मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

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November 25, 2008

ब्लोगिंग विस्तार हैं स्वः का

करते हैं चर्चा ब्लॉग कि
बुलाते हैं ब्लॉगर को भाई और भाभी
नवाते हैं शीश
अब ब्लॉगर का ना हैं लिंग
और ब्लॉगर बसे इन्टरनेट मे
इन्टरनेट जिसकी ना हैं कोई सीमा
ना भाषा , ना देश , ना काल ,
ना पुरूष ना स्त्री
रिश्ते ब्लॉग्गिंग मे अगर बनाओगे
ख़ुद भी सीमा मे बंधोगे और को भी
सीमा मे बांधोगे
ब्लॉगर केवल और केवल एक अभिव्यक्ति हैं
देश काल और रिश्तो से ऊपर उठ कर
अभिव्यक्ति का माध्यम हैं ब्लोगिंग
विस्तार हैं स्वः का

12 comments:

  1. सही लिखा आपने .ब्लागिंग के बारे में

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  2. सत्या वचन.ब्लोगिंग
    विस्तार हैं स्वः का
    आभार.

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  3. भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
    लिखते रहि‌ए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
    कविता,गज़ल और शेर के लि‌ए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
    मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
    www.zindagilive08.blogspot.com
    आर्ट के लि‌ए देखें
    www.chitrasansar.blogspot.com

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  4. बधाई और स्वागत
    देखें हमारा ब्लॉग
    www.asuvidha.blogspot.com
    अशोक

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  5. आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है। आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे । हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

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  6. ब्लॉगजगत में स्वागत है

    अब
    आईये हम सब मिलकर विलाप करें

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  7. ब्लोगिंग इन्टरनेट की देन है......,
    ....और रिश्ते आदमी का इजाद...!!
    ...........ब्लोगिंग एक शौक है....,
    .........और रिश्ते एक जरूरत....!!
    ब्लोगिंग हमारी सोच है.......,
    और रिश्ते सोच का सार्थक अंत....!!
    रिश्ते अगर किसी भी चीज़ से बनते हैं....,
    तो उन्हें बेशक बन ही जाने दें....!!
    रिश्ते बाकी ही कहाँ रहे...
    अब भला आदमियत में....!!
    अब तो सिर्फ़ आदमी है....,
    और ढेर सारे उसके शौक...!!
    इनके बीच अगर थोड़े-से रिश्ते..
    पैदा भी हो जाएँ...तो हर्ज़ क्या है....??
    रिश्ते तो प्रश्न हैं...हमारे...बीच के संबधों का...,
    और हम उनके उत्तर...अपने संबधों द्वारा...!!
    जिनका कोई भी नही...
    उनसे पूछिए रिश्तों का अर्थ....!!
    जिन्होंने खोये हैं रिश्ते...
    वे ही जानते हैं...रिश्तों के मानी...!!
    रिश्ते तो प्यार हैं...बेशक तकरार भी...,
    उसकी बाद उनका अहसास भी...
    थोड़ा रूमानी भी...थोड़ा नफरत भी...
    नफरत से सीख लेकर....
    पुनः प्यार भी ला सकते हम....
    और प्यार ही प्यार हो..........
    तो फिर बात ही क्या....
    मगर ब्लोगिंग जरूरी हो या ना हो...
    प्यार तो जरूरी है.....!!
    और उसके लिए रिश्ते तो...
    उससे भी ज्यादा जरूरी....!!
    ब्लोगिंग रहे ना रहे....
    रिश्ते हमेशा बच रहेंगे....
    रिश्ते अगर बच गए....
    तो बच रहेंगे हम भी....
    बेशक ब्लोगिंग ही करने के लिए....!!

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  8. अब तो हद ही हो गयी। कुछ क्रान्तिकारी कदम उठाना चाहिए। कुछ भी...।

    अब समय आ गया है कि देश का प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी को, राष्ट्रपति लालकृ्ष्ण आडवाणी को, रक्षामन्त्री कर्नल पुरोहित को, और गृहमन्त्री साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को बना दिया जाय। सोनिया,मनमोहन,शिवराज पाटिल,और प्रतिभा पाटिल को अफजल गुरू व बम्बई में पकड़े गये आतंकवादियों के साथ एक ही बैरक में तिहाड़ की कालकोठरी में बन्द कर देना चाहिए। अच्छी दोस्ती निभेगी इनकी।

    इनपर रासुका भी लगा दे तो कम ही है।

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  9. रचना जी,

    किसी ने कहा है कि-

    इस पथ का उद्येश्य नहीं है शांत भवन में टिक रहना।
    बल्कि पहुँचना उस पथ तक जिसके आगे राह नहीं।।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
    कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
    www.manoramsuman.blogspot.com

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  10. मैं भी मानती हूं कि ब्लॉगिंग स्व का विस्तार है। ब्लॉग लेखन भी औऱ ब्लॉग पठन भी....

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  11. Avtar Meher Baba Ji Ki Jai,
    Well Said!!!
    Regards
    Dr.Chandrajiit Singh
    chandar(at)gmail.com
    lifemazedar.blogspot.com

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