मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

May 10, 2011

सलीका

अब पुरूस्कार मिलते नहीं
प्राप्त किये जाते हैं
अच्छा हैं कुछ तो समय बदला
वर्ना सब कुछ यहाँ
हिंदी वालो के लिये
मरणोपरांत ही होता था

अब किस मे हैं इतनी सहनशीलता
कि लिखता रहे मरने तक
और मर जाये लिखते लिखते
एक पुरूस्कार की आस मे


अब तो सब रेडीमेड होगया हैं
लिखना भी , पुरुस्कृत होना भी

पहले लोग कहते थे
हमे अपनी जिंदगी लगा दी
तब जा कर लिखने का
सलीका आया

अब लोग कहते हैं
हमने एक ग्रुप बनाया और
लिखने वालो को
पुरूस्कार पाने का
सलीका सिखाया

No comments:

Post a Comment

Blog Archive