सच बोलना जितना मुश्किल है , सच को स्वीकारना उस से भी ज्यादा मुश्किल है . लेकिन सच ही शाश्वत है और रहेगा मुझे अपने सच पर उतना ही अभिमान है जितना किसी को अपने झूठ से होने वाले फायदे पर होता हैं
मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं
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February 04, 2010
कसाब को मराठी आती हैं , उत्तर भारतीयों को आती हैं क्या ?? !!
कसाब को मराठी आती हैं , उत्तर भारतीयों को आती हैं क्या ?? नहीं आती अच्छा हैं बच गए वरना आंतकी साजिश मे धर लिये जाते । वाह राज ठाकरे वाह , आप की नज़र मे उत्तर भारतीये और कसाब एक ही हैं और क्युकी कसब को मराठी आती हैं इसलिये उत्तर भारतीये उस से गये बीते होगये । हम गये बीते ही सही कम से कम समय पर अपने अपने घरो से निकल कर बाहर तो आते हैं आप कहा थे जब आंतकी हमला हुआ था । तब आमची मुंबई नहीं याद आई थी आप को ।
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