सच बोलना जितना मुश्किल है , सच को स्वीकारना उस से भी ज्यादा मुश्किल है . लेकिन सच ही शाश्वत है और रहेगा मुझे अपने सच पर उतना ही अभिमान है जितना किसी को अपने झूठ से होने वाले फायदे पर होता हैं
मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं
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February 14, 2010
उफ़ कहा तक गिरेगे पता नहीं
हिंदी ब्लॉग मे एक इतने महान महा पुरुष हैं जो अपने से कम उम्र की महिला ब्लॉगर की पहले तारीफ़ करते हैं , फिर उनके साथ साझा ब्लॉग बनाते हैं और फिर उनके साथ फ्लर्ट करते हैं । उफ़ कहा तक गिरेगे पता नहीं
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ReplyDeleteहैं कौन ये महानुभाव, मैम!
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