सच बोलना जितना मुश्किल है , सच को स्वीकारना उस से भी ज्यादा मुश्किल है . लेकिन सच ही शाश्वत है और रहेगा मुझे अपने सच पर उतना ही अभिमान है जितना किसी को अपने झूठ से होने वाले फायदे पर होता हैं
मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं
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February 24, 2010
भगवान जाने इतनी सोशल नेटवर्किंग से क्या मिल जाने वाला हैं ???
कितना समय हैं लोगो के पास निरंतर बर्बाद करने के लिये । क्या किसी के घर मे कोई काम नहीं हैं की हर दो दिन तीन दिन बाद एक मीट की खबर आ रही हैं दिल्ली से । इस महगाई के ज़माने मे घर खर्च कैसे चलता हैं या सब के पास सरकारी नौकरी हैं । भगवान जाने इतनी सोशल नेटवर्किंग से क्या मिल जाने वाला हैं ???
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यही भारत है
ReplyDeleteसत्य वचन
ReplyDeleteये तो भगवान को भी न पता होगा।
ReplyDeleteहा हा!
ReplyDeleteसच कहा मैम...