लगता हैं लोग / ब्लॉगर या तो कोई फैसला कर नहीं पाते या "रह रह " कर सोचते हैं । अब देखिये इस लिंक पर जितने पुरजोर विरोधी थे सदस्यता शुल्क के वो आज ब्लॉगर संगठन के लिये सदस्यता शुल्क की बात कर रहे हैं ।
ये पहली बार नहीं हुआ हैं सबसे पहले चिटठा चर्चा पर हा हा ही ही के खिलाफ जब आवाज उठाई थी मैने तो वो सब जो विरोध मे समझा रहे थे आज खुद मौज के खिलाफ लिख रहे हैं ।
या तो समय पर साथ नहीं देगे या शायद समय से पीछे ही चल रहे हैं
आपकी बात सच है और केवल शुल्क हीं नहीं बल्कि ऐसे किसी औपचारिक संगठन की कोई जरुरत नहीं है . ब्लॉगजगत स्वयं में एक संगठन है .
ReplyDeleteजयराम ने ठीक कहा
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