प्रतुल एवम सारिका
मन गद गद होगया की आप के जीवन में "ख़ुशी " ने देर से ही सही आने का रास्ता खोज ही लिया . बहुत कम खुशकिस्मत होते हैं जो अपने लिये जैसा चाहते हैं वैसी "वंशिका " खोज पाते हैं . इतनी खुबसूरत "अनुपमा " आप को मिल गयी हैं आप के लिये इस से अच्छी "निधि " क्या होगी .
आप दोनों को असीम सुख मिले अपनी इस संतान से मेरी यही कामना हैं
आपकी शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद।
ReplyDeleteआपका आशीर्वचन 'भव्या' के लिए औषधि बन गया ... स्वास्थ्य बेहतर हो रहा है। :)
suprabhat guruji,
Deletekaise hain aap......aasha hai sab thik hoga.....
mangalkamnayen 'naunihalon' ke liye...
pranam.
प्रतुल जी को मेरी ओर से भी बधाई !
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