काफी साल पहले एक आदमी ने एक छोटी सी जगह में लोगो को भरमा कर चिट फंड में उनका पैसा लगवाया
फिर वहाँ से वो आगे बढ़ा
बढ़ते बढ़ते वो इतना बड़ा आदमी बनगया की सेबी ने उसको बुलवाया और उससे कहा की तुमने जो २ ३ ० ० ० करोड़ रुपया अपने इन्वेस्टर का देना हैं वो वापिस करो
इसी आदमी के यहाँ बहुत से नौकर काम करते थे जो अपने को कॉरपोरेट सेक्टर का मेनेजर कहते थे
उनमे से एक के बॉस को जब नौकरी से निकाला गया तो पेपर में नोटिस आया और साथ में उसकी पूरी टीम भी बाहर कर दी गयी ये काम करते थे एक अखबार में जो उसी का था जिसको सेबी ने बुलवाया था
अब इस आदमी ने जिसे निकाल दिया गया था सोचा ये तो बड़ा आसन रास्ता हैं
पहले लोगो से पैसा जमा करवाओ
और वो नए नए रास्ते खोजने लगा
उसकी कोशिश रंग लाई आज उसके पास भी एक अखबार हैं और एक एडिटर हैं
जल्दी ही उसकी तरक्की हो
सेबी उसको भी बुलाये
जैसे मालिक के दिन बहुरे
नौकर के भी बहुरेगे क्युकी मालिक के नक्शे कदम अपर वो चल रहा हैं
फिर वहाँ से वो आगे बढ़ा
बढ़ते बढ़ते वो इतना बड़ा आदमी बनगया की सेबी ने उसको बुलवाया और उससे कहा की तुमने जो २ ३ ० ० ० करोड़ रुपया अपने इन्वेस्टर का देना हैं वो वापिस करो
इसी आदमी के यहाँ बहुत से नौकर काम करते थे जो अपने को कॉरपोरेट सेक्टर का मेनेजर कहते थे
उनमे से एक के बॉस को जब नौकरी से निकाला गया तो पेपर में नोटिस आया और साथ में उसकी पूरी टीम भी बाहर कर दी गयी ये काम करते थे एक अखबार में जो उसी का था जिसको सेबी ने बुलवाया था
अब इस आदमी ने जिसे निकाल दिया गया था सोचा ये तो बड़ा आसन रास्ता हैं
पहले लोगो से पैसा जमा करवाओ
और वो नए नए रास्ते खोजने लगा
उसकी कोशिश रंग लाई आज उसके पास भी एक अखबार हैं और एक एडिटर हैं
जल्दी ही उसकी तरक्की हो
सेबी उसको भी बुलाये
जैसे मालिक के दिन बहुरे
नौकर के भी बहुरेगे क्युकी मालिक के नक्शे कदम अपर वो चल रहा हैं
जी वह चिटफ़ंड नहीं था चीट फ़ंड था जो वर्षों तक चला, और मैंने तो गाँव गाँव में चलते देखा था, लोगों को मना करो उसमें निवेश करने से तो उल्टे लोग भड़क जाते थे, और आज वही बेचारे लोग नजरें भी नहीं मिलाते हैं, कहते हैं आप सही कहते थे.. पर हमारी ही मति मारी गई थी.. लोग पैसा कमाना जानते हैं.. परंतु उसे कैसे और कहां निवेश किया जाये, ये नहीं जानते ।
ReplyDeleteइसे लालच कहें या जनता की नासमझी?
ReplyDeleteरामराम.