मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

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August 07, 2010

प्रेरणा और चोरी मे अंतर हैं

काफी समय पहले से हिंदी जाल पर दूसरो कि पोस्ट को अपनी कह कर हिंदी जाल पर ब्लॉग लिखे जा रहे थे । तब उनकी भर्त्सना खुले मन से होती थी ।
आज ३ साल बाद देखने मे आ रहा हैं कि एक ब्लॉगर निरन्तर अखबारों से और किताबो से भारतीये संस्कृति , नारीवाद और ना जाने कितने विषयों पर लिखे आलेखों को सीधा सीधा टीप कर अपने ब्लॉग पर डाल रहा हैं और लोग उसकी पीठ थप थापा रहे हैं ।
उसकी पिछली दो तीन पोस्ट मे वो कमेन्ट भी हटा दिये गए हैं जो उन लिनक्स कि और इंगित करते हैं जहा ओरिजिनल आर्टिकल हैं ।

क्या हम सही करते हैं ऐसे लोगो को उर्जावान कह कर जो जान कर अपने को इंटेलिजेंट साबित करना चाहते हैं । जिस उम्र मे उनको अपनी जीविका के साधन जुटाने चाहिये उस उम्र मे वो चोरी कर रहे हैं ।

कमाल हैं ,

नाम देने कि जरुरत आज महसूस नहीं हो रही पर शीघ्र ही दूंगी

प्रेरणा और चोरी मे अंतर हैं , ओरिजिनल लेखक का नाम देना और लिंक देना जरुरी हैं

3 comments:

  1. बात आपकी सही है लेकिन ज़रा आप भी उस ओरिजिनल लेखक का नाम और लिंक दें जो ऐसा कर रहा है

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  2. rachna ji aap se bilkul sehmat hoon..par kaun kar raha hai aisa?

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  3. रचना जी से पूर्णतः सहमत, ऐसा बहुत दिनो से चल रहा है और इस पर रोक लगनी ही चाहिये।

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