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आपके प्रस्ताव का मैं पूर्ण समर्थन करती हूँ......आपने मेरे ही मन की बात कह दी.
ब्लोग्वानी या इसी तरह के और भी एग्रीगेटर के रूप में जो इतना बड़ा प्लेटफोर्म उपलब्ध है हिंदी पाठकों को इसकी कीमत अधिकांश लोग बिलकुल ही नहीं समझ नहीं पा रहे...मुझे बड़ा ही अफ़सोस होता है यह देखकर..यदि यह माध्यम उपलब्ध न हो तो लेखक पाठक वर्ग कहाँ से तलाशेंगे...?????????
टीम ने निशुल्क इस सेवा के लिए अपने जेब से जो खर्च किया है या जो समय और श्रम खर्च कर रहे हैं,उसकी क्या कोई कीमत नहीं होनी चाहिए ????
मेरा तो सुझाव है कि टीम कुछ और सुविधाएँ अपने अग्रीगेटर में जोड़ दे और उसके लिए निश्चित शुल्क ले....
ब्लोग्वानी टीम को मैं बहुत बहुत धन्यवाद देना चाहूंगी कि उन्होंने सेवा फिर से बहाल कर दी...
क्या हिन्दी को नेट पर आगे ले जाने की जिम्मेदारी केवल अग्रीगेटर की हैं ?? और ये तर्क हम कब तक देते रहेगे की "हिन्दी का गरीब लेखक क्या करे ?"
हिन्दी के लेखक कब तक गरीब रहेगे या हिन्दी कब तक गरीबो की भाषा रहेगी या हम केवल दयनीयता का दिखावा करके अपना दामन छुडाते रहते हैं ।
आज ब्लोगवाणी टीम ने एक दिन के लिये अपनी फ्री सेवा अनुपलब्ध कर दी और "त्राहि माम " की गूंज होगई । कल अगर किसी वज़ह से ब्लोगवाणी टीम इस से उकता जाए या इसको ना चला सके तो क्या होगा हिन्दी ब्लोगिंग का ?
क्या इसके लिये जरुरी नहीं हैं की हम स्वाबलंबी बने और एक ऐसा मंच तैयार हो जहाँ हिन्दी ब्लॉगर हिन्दी प्रमोशन के लिये पैसा देकर एक संचालक की सेवाये ले ।
रही बात जो समर्थ हैं तो क्यूँ हम असमर्थ रहना चाहते हैं । क्यूँ हम दूसरो पर निर्भर रहना चाहते हैं । क्यूँ बात डोनेशन की होती हैं और फिर कहा जाता हैं की जो ज्यादा देता हैं उसकी सुनी जाती हैं ।
समय रहते चेत जाये तो बेहतर हैं , १२०० रुपए सालाना प्रति ब्लॉग देकर { या कोई भी निश्चित राशि } अगर हम किसी की सेवाए नहीं उसकी योग्यता से अपने लिखे को आगे बढाए तो इसमे क्या हिन्दी आगे नहीं जायेगी ।
एक दूसरे की पोस्ट पसंद ना पसंद करके हम केवल ग्रुप को ही बढ़ावा देते हैं
अगर आप को ग्रुप को ही बढवा देना हैं तो आप अपनी पसदं का सिंपल और आसन फीड एग्रेगेटर ख़ुद ही बना सकते है और ये सुविधा ब्लॉग स्पॉट पर बहुत पहले से हैं
मेरे लिये पाठक की राय बहुमूल्य हैं , मुझे मुद्दे पर बहस से कोई उज्र नहीं हैं । ब्लोगिंग शगल हैं मुझ जैसो के लिये जो अपने मन की लिखते है और पाठक की राय की प्रतीक्षा करते हैं ।