मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

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November 01, 2011

शायद समझ जाए

कल मुझे एक मेल भेजी गयी हैं , मेल फॉरवर्ड की हुई मेल हैं और उसमे नीचे ओरिजिनल मेल भेजने वाले का नाम और फ़ोन नंबर भी हैं ।
मेल जिस ने मुझे भेजी ना तो मै उनकी मित्र हूँ और ना उनके मित्र की मित्र हूँ जिनका नंबर वो मुझे फॉरवर्ड कर रहें हैं ।

और ये क़ोई नये ब्लोगर नहीं हैं की ना जानते हो ईमेल कैसे भेजी जाती हैं या किसको भेजी जाती हैं । पहले भी ये महिला के ऊपर अभद्र चुटकुलों के साथ अपने मित्रो को ईमेल फॉरवर्ड करते थे और मेरा आ ई डी भी शामिल करते थे । जब उस आ ई ड़ी पर स्पाम कर दिया तो अब दूसरे पर इनका मेल आना शुरू होगया ।

जरुरी नहीं हैं की हर कोई आप से अन्तरंग होना चाहे और ये भी जरुरी हैं की आप की हर ग़लत हरकत को नज़र अंदाज किया जाये ।



पहले भी ये पोस्ट लिखी थी इन्ही सज्जन पर आज फिर लिख रही हूँ । शायद समझ जाए

4 comments:

  1. ( जी मैने ये कमेंट एक कविता पर कर रहा था, दो ब्लाग एक साथ खुले थे, यहां दर्ज हो गया, इसलिए हटा रहा हूं)

    जी अगर आपके इतना साफ साफ कहने के बाद भी वो नहीं समझ पाते हैं तो समझ लीजिए वो सबकुछ जानते हुए भी नासमझ बनने की कोशिश कर रहे हैं। हालाकि ये नेट की दुनिया में ऐसे ही कुछ लोगों की वजह से बहुत सावधानी बरतनी पड़ती है।

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  2. दूसरा पक्ष कौन है मुझे पता नहीं है, फिर भी ....मैं आजतक समझ नहीं पाया की ऐसा कर के लोगों को क्या सूकून मिलता है ?? ..अच्छा हुआ आपने नजर अंदाज नहीं किया

    आपकी यही बात अच्छी लगती है

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  3. संभव है की cc में नाम दे कर भ्रम पैदा करने की कोशिश हो
    _________
    वैसे एक और सोल्यूशन के रूप में प्रेषक के नाम के साथ प्राप्त कर्ताओं के नाम मिला कर आपत्ति भेजी जा सकती है

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