट्स पर ब्लोगिंग करते हैं 

इस साल बहुत से ब्लॉगर प्रिंट मीडिया में साहित्यकार बन गए यानी उनकी पुस्तके छप गई हैं या यूँ कहिये ब्लॉग पर जो उन्होने लिखा हैं उसको पैसा देकर उन्होने छपा लिया हैं एक पुस्तक के रूप में . इस साल जैम कर पुस्तक विमोचन हुए हैं हिंदी ब्लॉगर की किताबो के . 

फिर भी लोग कहते हैं ब्लोगिंग में पैसा नहीं हैं :) पब्लिशर की रोजी रोटी का जुगाड़ तो कर ही दिया हैं हिंदी ब्लॉग / ब्लॉगर ने . और साहित्यकार तो पैसे वाले ही बन सकते हैं , इस साल ये पूरी तरह से निश्चित हो गया हैं की हिंदी ब्लॉगर के पास पैसा हैं इस लिये वो साहित्यकार बनने में सक्षम हैं . 

इसी ब्लॉग नेट वर्क के जरिये लोगो ने इतना पैसा इकठा कर लिया हैं किताबे छपा कर की वो अपनी खुद की साईट पर अपना अखबार चला रहे हैं लेकिन ऐसी जानकारियों को छुपा कर रखते हैं और "ब्लॉग परिवार " के साथ नहीं बाँटते हैं 


जिन्होने 'सहभागिता " से पुस्तके छपवाई हैं अब उनको बेचने का जिम्मा भी उन्ही का हैं . तमाम किताब बेचने वाली साईट पर ये पुस्तके उपलब्ध हैं यानी उन साईट का भी फायदा . 

फिर लोगो कहते हैं हिंदी ब्लॉग लेखन में पैसा नहीं हैं :)

एक ही पुस्तक की समीक्षा ना जाने कितने ब्लॉग पर पढने को मिल जाती हैं और सब " सकारात्मक " समीक्षाए हैं मजेदार बात ये हैं की जो समीक्षा करते हैं उन्होने शायद ही कभी उस ब्लॉग पर जा कर कमेन्ट दिया हो जिस को पुस्तक का रूप दिया गया हैं . 

बहुत कुछ दिखा ७ साल की हिंदी ब्लोगिंग में . हर साल लोग सोचते हैं "अब गयी " पर व्यक्ति संबंधो की लिस्ट बढ़ रही हैं मै बस यही कहूंगी 

April 30, 2013

ये एक " खुलासा " पोस्ट हैं

ये एक  " खुलासा " पोस्ट हैं पढने वाले अपने रिस्क पर पढ़े और जिसको जिसके विरुद्ध मान हानि का दावा करना हो करे .

पोस्ट का मज़ा इस बात में हैं आप अगर रेगुलर ब्लॉगर हैं यानी रोज पढ़ते हैं विवादों को तो आप को ये लिंक जल्दी समझ आयेगे वरना आप अपना वक्त ना बर्बाद करे , कुछ सकारात्मक , सार्थक पढ़े

 जो लोग एक ब्लॉग पर ये कहते पायेगे थे की नाम किताब में छपाने के लिये पैसे नहीं दिये गए वो इस लिंक पर तो कुछ और ही कहते नज़र आते हैं 

 इस लिंक पर आप को 'हिन्‍दी का सर्वश्रेष्‍ठ' ब्‍लॉग के विषय में अद्भुत जानकारी मिलेगी और इस लिंक पर कुछ सच्चाई 


April 19, 2013

राम नवमी

हैपी बर्थडे राम जी

जन्म दिन तुम्हारा मिलेगे लड्डू हमको
बधाई हो बधाई

जनम दिन की तुमको



April 18, 2013

सेबी उसको भी बुलाये

काफी साल पहले एक आदमी ने एक छोटी सी जगह में लोगो को भरमा कर चिट फंड में उनका पैसा लगवाया

फिर वहाँ से वो आगे बढ़ा

बढ़ते बढ़ते वो इतना बड़ा आदमी बनगया की सेबी ने उसको बुलवाया और उससे कहा की तुमने जो २ ३  ० ० ० करोड़ रुपया अपने इन्वेस्टर का देना हैं वो वापिस करो


इसी आदमी के यहाँ बहुत से नौकर काम करते थे जो अपने को कॉरपोरेट सेक्टर का मेनेजर कहते थे

