वाह रे अमेरिका
एक ही दिन मे दो प्रेस कांफेरेंस
तक़रीबन एक ही समय
एक भारत मे
एक पाकिस्तान मे
और दोनों मे विरोधी सन्देश
बेवकूफ समझा हैं क्या
सच बोलना जितना मुश्किल है , सच को स्वीकारना उस से भी ज्यादा मुश्किल है . लेकिन सच ही शाश्वत है और रहेगा मुझे अपने सच पर उतना ही अभिमान है जितना किसी को अपने झूठ से होने वाले फायदे पर होता हैं
मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं
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संभवतः इस कला को राजनीति कहते हैं।
ReplyDeleteअमेरिका भी पाकिस्तान जैसे कन्फुज है... पता नहीं क्या करना है..
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