मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

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April 13, 2013

एक ईमेल जवाब प्रति जवाब -South Asia Today

Editor South Asia Today <editor@southasiatoday.org>
10:42 (3 hours ago)

to me
Ms. Rachana ji,

The views and the script published in South Asia Today are the writer's own. and South Asia Today is not to be blemed for that. This letter of your had been forwarded to Mr. Prabhat & Mrs. Nazia Rizvi.

But here the charges framed against Mr. Prabhat are baseless that "He took the money and published the names of the bloggist and rest ware ignored who did'nt pay."

Charges framed by you if are not found to be true . Then may be you will find your self in the contempt of humanrights laws.  

Thanking You 
South Asia Today

Copy to : (1) Mr. Ravindra Prabhat 
               (2) Mrs. Nazia Rizvi
 
 
to Editor
http://www.nukkadh.com/2011/04/blog-post_2970.html

विशेष सूचना : 12 अप्रैल 2011 तक बुकिंग करवाने वाले ब्‍लॉगरों के नाम, ब्‍लॉग पते और ई मेल पते पुस्‍तक में बिना किसी अतिरिक्‍त भुगतान के शामिल/ प्रकाशित किए जायेंगे। 

इस सूचना को ब्‍लॉगहित में सबके साथ साझा कीजिए।

dear editor 
please go on this link and see the truth in my statement 
regards 
rachna 



Editor South Asia Today
13:23 (47 minutes ago)

to me
   
Translate message
Turn off for: Hindi
12 अप्रैल 2011 तक बुकिंग करवाने वाले ब्‍लॉगरों के नाम, ब्‍लॉग पते और ई मेल पते पुस्‍तक में 


 प्रकाशित किए जायेंगे। 

Regarding your statement, this is no truth , because link related to advance booking offer for Book . 

रचना >
14:02 (8 minutes ago)

to Editor
those who did not pay were not included in the book
please read the full content of the said book
for inclusion one had to buy the book
why
does history means pay and get your self included
prebooking is conditional here
prebook , give details get included
its proof enough for my comment
here is the complete jist of the said post
your agreement or non agreement does not change the wider picture and the TRUTH
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हिन्‍दी ब्‍लॉगिंग संबंधी पुस्‍तकों की अग्रिम बुकिंग से कमाई : 15 अप्रैल 2011 के बाद पुस्‍तक की बुकिंग तो की जाएगी परंतु ब्‍लॉगर का विवरण पुस्‍तक में प्रकाशित होने की गारंटी नहीं है

 

विशेष निर्णय के तहत आज 14 सितम्‍बर 2011 हिंदी दिवस से अगले वर्ष 2012 के हिंदी तक दिवस तक, यदि पुस्‍तकें उपलब्‍ध रहेंगी, तो दोनों पुस्‍तकों के विशेष मूल्‍य रुपये 450/- केवल में मिलती रहेंगी। आप तो बस दिए गए खाते में राशि जमा करवा दीजिए और उसकी सूचना nukkadh@gmail.com पर भेज दीजिए। पुस्‍तकें आपके पास दौड़ी चली आयेंगी।
(१) पुस्तक का नाम : हिंदी ब्लॉगिंग : अभिव्यक्ति की नयी क्रान्ति
यह पुस्तक अविनाश वाचस्पति और रवीन्द्र प्रभात के द्वारा संपादित है
 मूल्य : 495/- ( डाक खर्च अलग से )
प्रकाशक : हिंदी साहित्य निकेतन, 16, साहित्‍य विहार, बिजनौर (ऊ.प्र.) 246701

