मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

December 23, 2012

सचिन तेंदुलकर

सचिन ने वन डे क्रिकेट से संन्यास ले लिया हैं , पकिस्तान के साथ शुरू होने वाली सीरिज का हिस्सा वो नहीं होंगे . ये वही सचिन हैं जिन्होने कारगिल के बाद पकिस्तान के साथ मैच के लिये मना किया था


November 21, 2012

सभी देशवासियों को बधाई

चलिये सरकार जग गयी और 26/11 के पांच साल पूरे होने से पहले ही कसाब को फांसी हो ही गयी . जो मुकदमा फास्ट ट्रैक होना चाहिये था उसको इतना लम्बा समय लग ही गया लेकिन अंत भला सो सब भला


सभी देशवासियों को बधाई 

October 26, 2012

जिस दिन भी किसी भी धर्म का कोई उत्सव हो उस दिन उस धर्म के विरुद्ध कुछ भी लिखना केवल दुर्भावना को ही जन्म देगा

 मेरा कमेन्ट यहाँ 


पिछली होली पर जाकिर ने पेड काटने के खिलाफ तर्क आधारित पोस्ट लगाई थी और मैने तथा कुछ और लोगो ने आपत्ति की थी की त्यौहार पर इस प्रकार की पोस्ट देने से सद्भावना की जगह दुर्भावना मन में आती हैं . वही इस पोस्ट के लिये भी कहूँगी की इस पोस्ट को लगाने का समय बिलकुल गलत हैं क्युकी कल बकरीद हैं और इस प्रकार की पोस्ट का कोई औचित्य नहीं हैं .
हर धर्म के अपने नियम कानून हैं और वो उसी हिसाब से चलता हैं , कम से कम जिस दिन भी किसी भी धर्म का कोई उत्सव हो उस दिन उस धर्म के विरुद्ध  कुछ भी लिखना केवल दुर्भावना को ही जन्म देगा . आप ईद पर लिखो , वो दिवाली पर लिखे आप रमजान के खिलाफ लिखो वो नवरात्र के खिलाफ लिखे क्या हासिल होगा ?? पोस्ट इस समय हटा ली जाये तो बेहतर होगा और सही समय पर दुबारा दी जाये

मेरा कमेन्ट

मेरा कमेन्ट यहाँ 
नर्स शब्द अगर आप खोजे तो गूगल नर्सिंग शब्द को प्राथमिकता देता हैं . नर्स शब्द का अर्थ हैं

nurse/nərs/

Noun:
A person trained to care for the sick or infirm, esp. in a hospital.

Verb:
Give medical and other attention to (a sick person).

Synonyms:
noun.  nanny - sister - nursemaid - wet nurse
verb.  suckle - tend - attend - nourish - cherish - nurture



इस मे कहीं भी स्त्री लिंग या पुल्लिंग का विभाजन नहीं हैं . भारत में स्त्रीलिंग और पुल्लिंग में जेंडर न्यूट्रल शब्दों को विभाजित करने की परम्परा हैं जो की ब्लॉग जगत में बहुत शिद्दत से सामने आती हैं . नेट पर ये सुविधा हैं की हम अपनी जानकारी तुरंत बढ़ा सकते हैं .
नारियों को काम करने की सुविधा बहुत बाद में इस समाज में मिली हैं और वो भी बहुत मुश्किलों से और बार बार उनको कसौटी पर रगड़ कर देखा जाता हैं .

किसी भी दफ्तर में अगर एक ही समय एक स्त्री और पुरुष को काम दिया जाता हैं तो नज़र नारी पर राखी जाती हैं , कहीं फ़ोन पर बात तो नहीं कर रही , कही  देर से तो नहीं आयी , कहीं आपस में गप तो नहीं मार रही , पुरुष के मुकाबले घर जल्दी तो नहीं जा रही .

क्यूँ ?? क्युकी नारी को ऑफिस मे देखना यानी किसी पुरुष की नौकरी छीन जाना होता हैं . जमाने से वार्ड बौय की जिम्मेदारी होती हैं मरीजों का मल मूत्र साफ़ करना , पॉट लगाना , उनको नाश्ता कराना लेकिन कितने करते हैं ?? आया होती हैं महिला वार्ड में उनका भी यही कार्य हैं पर कितनी करती हैं , सब मरीजों के घर के लोगो से ही अपेक्षित होता हैं . सरकारी अस्पताल हो या प्राइवेट सब जगह एक ही चलन हैं .

सेवा भाव स्त्री या पुरुष के लिये अलग अलग नहीं होता हैं आपकी या हमारी सोच में लिंग विभाजित काम हैं ये . स्त्री सेवा ज्यादा सहज कर सकती हैं ये क्यूँ सोचा जाता हैं ??? उस से इतने अपेक्षा ही क्यूँ हैं . सेवा  पुरुष भी उतनी ही कर सकता हैं ,

नर्सिंग एक प्रोफेशन हैं , नौकरी हैं , ट्रेनिंग के बाद होती हैं इस लिये उसके नियम स्त्री और परुष दोनों के लिये बराबर हैं . जैसे डॉक्टर के . मरीज बस मरीज हैं उसकी देख्बहाल करना नर्स का काम मात्र हैं इसको सेवा कहना गलत हैं ,

सेवा भाव वाली बात तब होती थी जब कोई  किसी युद्ध भूमि में सैनिको की सेवा के लिये नर्स बन कर जाता था / थी और वहाँ बिना पैसे के अपनी सेवाये देता था .

सेवाए यानी सर्विसेस .

अस्पताल में काम करने वाले व्यक्ति केवल और केवल नौकरी करते है सेवा का कोई लेना देना होता नहीं हैं


बाकी आप को लगता हैं महिला कुछ नहीं करती बस होड़ करती हैं आपस में की कौन कम से कम काम करे तो ये आप की सोच गलत हैं , क्युकी अगर वो आप से ज्यादा कमा रही हैं तो कहीं ना कहीं आप से ज्यादा काबिल होंगी { अब ये ना कहे की महिलाओ की क़ाबलियत क्या हैं हमें पता हैं } .

बच्चो को स्नेह और आशीष आशा हैं स्वास्थ लाभ कर रहे होंगे .

और सरकारी अस्पताल में शिकायत पुस्तिका होती हैं , शिकायत दर्ज की या नहीं . सरकारी नौकरी का मतलब हम सब को पता हैं . जब मिल जाए तो एश हैं , बैठे बैठे खाने का जुगाड़ , बुढापे में पेंशन { साथ में सीनियर सिटिजन का रिबेट } अगर सेवा काल में मृत्यु तो परिजन को नौकरी उफ़ इतनी सुविधा में तो हर स्त्री पुरुष काम करना बंद कर ही देता हैं :)