कितने हैं जो हिंदी मे ब्लॉग केवल इस लिये लिखते हैं कि इस से हिंदी कि सेवा होगी । हिंदी का प्रचार प्रसार होगा । वो सब जो इंग्लिश मे कमेन्ट करने वालो को , रोमन मे कमेन्ट देने वालो को टोकते हैं या हिंदी मे वर्तनी कि अशुद्धियों को बताते हैं जब खुद कमेन्ट देते हैं तो जाने किस किस तरह कि भाषा का प्रयोग करते हैं ।
कोई बिहारी मे कमेन्ट देता हैं , कोई अवधि मे तो कोई किसी और dilect मे । अगर आप इन सब भाषाओ मे कमेन्ट दे सकते हैं और वो मान्य होते हैं तो कम से कम आप को किसी दूसरे को किसी भी भाषा मे कमेन्ट करने से नहीं रोकना चाहिये ।
अगर हिंदी कि सेवा का बहाना हैं तो फिर अपने ऊपर भी इसको लागू करना चाहिये ।
सच बोलना जितना मुश्किल है , सच को स्वीकारना उस से भी ज्यादा मुश्किल है . लेकिन सच ही शाश्वत है और रहेगा मुझे अपने सच पर उतना ही अभिमान है जितना किसी को अपने झूठ से होने वाले फायदे पर होता हैं
मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं
मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं
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विचारणीय।
ReplyDeletemain to naheen!:)
ReplyDeleteहिन्दी को किसी की भी सेवा की आवश्यकता नहीं है..."
ReplyDeleteकोई बिहारी में कमेंट करता है ....
ReplyDeleteहा हा हा ..आज ही पता चला कि बिहारी कोई भाषा भी है ....मुझे तो पता था कि मैथिली , भोजपुरी , मगही आदि ही वो भाषाएं हैं जो बिहार में बोली जाती हैं । अब ढूंढता हूं कि आखिर आज तक बिहारी भाषा क्यों नहीं मिली ..आखिर एक बिहारी होने के नाते मुझे भी तो पता होना चाहिए उस भाषा के बारे में । आज आपने फ़िर से प्रेरणा दे दी । अरे हां एक बात बताना भूल गया कि बेशक कोई लिखता किसी भी भाषा में हो ..मगर शायद लिपि देवनागरि ही होती है न ....आप भी कोशिश करिए न ..इतनी मुश्किल भी नहीं है ....जल्दी ही सीख जाएंगी ...यदि चाहें तो .....किसी मदद की दरकार हो तो जरूर कहें
http://www.youbihar.com/page/bihari-languages-1
ReplyDeletecheck on this link and there is something called as classification
जब आप अपना ब्लाग हिन्दी ( देवनागरी) में लिखते हैं तो टिप्पणी भी उसी लिपि में अपेक्षित होती है .
ReplyDeleteकिसी रोमन ब्लाग में देवनागरी कमेंट होता है क्या .
केवल हिन्दी ब्लागरों को आदतन ये समस्या क्यों है?
इसमें कोई हिन्दी की सेवा जैसा कोई बहुत बड़ा कार्य निहित नहीं है . केवल एक अनुरोध ही किया जाता है . कोई अनुरोध को भी गलत समझ ले तो ?
Bihari Languages constitutes of Bhojpuri, Maithili and Magahi (Magahi). However others include; Angika, Sadri, Fiji Hindi, Kudmali, Panchpargania, Sarnami Hindustani, Surajpuri, Vajjika
ReplyDeleteआपकी दी हुई लिंक पर ये मिला इसमें भी वही बात है जो मैंने कही है ..देखिए ..न इस हिसाब से तो बिहारी ब्लोगस भी हैं ..जो कि असल में मैथिली भोजपुरी और अन्य भाषाओं के ब्लोग्स हैं
just because you use dev nagri lipi and write in any dialect how can you say you are promoting hindi is the question which still remains unanswered .
ReplyDeletesome comments have been moderated because few people who dont allow my comments on their blog should understand that their comments are as unwelcome here
I myself do not consider writing in devnagri is promoting Hindi. It's matter of convenience only.Few people write long comments in roman hindi which are non decipherable ,which irks .
ReplyDeleteAbout few people commenting badly or using cheap words against you are not of good standing. One can not go down to their level to answer them.It's male chavunism , which they imbibe during their development.