मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

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March 10, 2012

समय से बड़ा कुछ नहीं

हिंदी ब्लॉग जगत की रीत हैं निराली
हास्य और फूहड़ हास्य में अंतर जो आज बता रहे हैं
वही आज से बस एक साल पहले
फूहड़ हास्य के लिये चर्चित ब्लॉग पर
टीप खूब दिया करते थे
उन आयोजनों में जहां
फूहड़ हास्य को समानित किया जाता था
ब्लॉग मीटिंग कहते थे

व्यंग कहते थे उस लेखन को जहां
"रचना " पर होती थी
अश्लील पोस्ट और कविता

आज पुरजोर तरीके से
वो अपनी आपत्ति दर्ज करा रहे हैं
अपने को साहित्यकार बता कर
हिंदी कविता / हास्य को
बचाने की कोशिश कर रहे हैं

कहीं किसी ने आप से पहले भी
हिंदी ब्लॉग जगत में यही कहा था
उसका मज़ाक कभी आप ने उड़ाया था
ये आज आप को याद भी नहीं हैं

क़ोई बात नहीं
समय से बड़ा कुछ नहीं
वही सबको समझाता हैं
और सच एक ना एक दिन
सबके सामने आता हैं

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