उनमे से एक के बॉस को जब नौकरी से निकाला गया तो पेपर में नोटिस आया और साथ में उसकी पूरी टीम भी बाहर कर दी गयी ये काम करते थे एक अखबार में जो उसी का था जिसको सेबी ने बुलवाया था

अब इस आदमी ने  जिसे निकाल दिया गया था सोचा ये तो बड़ा आसन रास्ता हैं

पहले लोगो से पैसा जमा करवाओ
और वो नए नए रास्ते खोजने लगा


उसकी कोशिश रंग लाई आज उसके पास भी एक अखबार हैं और एक एडिटर हैं

जल्दी ही उसकी तरक्की हो
सेबी उसको भी बुलाये
जैसे मालिक के दिन बहुरे
नौकर के भी बहुरेगे क्युकी मालिक के नक्शे कदम अपर वो चल रहा हैं 



April 17, 2013

सो वोट करिये २४ घंटे में एक बार

बहुत ही विश्वस्त सूत्रों से पता चला हैं की अलग अलग केटेगरी में जो ब्लॉग नामांकित हुए हैं उनमे से ४ ब्लॉग एक ही व्यक्ति हैं . यानी अब ये तो मान ही लेना चाहिये की हिंदी ब्लॉग्गिंग इन्ही के कंधो पर टिकी हैं
वोटिंग करना बड़ा रोचक हैं इस ब्लॉग नॉमिनेशन में

मान लीजिये आप के दस ब्लॉग हैं , यानी आप के अपने दस ब्लॉग
तो आपके पास १० ओपन आईडी हुए
ओपन आईडी बोले तो  आप के ब्लॉग का यू आर एल

सो भैया सबसे पहले अपने डेश बोर्ड को खोलिये और लोग इन कर लीजिये
अब वोट वाला पेज एक नए टैब  में खोल ले 
अब वोट वाले पेज पर जहां ओपन आईडी लिखा हैं वहाँ क्लीक करिये
और लोग इन पेज खुल जाएगा
वहाँ ब्लॉग का यू आर एल डाल दीजिये सामने साइन इन लिखा होगा
उसको क्लिक कर दीजिये
उसके बाद आप वैलिडेट होने तक रुकना पड़ेगा
जब वैलिडेट की प्रक्रिया हो जाएगी
तो हिंदी का सर्व शेष्ठ ब्लॉग चुनिये स्क्रॉल करना होगा
उसके सामने वाले टैब पर अपनी पसंद के ब्लॉग को स्क्रॉल करके ऊपर लाईये
उसके बाद उसके आगे ही लिखा होगा वोट करिये वहां बटन दबा दीजिये
फिर इंतज़ार करिए
जब वो कहे आप का वोट होगया तो चेक करिये उसी ब्लॉग का नाम था या नहीं
अब वही लोग आउट करिये

और अपने दुसरे ब्लॉग यूआरएल को डालिये
और पूरी प्रक्रिया दुबारा करिये


१0  वोट जब पड़ जाते हैं तो १% बढ़ता हैं



सो वोट करिये २४ घंटे में एक बार


किसको वोट दे रहे हैं

नारी ब्लॉग को दे दे

कितनी अच्छी तरह समझया हैं


पिछली पोस्ट जरुर पढिये बड़ी रोचक हैं  वरना १ ६ ० पाठक ना आते













April 15, 2013

अपने ही अखबार में अपना ही इंटरव्यू देना और प्रचार करना इतिहास ऐसे ही बनता हैं और बिकता हैं

