मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

May 19, 2012

ब्लोगिंग का अर्थ हैं सार्जनिक डायरी यानी सब कुछ सामने . ये छुपा कर वोट करने का क्या औचित्य हैं .

पहले ब्लॉगर को खुद अधिकार होना चाहिये की वो अपना नामांकन करे . जो ब्लॉगर ये पुरूस्कार चाहते हैं वो पहले नामांकन भरे . पुरानी सारी प्रक्रिया रद्द होनी चाहिये . पारदर्शिता हैं की आप अगली पोस्ट में पहले नामांकन मँगाए ब्लॉगर से उनके नाम का . कौन ऐसा व्यक्ति हैं जो ये मानता हैं की वो दशक का ब्लॉगर कहलाने योग्य हैं . ये जरुरी हैं की ये नाम कमेन्ट के जरिये सबके सामने हो . जब ये नाम आ जाये उसके बाद ही पाठको से पूछा जाये की वो इन में से किसको बनाना चाहते हैं . वो भी कमेन्ट में ही हो और एक हफ्ते के अन्दर जितने कमेन्ट हो उनको गिन लिया जाए . ब्लोगिंग का अर्थ हैं सार्जनिक डायरी यानी सब कुछ सामने . ये छुपा कर वोट करने का क्या औचित्य हैं . 

जब टिपण्णी की सुविधा हैं तो फिर वोट क्यूँ . जिस को जिसे चुनना हैं वो खुल कर कह दे . इतना दुराव छिपाव किसलिये . और संभव हो तो ना पसंद { यानी 
राईट तो रिजेक्ट } भी होना चाहिये . अगर कोई अपने को दशक का ब्लॉगर मानता हैं और पाठक नहीं मानते तो उन्हे अधिकार होना चाहिये की उस ब्लॉगर के नाम को रिजेक्ट कर दे . लेकिन हो सब ओपन प्रोसेस से . 

जितनी नेगटिव टीप हो वो भी काउंट की ही जा सकती हैं .
मुझे सच में ये जानने की बड़ी इच्छा हैं की
कौन ऐसा ब्लॉगर  हैं
जो अपने को दशक का ब्लॉगर मानता हैं . ?
जो अपने को दशक का ब्लॉगर  कवि इत्यादि मानता हैं ?
कौन हैं जो अपने ब्लॉग लेखन से इतना संतुष्ट हैं की अपने को पुरूस्कार का हकदार मानता हैं




6 comments:

  1. बड़ा कठिन प्रश्न रख दिया है आपने सामने।
    मुझे सच में ये जानने की बड़ी इच्छा हैं की
    कौन ऐसा ब्लॉगर हैं
    जो अपने को दशक का ब्लॉगर मानता हैं . ?
    जो अपने को दशक का ब्लॉगर कवि इत्यादि मानता हैं ?

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  2. मेरा विचार तो यह है कि हमें केवल अपना काम करना चाहिए ... इन मान सम्मान का होना न होना एक सा ही है !

    वैसे भी ब्लॉग जगत मे आजकल जो माहौल है उसमे कोई भी सार्थक काम कीजिये ... चार लोग आ ही जाते है टांग खिचाई के लिए !

    अपना काम करते चलिये ... जो हो रहा है सो होता रहेगा !

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  3. हर शख्स अपनी तस्वीर को बचा कर निकले,
    न जाने किस मोड़ पर किस हाथ से पत्थर निकले

    आप थोड़ा और नाराजगी जाहिर कीजिए, आपको भी नामांकित कर दिया जाएगा.
    आपका भी सम्मान हो जाएगा...

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  4. इतना भ्रम क्यों है ? अरे दे देना चाहिए निर्णायकों को ,अपनी किसी जाति बिरादरी के ब्लॉगर को ,जिसकी हनक हो ,लाबी हो ,ऊपर तक पहुँच हो | अरे सम्मान का गुण दोष से क्या लेना देना | ज्यादा समझ न आये तो हमको ही टिका दीजिये |

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  5. ‘ब्लॉग की ख़बरें‘ ने इस विषय में सबसे पहले ख़बर प्रकाशित की और ब्लॉगर्स ने भी इसका गंभीर संज्ञान लिया.

    यह पोस्ट देखकर ख़ुशी हुई.
    ऐसा लिखना ज़रूरी है
    ...ताकि बचा रहे ब्लॉग परिवार Blog Parivar

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  6. इस दुनिया के लोगों की आदतें ना बदली हैं ना बदलेंगी ………कोई कहीं भी पारदर्शिता नही चाहता वरना चाहिये तो ये है कि सब कुछ साफ़ और सामने हो फिर चाहे चयनकर्ताओं के नाम हों या सम्मानित ब्लोगर्स के।

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