(२) पुस्तक का नाम : हिंदी ब्लॉगिंग का इतिहास
लेखक का नाम : रवीन्द्र प्रभात
मूल्य : 250 /-( डाक खर्च अलग से)
प्रकाशक : हिंदी साहित्य निकेतन, 16, साहित्‍य विहार, बिजनौर (ऊ.प्र.) 246701
महाविशेष सूचना :
आप सबके विशेष अनुरोध पर निर्णय लेते हुए यह सूचित किया जाता है कि क्‍योंकि अभी तक बहुत से हिन्‍दी ब्‍लॉगर साथियों तक सूचना या तो देर से पहुंची है अथवा नहीं पहुंची है इसलिए कल के अवकाश को ध्‍यान में रखकर तिथि को 15 अप्रैल 2011 शुक्रवार सांय 6 बजे तक बढ़ाया गया है लेकिन इसके बाद किसी भी स्थिति में ब्‍लॉगरों का विवरण पुस्‍तक में शामिल नहीं किया जा सकेगा। पुस्‍तक 16 अप्रैल 2011 से प्रेस में पहुंचकर प्रिंट होनी शुरू हो जाएगी। इसलिए 15 अप्रैल 2011 को सांय 6 बजे बाद प्राप्‍त किसी विवरण को पुस्‍तक में, किसी भी स्थिति-परिस्थिति में सम्मिलित नहीं किया जा सकेगा। हां, पुस्‍तकों की बुकिंग की सुविधा इन्‍हीं नियमों के अंतर्गत अवश्‍य 25 अप्रैल 2011 तक की जा सकेगी। 25 अप्रैल 2011 के बाद 26 अप्रैल 2011 से दोनों पुस्‍तकों की अग्रिम बुकिंग 495/- रुपये में की जा सकेगी।
विशेष सूचना : 12 अप्रैल 2011 तक बुकिंग करवाने वाले ब्‍लॉगरों के नाम, ब्‍लॉग पते और ई मेल पते पुस्‍तक में बिना किसी अतिरिक्‍त भुगतान के शामिल/ प्रकाशित किए जायेंगे। 

रुपये 450/- केवल भेजने के लिए आप अपनी सुविधानुसार निम्‍नलिखित तीन विकल्‍पों में किसी एक का चयन कर सकते हैं
1. आप मनीआर्डर से सीधे हिंदी साहित्य निकेतन, 16, साहित्‍य विहार, बिजनौर (ऊ.प्र.) 246701 के पते पर राशि भेज सकते हैं परंतु मनीआर्डर के पीछे संदेश में अपना पूरा पता, फोन नंबर ई मेल आई डी के साथ अवश्‍य  लिखें।
2. तकनीक का लाभ उठाते हुए आप बैंक ऑफ बड़ौदा, बिजनौर के नाम हिन्‍दी साहित्‍य निकेतन के खाता संख्‍या 27090100001455 में नकद जमा करवा सकते हैं। इस सुविधा का लाभ उठाने के बाद जमा पर्ची का स्‍कैन चित्र मेल पर अपनी पूरी जानकारी के साथ अवश्‍य भिजवायें।
3. आप यह राशि हिन्‍दी साहित्‍य निकेतन के नाम ड्राफ्ट के द्वारा भी डाक अथवा कूरियर के जरिए भेज सकते हैं। चैक सिर्फ सी बी एस शाखाओं के ही स्‍वीकार्य होंगे।
आप जिस भी विकल्‍प का चयन करें, उसका उपयोग करने के बाद इन ई मेल पर सूचना भी अवश्‍य भेजने का कष्‍ट कीजिएगा
giriraj3100@gmail.comravindra.prabhat@gmail.com & nukkadh@gmail.com पर जरूर भेजिएगा।


ज्ञातव्‍य हो कि उपरोक्त दोनों पुस्तकों का सम्मिलित मूल्य है रुपये. 745/- किन्तु  लोकार्पण से पूर्व यानी दिनांक २५.०४.२०११ तक संयुक्त रूप से दोनों पुस्तकों की खरीद पर डाक खर्च सहित रू. 450/- ही देने होंगे !
ऑर्डर सीधे प्रकाशक : हिंदी साहित्य निकेतन, 16, साहित्‍य विहार, बिजनौर (ऊ.प्र.) 246701 के नाम भेजना है !

किसी प्रकार की शंका होने पर ई मेल भेजने अथवा फोन से बात करने पर हिचकिचाएं मत।

 

 एक ईमेल जवाब प्रति जवाब 
 

1 comment:

  1. क्युकी रविन्द्र प्रभात जी ने मेरा कमेन्ट पब्लिश नहीं किया हैं इस लिये मुझे ये पोस्ट देनी पड़ी
    ताकि सनद रहे

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