क्या आप जानते हैं की भारतीये होटल अब वेजिटेरियन खाने को ज्यादा अहमियत देने वाले हैं । कारण बड़ा सीधा हैं एक सर्वे ने बताया हैं की जिन लोगो के पास ज्यादा पैसा हैं यानि खरीदने की ज्यादा ताकत हैं वो सब ज्यादातर वेजिटेरियन हैं और उन में से बहुत से ऐसे हैं जो होटल में केवल इस लिये खाना नहीं खाते हैं क्युकी वहाँ नॉन वेजिटेरियन खाना भी बनता हैं । अब बहुत से होटलों ने केवल वेजिटेरियन खाना बनाने और बेचने की सोची हैं ।कुछ होटल अपने यहाँ अलग से शाकाहारी खाने का काउंटर भी लगाने की सोच रहे हैं ।
क्या आप को लगता हैं अब शाकाहारी खाने के शौक़ीन ज्यादा बाहर जा कर खाना पसंद करेगे ?
शाकाहारी खाना सेहत के लिये फायदेमंद हैं ये सब जानते हैं । मेरा मानना हैं खाना अपनी पसंद का ही खाना चाहिये लेकिन नॉन वेज खाने के साथ जुड़ी जीव ह्त्या मुझे उस खाने को खाने से हमेशा रोकती हैं ।
लोग वेज नॉन वेज को हिन्दू मुस्लिम से जोड़ कर एक दूसरे पर तोहमत लगाते हैं , विज्ञान खाने के लिये जीव ह्त्या को कभी सही तो कभी गलत मानता हैं , गलत तब जब जिसको मारा जा रहा हैं वो प्रजाति विलुप्त हो रही हो ।
आज कल दिल्ली में गिलहरी का meat खाने के शौक़ीन भी पाए जा रहे हैं । सोच कर भी मन व्यथित होता हैं जब इस प्रकार से जीव ह्त्या होती हैं ।
जो लोग विदेशो में जा कर बर्गर , हॉट डॉग इत्यादि बड़े शौक से खाते हैं अगर कभी ध्यान दे तो पायेगे वो सब गाय के मॉस से ही बनते हैं । खाने से पहले एक बार काउंटर पर पूछ ले तो आप को भ्रम नहीं रहेगा ।
नॉन वेज खाने वाले मानते हैं नॉन वेज नॉन वेज होता हैं किसी भी जीव का हो क़ोई फरक नहीं पड़ता हैं ।
जापान में शायद ही क़ोई सलाद हो जिसमे मछली ना पड़ती हो , वहाँ मछली वेज मानी जाति हैं । बंगकोक में बीफ को वेज मानते हैं और वेज बर्गर मांगने पर मेक्डोनाल्ड ने मुझ बीफ बर्गर दिया था पर वहाँ की मेनेजर ने मुझे खाने से रोका था और कहा था की आप भारतीये हैं ये आप ना खाये ।
आज के लिये इतना ही
सच बोलना जितना मुश्किल है , सच को स्वीकारना उस से भी ज्यादा मुश्किल है . लेकिन सच ही शाश्वत है और रहेगा मुझे अपने सच पर उतना ही अभिमान है जितना किसी को अपने झूठ से होने वाले फायदे पर होता हैं