SOUTHASIATODAY.ORG - Whois Information
Access to .ORG WHOIS information is provided to assist persons in 
determining the contents of a domain name registration record in the 
Public Interest Registry registry database. The data in this record is provided by 
Public Interest Registry for informational purposes only, and Public Interest Registry does not 
guarantee its accuracy.  This service is intended only for query-based 
access. You agree that you will use this data only for lawful purposes 
and that, under no circumstances will you use this data to: (a) allow, 
enable, or otherwise support the transmission by e-mail, telephone, or 
facsimile of mass unsolicited, commercial advertising or solicitations 
to entities other than the data recipient's own existing customers; or 
(b) enable high volume, automated, electronic processes that send 
queries or data to the systems of Registry Operator, a Registrar, or 
Afilias except as reasonably necessary to register domain names or 
modify existing registrations. All rights reserved. Public Interest Registry reserves 
the right to modify these terms at any time. By submitting this query, 
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Domain ID:D167671499-LROR
Domain Name:SOUTHASIATODAY.ORG
Created On:23-Jan-2013 12:55:54 UTC
Last Updated On:25-Mar-2013 03:45:45 UTC
Expiration Date:23-Jan-2014 12:55:54 UTC
Sponsoring Registrar:GoDaddy.com, LLC (R91-LROR)
Status:CLIENT DELETE PROHIBITED
Status:CLIENT RENEW PROHIBITED
Status:CLIENT TRANSFER PROHIBITED
Status:CLIENT UPDATE PROHIBITED
Registrant ID:CR135103267
Registrant Name:Shubhendu Prabhat
Registrant Organization:South Asia Today
Registrant Street1:Indra Enclave
Registrant Street2:
Registrant Street3:
Registrant City:New Delhi
Registrant State/Province:Delhi
Registrant Postal Code:110001
Registrant Country:IN
Registrant Phone:+91.9794289797
Registrant Phone Ext.:
Registrant FAX:
Registrant FAX Ext.:
Registrant Email:augustvinay@gmail.com
Admin ID:CR135103269
Admin Name:Shubhendu Prabhat
Admin Organization:South Asia Today
Admin Street1:Indra Enclave
Admin Street2:
Admin Street3:
Admin City:New Delhi
Admin State/Province:Delhi
Admin Postal Code:110001
Admin Country:IN
Admin Phone:+91.9794289797
Admin Phone Ext.:
Admin FAX:
Admin FAX Ext.:
Admin Email:augustvinay@gmail.com
Tech ID:CR135103268
Tech Name:Shubhendu Prabhat
Tech Organization:South Asia Today
Tech Street1:Indra Enclave
Tech Street2:
Tech Street3:
Tech City:New Delhi
Tech State/Province:Delhi
Tech Postal Code:110001
Tech Country:IN
Tech Phone:+91.9794289797
Tech Phone Ext.:
Tech FAX:
Tech FAX Ext.:
Tech Email:augustvinay@gmail.com
Name Server:NS03.DOMAINCONTROL.COM
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Name Server: 
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Name Server: 
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Name Server: 
Name Server: 
Name Server: 
DNSSEC:Unsigned

शुभेदु प्रभात  मालिक हैं SOUTHASIATODAY.ORG 

बाकी मान हानि का दावा और नोटिस भेजना , किसी महिला को ईमेल से धमकी दिलवाना , 
उसके खिलाफ लिखना और वो लिखना जो उसने कहा ही नहीं , क्या बात हैं :)) ये सब खेल हैं   
तो अबकी बार ये खेल ही सही , नोटिस भिजवाना कौन सी  बात  बड़ी  हैं 

तकनीक कितनी आगे हैं ये कौन नहीं जानता 


अपने ही अखबार   में अपना ही इंटरव्यू  देना और प्रचार करना इतिहास ऐसे ही बनता हैं  और बिकता हैं 

 
" ब्लॉग-जगत में 'नारी' की असलियत "  बताने वाले अपनी असलियत भी औरो को क्यूँ नहीं बताते क्यूँ 
 
अपने और अपने परिवार को आगे बढाने के लिये हिंदी ब्लोगर का इस्तमाल वो एक सीढ़ी की तरह करते हैं और जो खिलाफत में बोलता हैं 
उसके खिलाफ पोस्ट लगा कर मदारी की तरह मजमा इकठा करते हैं 
 
 


 
  
 

April 13, 2013

एक ईमेल जवाब प्रति जवाब -South Asia Today

Editor South Asia Today <editor@southasiatoday.org>
10:42 (3 hours ago)

to me
Ms. Rachana ji,

The views and the script published in South Asia Today are the writer's own. and South Asia Today is not to be blemed for that. This letter of your had been forwarded to Mr. Prabhat & Mrs. Nazia Rizvi.

But here the charges framed against Mr. Prabhat are baseless that "He took the money and published the names of the bloggist and rest ware ignored who did'nt pay."

Charges framed by you if are not found to be true . Then may be you will find your self in the contempt of humanrights laws.  

