सच बोलना जितना मुश्किल है , सच को स्वीकारना उस से भी ज्यादा मुश्किल है . लेकिन सच ही शाश्वत है और रहेगा मुझे अपने सच पर उतना ही अभिमान है जितना किसी को अपने झूठ से होने वाले फायदे पर होता हैं
मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं
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May 17, 2010
मकसद
ब्लॉग पोस्ट कि हेअडिंग मे अपना नाम देने का क्या मकसद होता हैं ??
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कई लोग ब्लॉगर का नाम देखकर ही खींचे चले आते हैं।
ReplyDeleteऔर जब कि ब्लॉगवाणी की लिस्टिंग में आपकी पोस्ट समय बीतने के साथ पहले पन्ने पर नहीं रहती, तब भी आपकी पोस्ट का शीर्षक ब्लॉगवाणी के टॉप राईट साईड में दिखता है टिप्पणी अनुसार, हॉट टापिक अनुसार और ज्यादा पढ़े गए अनुसार।
वहां आपकी पोस्ट का केवल शीर्षक दिखता है
लेकिन जब आप का नाम जुड़ा हो तो लोग कुछ कुछ अनुमान लगा लेते हैं कि बंदे ने क्या लिखा होगा...कुछ लोग अपने पसंदीदा ब्लॉगर का नाम देखकर भी आते हैं।
सो यही है शार्षकों में ब्लॉगरों द्वारा नाम देने का फंडा। इसे मैं भी इस्तेमाल करता हूँ...
क्योंकि वह गाना मुझे बहुत पसंद है - पापा कहते हैं बेटा नाम करेगा....ऐसे तो कहीं नाम होता नहीं मेरा....यहीं शीर्षक में लिख लिख कर नाम करता रहता हूँ :)