जब भी एक आम आदमी मरता हैं
मौत उसकी हादसा होती हैं
क्यूँ शहादत कर दर्जा हम
कुछ को देते हैं
और
कुछ की मौत को
बस हादसा कहते हैं
हर मरने वाला
किसी न किसी कर
कुछ न कुछ जरुर था
इस देश कर था या उस देश का था
पर आम इंसान था
शीश उसके लिये भी झुकाओ
याद उसको भी करो
हादसा और घटना
मत उसकी मौत को बनाओ
"मुंबई आंतक वाद के शिकार हर व्यक्ति को मै नमन करती हूँ और उनकी मौत को एक शहादत मानती हूँ । उनके परिवार वालो को इश्वर इस आपदा से लड़ने की ताकत दे "