Thanking You 
South Asia Today

Copy to : (1) Mr. Ravindra Prabhat 
               (2) Mrs. Nazia Rizvi
 
 
to Editor
http://www.nukkadh.com/2011/04/blog-post_2970.html

विशेष सूचना : 12 अप्रैल 2011 तक बुकिंग करवाने वाले ब्‍लॉगरों के नाम, ब्‍लॉग पते और ई मेल पते पुस्‍तक में बिना किसी अतिरिक्‍त भुगतान के शामिल/ प्रकाशित किए जायेंगे। 

इस सूचना को ब्‍लॉगहित में सबके साथ साझा कीजिए।

dear editor 
please go on this link and see the truth in my statement 
regards 
rachna 



Editor South Asia Today
13:23 (47 minutes ago)

to me
   
Translate message
Turn off for: Hindi
12 अप्रैल 2011 तक बुकिंग करवाने वाले ब्‍लॉगरों के नाम, ब्‍लॉग पते और ई मेल पते पुस्‍तक में 


 प्रकाशित किए जायेंगे। 

Regarding your statement, this is no truth , because link related to advance booking offer for Book . 

रचना >
14:02 (8 minutes ago)

to Editor
those who did not pay were not included in the book
please read the full content of the said book
for inclusion one had to buy the book
why
does history means pay and get your self included
prebooking is conditional here
prebook , give details get included
its proof enough for my comment
here is the complete jist of the said post
your agreement or non agreement does not change the wider picture and the TRUTH
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हिन्‍दी ब्‍लॉगिंग संबंधी पुस्‍तकों की अग्रिम बुकिंग से कमाई : 15 अप्रैल 2011 के बाद पुस्‍तक की बुकिंग तो की जाएगी परंतु ब्‍लॉगर का विवरण पुस्‍तक में प्रकाशित होने की गारंटी नहीं है

 

विशेष निर्णय के तहत आज 14 सितम्‍बर 2011 हिंदी दिवस से अगले वर्ष 2012 के हिंदी तक दिवस तक, यदि पुस्‍तकें उपलब्‍ध रहेंगी, तो दोनों पुस्‍तकों के विशेष मूल्‍य रुपये 450/- केवल में मिलती रहेंगी। आप तो बस दिए गए खाते में राशि जमा करवा दीजिए और उसकी सूचना nukkadh@gmail.com पर भेज दीजिए। पुस्‍तकें आपके पास दौड़ी चली आयेंगी।
(१) पुस्तक का नाम : हिंदी ब्लॉगिंग : अभिव्यक्ति की नयी क्रान्ति
यह पुस्तक अविनाश वाचस्पति और रवीन्द्र प्रभात के द्वारा संपादित है
 मूल्य : 495/- ( डाक खर्च अलग से )
प्रकाशक : हिंदी साहित्य निकेतन, 16, साहित्‍य विहार, बिजनौर (ऊ.प्र.) 246701

(२) पुस्तक का नाम : हिंदी ब्लॉगिंग का इतिहास
लेखक का नाम : रवीन्द्र प्रभात
मूल्य : 250 /-( डाक खर्च अलग से)
प्रकाशक : हिंदी साहित्य निकेतन, 16, साहित्‍य विहार, बिजनौर (ऊ.प्र.) 246701
महाविशेष सूचना :
आप सबके विशेष अनुरोध पर निर्णय लेते हुए यह सूचित किया जाता है कि क्‍योंकि अभी तक बहुत से हिन्‍दी ब्‍लॉगर साथियों तक सूचना या तो देर से पहुंची है अथवा नहीं पहुंची है इसलिए कल के अवकाश को ध्‍यान में रखकर तिथि को 15 अप्रैल 2011 शुक्रवार सांय 6 बजे तक बढ़ाया गया है लेकिन इसके बाद किसी भी स्थिति में ब्‍लॉगरों का विवरण पुस्‍तक में शामिल नहीं किया जा सकेगा। पुस्‍तक 16 अप्रैल 2011 से प्रेस में पहुंचकर प्रिंट होनी शुरू हो जाएगी। इसलिए 15 अप्रैल 2011 को सांय 6 बजे बाद प्राप्‍त किसी विवरण को पुस्‍तक में, किसी भी स्थिति-परिस्थिति में सम्मिलित नहीं किया जा सकेगा। हां, पुस्‍तकों की बुकिंग की सुविधा इन्‍हीं नियमों के अंतर्गत अवश्‍य 25 अप्रैल 2011 तक की जा सकेगी। 25 अप्रैल 2011 के बाद 26 अप्रैल 2011 से दोनों पुस्‍तकों की अग्रिम बुकिंग 495/- रुपये में की जा सकेगी।
विशेष सूचना : 12 अप्रैल 2011 तक बुकिंग करवाने वाले ब्‍लॉगरों के नाम, ब्‍लॉग पते और ई मेल पते पुस्‍तक में बिना किसी अतिरिक्‍त भुगतान के शामिल/ प्रकाशित किए जायेंगे। 

