ओह
इस लिंक पर जब सारथी जो ब्लॉग नहीं वेब साईट हैं के साईट मालिक को संवाद सम्मान दिया गया तब पहला कमेन्ट किसका हैं देख ले , शायद जो स्माइली आप लगा रहे हैं वो खुद बा खुद मिटाने कि सोचे ।
कानून साक्ष्य पर चलता हैं और हर वो वकील पटखनी खा जाता हैं जो अपने को ज्यादा और विपक्ष के वकील को कम आंकता हैं ।
इस पोस्ट कि हेअडिंग
रचना सिंह की जिज्ञासा शांत करने का प्रयास
कि तर्ज पर हैं आशा हैं ये किसी क़ानूनी दायरे मे नहीं आयेगी केवल मेरी जवाबी कार्यवाही समझी जाएगीसंरक्षक कौन होता हैं और क्या क्या करता हैं इस पर स्वस्थ बहस करवा ले हिंदी के जानकारों से क्युकी मे आंगल भाषा मे पढ़ी लिखी हूँ और मेरे तर्क मान्य नहीं होगे ।
मेरे तर्क से
ब्लॉग संरक्षक वही हो सकता हैं जिस कि सरपरस्ती मे ब्लोगिंग करने मे सुविधा हो किसी ग्रुप या एक ब्लॉगर या एक भाषा को नहीं वरन सबको को हो जो ब्लोगवाणी बहुतायत के साथ कर रहा हैं
किसी एक ब्लॉगर को अगर ब्लोगवाणी से असहमति हैं तो इसका अर्थ ये नहीं हैं कि मैथिली और सिरिल का प्रयास ही बेकार हैं ।
और अगर उनका प्रयास ही बेकार हैं तो फिर उनकी साईट से जुडने कि कामना क्यों हैं , क्युकी पाठक सबसे ज्यादा वही से आते हैं । उनके बनाये हॉट , पसंद , नापसंद , ज्यादा पढ़े गए , ज्यादा टिप्पणी प्राप्त के कोड से ब्लॉगर क्यों अपने लिखे को आकलित करता हैं ??
कभी कभी वास्तविक सामाजिक हित मे लगे लोगो को थैंक्स कहने का भी प्रयास हो तो कितना अच्छा हो ।
चलते चलते
कही पढ़ा था सब वेबसाइट के पास इतनी तकनीकी क्षमता होती हैं कि वो अगर चाहे तो किसी भी सर्वर , आ ई पी एड्रेस या ईमेल को ब्लाक कर सकती हैं व्यक्तिगत या कोमर्शियल या तकनीक या किसी मतभेद कि वजह से :-)
दिस्क्लैमेर
ब्लोगवाणी की टीम का इस पोस्ट से कोई लेना देना नहीं हैं
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