चलिये सरकार जग गयी और 26/11 के पांच साल पूरे होने से पहले ही कसाब को फांसी हो ही गयी . जो मुकदमा फास्ट ट्रैक होना चाहिये था उसको इतना लम्बा समय लग ही गया लेकिन अंत भला सो सब भला
सभी देशवासियों को बधाई
सभी देशवासियों को बधाई
सच बोलना जितना मुश्किल है , सच को स्वीकारना उस से भी ज्यादा मुश्किल है . लेकिन सच ही शाश्वत है और रहेगा मुझे अपने सच पर उतना ही अभिमान है जितना किसी को अपने झूठ से होने वाले फायदे पर होता हैं