रुपये 450/- केवल भेजने के लिए आप अपनी सुविधानुसार निम्‍नलिखित तीन विकल्‍पों में किसी एक का चयन कर सकते हैं
1. आप मनीआर्डर से सीधे हिंदी साहित्य निकेतन, 16, साहित्‍य विहार, बिजनौर (ऊ.प्र.) 246701 के पते पर राशि भेज सकते हैं परंतु मनीआर्डर के पीछे संदेश में अपना पूरा पता, फोन नंबर ई मेल आई डी के साथ अवश्‍य  लिखें।
2. तकनीक का लाभ उठाते हुए आप बैंक ऑफ बड़ौदा, बिजनौर के नाम हिन्‍दी साहित्‍य निकेतन के खाता संख्‍या 27090100001455 में नकद जमा करवा सकते हैं। इस सुविधा का लाभ उठाने के बाद जमा पर्ची का स्‍कैन चित्र मेल पर अपनी पूरी जानकारी के साथ अवश्‍य भिजवायें।
3. आप यह राशि हिन्‍दी साहित्‍य निकेतन के नाम ड्राफ्ट के द्वारा भी डाक अथवा कूरियर के जरिए भेज सकते हैं। चैक सिर्फ सी बी एस शाखाओं के ही स्‍वीकार्य होंगे।
आप जिस भी विकल्‍प का चयन करें, उसका उपयोग करने के बाद इन ई मेल पर सूचना भी अवश्‍य भेजने का कष्‍ट कीजिएगा
giriraj3100@gmail.comravindra.prabhat@gmail.com & nukkadh@gmail.com पर जरूर भेजिएगा।


ज्ञातव्‍य हो कि उपरोक्त दोनों पुस्तकों का सम्मिलित मूल्य है रुपये. 745/- किन्तु  लोकार्पण से पूर्व यानी दिनांक २५.०४.२०११ तक संयुक्त रूप से दोनों पुस्तकों की खरीद पर डाक खर्च सहित रू. 450/- ही देने होंगे !
ऑर्डर सीधे प्रकाशक : हिंदी साहित्य निकेतन, 16, साहित्‍य विहार, बिजनौर (ऊ.प्र.) 246701 के नाम भेजना है !

किसी प्रकार की शंका होने पर ई मेल भेजने अथवा फोन से बात करने पर हिचकिचाएं मत।

 

 एक ईमेल जवाब प्रति जवाब 
 

April 09, 2013

ब्लॉग एक्टिविज्म के लिये नारी ब्लॉग का नोमिनेशन

एक एक्टिविस्ट - नारी ब्लॉग

Activism consists of efforts to promote, impede, or direct social, political, economic, or environmental change, or stasis.

अगर आप को लगता हैं की "नारी ब्लॉग " ने पिछ्ले कुछ सालो में हिंदी ब्लॉग जगत में एक एक्टिविस्ट की भूमिका निभाई हैं तो आप इस लिंक पर जा कर नारी ब्लॉग को वोट दे सकते हैं

https://thebobs.com/hindi/category/2013/best-blog-hindi-2013/

ब्लॉग एक्टिविज्म के लिये नारी ब्लॉग का नोमिनेशन भी नारी ब्लॉग के पाठको ने किया हैं और वोट भी वही दे कर नारी ब्लॉग को आगे ले जा सकते हैं

https://thebobs.com/hindi/category/2013/best-blog-hindi-2013/

 

कुछ जानकारियाँ आप की सुविधा के लिये  

क्या है बॉब्स


क्या है बॉब्स
डॉयचे वेले के अंतरराष्ट्रीय ब्लॉग पुरस्कार बेस्ट ऑफ ब्लॉग्स में 12 भाषाओं के उन ब्लॉग को पुरस्कृत किया जाता है जो इंटरनेट में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और खुले विचार पेश करते हैं. बॉब्स की शुरुआत 2004 में हुई. उस वक्त इसका मकसद था इंटरनेट में सूचना के नए तरीकों को बढ़ावा देना, नए मिसालों को पहचानना और अलग अलग भाषाओं में सूचना के नए तरीकों को बढ़ावा देना.
इस पुरस्कार के जरिए डॉयचे वेले कोशिश करता है कि खुली बहस हो और मानवाधिकारों को इंटरनेट में बढ़ावा मिल सके.

