नहीं जानते तो ये पढिये और समझिये ब्लॉग्गिंग वास्तव मे हैं क्या , ब्लॉगर किसे कहा जाता हैं और क्यूँ ??
सच बोलना जितना मुश्किल है , सच को स्वीकारना उस से भी ज्यादा मुश्किल है . लेकिन सच ही शाश्वत है और रहेगा मुझे अपने सच पर उतना ही अभिमान है जितना किसी को अपने झूठ से होने वाले फायदे पर होता हैं
मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं
मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं
June 27, 2012
June 25, 2012
व्यंग और सटायर
ये एक ऐसी विधा हैं जिसका ज्ञान बहुत कम लोगो को होता हैं
लोग दूसरे के ऊपर मौज मस्ती के लिये या अपनी भड़ास निकालने के लिये लिख देते हैं और उसको व्यंग या स्टायर का नाम देते हैं
लोग दूसरे के ऊपर मौज मस्ती के लिये या अपनी भड़ास निकालने के लिये लिख देते हैं और उसको व्यंग या स्टायर का नाम देते हैं
June 22, 2012
हिंदी ब्लॉग जगत
मै तो जो करती हूँ खुल कर करती हूँ और अनाम रह कर करती हूँ पर मै नकारात्मक और रियेक्शनिस्ट
हूँ लेकिन दुसरे जब करते हैं तो हिंदी ब्लॉग जगत की भलाई के लिये करते हैं
June 21, 2012
June 12, 2012
संपर्क सूत्र
अगर आप इस ब्लॉग को पढना चाहते हैं तो संपर्क सूत्र हैं indianwomanhasarrived@gmail.com ईमेल दे .
June 11, 2012
June 10, 2012
कभी कभी लगता हैं समाज कितना विभाजित हैं और हम कितने खुद जिम्मेदार हैं इस विभाजन के लिये .
हिंदी ब्लॉग जगत में दो खेमे बनते साफ़ दिख रहे हैं
खेमा नंबर 1 वो लोग जो ब्लॉग पर हिन्दी / शुद्ध हिंदी / किलिष्ट हिंदी लिखते हैं
खेमा नंबर 2 वो लोग जो हिंदी में ब्लॉग लिखते हैं .
खेमा नंबर 1 वो लोग जो ब्लॉग पर हिन्दी / शुद्ध हिंदी / किलिष्ट हिंदी लिखते हैं
खेमा नंबर 2 वो लोग जो हिंदी में ब्लॉग लिखते हैं .
June 08, 2012
हर बात को सबके सामने रखना और प्रकाश में लाना भी सकारात्मकता ही
हर बात को सबके सामने रखना और प्रकाश में लाना भी सकारात्मकता ही है
दिव्या ने कितनी बड़ी बात कितने साधारण और स्पष्ट शब्दों में कह दी हैं .
June 01, 2012
जब दूसरे करते थे तो गलत था आप करते हैं तो सही हैं
जब मैने हिंदी ब्लॉग लिखना शुरू किया था { ६ साल पहले } तब गूगल पर
ट्रांस्लिशन की सुविधा नहीं थी और मैने अपनी कविता का ब्लॉग रोमन में लिखा
था . फिर "नारद" जो उस समय जीतेन्द्र चौधरी , संजय बेगानी इत्यादि चलाते थे
वहाँ से कमेन्ट आया एक कविता पर उन से जुड़े और ब्लॉग को हिंदी में लिखे
इत्यादि .
उस समय चिटठा चर्चा मंच था
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