  • सर्वश्रेष्ठ ब्लॉग
इस श्रेणी में उस ब्लॉग को सम्मानित किया जाता है जो मानवाधिकार को बढ़ावा देता है और सार्वजनिक हित वाले मुद्दे उठाता है.
सामाजिक हित के लिए तकनीक का बेहतरीन इस्तेमाल

जनता पुरस्कार
लोगों की वोटिंग के मुताबिक हर नामांकित ब्लॉगर को यह पुरस्कार दिया जाता है. जिस ब्लॉग या प्रोजेक्ट को सबसे ज्यादा वोट मिलते हैं, उसे इनाम दिया जाता है.

March 25, 2013

प्रतुल वशिष्ठ को बधाई

प्रतुल एवम  सारिका 
मन गद गद होगया की आप के जीवन में "ख़ुशी " ने देर से ही सही आने का रास्ता खोज ही लिया . बहुत कम खुशकिस्मत होते हैं जो अपने लिये जैसा चाहते हैं वैसी "वंशिका " खोज पाते हैं . इतनी खुबसूरत "अनुपमा " आप को मिल गयी हैं आप के लिये इस से अच्छी "निधि " क्या होगी . 
आप दोनों को असीम सुख मिले  अपनी इस संतान से मेरी यही कामना हैं


March 24, 2013

क्या ऐसे प्रकाशक के ऊपर कोई भी क़ानूनी कार्यवाही महज इस लिये नहीं हो सकती क्युकी एग्रीमेंट में कोई डेट दी ही नहीं होती हैं जिस पर पुस्तक छप कर लेखक को देना प्रकाशक का काम हो .

हिंदी में सहयोग राशि से  प्रकाशक पुस्तके छापते हैं और सहयोग राशि लेने के बाद फ़ोन भी उठाना बंद कर देते हैं . एग्रीमेंट करने के बाद लेखक की पांडुलिपि अपने पास रख लेते हैं और साल साल भर तक पुस्तक को ठंडे बस्ते में डाल देते हैं .

बहुत से हिंदी के लेखक अक्सर इस प्रक्रिया से गुजरते हैं और अगर उनसे कहों की आप इस प्रकार का गैर जिम्मेदारना रवयीआ क्यूँ स्वीकार करते हैं तो पता चलता हैं की एग्रीमेंट में राशि , लेखक और प्रकाशक का तो पूरा उल्लेख होता हैं लेकिन कहीं भी उस तारीख का कोई उल्लेख नहीं होता जिस तारीख को पुस्तक प्रकाशित होनी होती हैं .

क्या हिंदी के लेखक इतने अनभिज्ञ हैं या हिंदी की पुस्तके इसी प्रकार से छापी जाती रही हैं . ब्लॉग जगत में भी बहुत से ब्लोगर अपनी पुस्तके सहयोग राशि से ही छपवा रहे हैं .

क्या उन्हे भी इसी प्रक्रिया से गुजरना होता हैं .

क्या ऐसे प्रकाशक के ऊपर कोई भी क़ानूनी कार्यवाही महज इस लिये नहीं हो सकती क्युकी एग्रीमेंट में कोई डेट दी ही नहीं होती हैं जिस पर पुस्तक छप कर लेखक को देना प्रकाशक का काम हो .



February 28, 2013

ईश्वर - हिन्दू धर्म

 हम लोग ईश्वर भक्त और ईश्वर से डरने वाले माने जाते है . लेकिन फिर भी हममे से बहुत से ईश्वर के इंसानी रूप में किये हुए व्यवहार को कसौटी पर भी कसते हैं . कहीं राम को महज पुरुष मान कर उनके व्यवहार पर चिंतन होता हैं , तो कहीं कृष्ण प्रेम  { पत्नी से इतर प्रेम } पर बात होती हैं .

February 04, 2013

मेरी बधाई और शुभकामना घुघूती जी के पूरे परिवार के साथ हैं

अत्यंत हर्ष के साथ सूचित कर रही हूँ की घुघूती बासूती जी नानी बन गयी हैं और उनके घर एक नन्ही परी  आयी हैं .
घुघूती बासूती जी के घर में ये पहली ग्रैंड चाइल्ड हैं और  घुघूती बासूती जी की माँ जो 90 वर्ष की हैं और घुघूती जी के साथ ही रहती हैं अत्यंत हर्षित हैं अपनी बेटी की नातिन के जनम पर

मेरी बधाई और शुभकामना घुघूती जी के पूरे परिवार के साथ हैं और
उनकी नन्ही परी के लिये ढेर सारा प्यार


घुघूती जी का आग्रह हैं की नाम सुझाए

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