मै तो जो करती हूँ खुल कर करती हूँ और अनाम रह कर करती हूँ पर मै नकारात्मक और रियेक्शनिस्ट
हूँ लेकिन दुसरे जब करते हैं तो हिंदी ब्लॉग जगत की भलाई के लिये करते हैं
११. इस पोस्ट पर भी और विगत में भी आपने अनेक स्थानों पर अपने कमेंट्स डिलीट किये हैं और ऐसा अनेक बार किया है. अपने कमेन्ट डिलीट करने का विवेक आपके ऊपर ही है लेकिन ऐसा करने से पोस्ट के पाठकों को जो असुविधा और असमंजस होता है उसका ख्याल आपको क्यों नहीं आता?
ये मुझ से पूछा गया था महज दो तीन दिन पहले और आज की चिटठा चर्चा से पता चला की हिंदी ब्लॉग जगत नाम का ब्लॉग निशांत चलाते हैं
मुझे अच्छी तरह याद हैं की मेरे , अनूप शुक्ल और दिव्या के ऊपर इस ब्लॉग पर पहले पोस्ट भी आई थी . उस समय इस का रंग सफ़ेद और अक्षर लाल थे
इस के अलावा एक पोस्ट और भी आयी थी http://hindiblogjagat.blogspot.com/2010/04/blog-post_26.html
एक पोस्ट आयी थी जो अब नहीं हैं
ajay ki is post par haen http://ajaykumarjha1973.blogspot.in/2010/04/blog-post_26.html
मेरे आज की चर्चा पर कमेन्ट देते ही निशांत ने कहा की उनका अकेले का ब्लॉग नहीं है जबकि पहले इस ब्लॉग का मालिक उन्हे ही बताया गया था
कितनी अजीब बात हैं जो लोग अच्छे , बड़े , सबसे अच्छे का चुनाव करते हैं वो भी किसी ना किसी समय अनाम हो कर दुसरो पर पोस्ट लिख चुके हैं और अपनी सुविधा से डिलीट भी कर चुके हैं और वही मुझ से प्रशन करते हैं मैने ऐसा क्यूँ किया .
मै तो जो करती हूँ खुल कर करती हूँ और अनाम रह कर करती हूँ पर मै नकारात्मक और रियेक्शनिस्ट
हूँ लेकिन दुसरे जब करते हैं तो हिंदी ब्लॉग जगत की भलाई के लिये करते हैं
जब तारीफ़ थी की बढ़िया संकलक हैं तो निशांत जी खुश थे अब लिंक लगा दिया तो उन्होने अपने को अकेला मालिक नहीं कहा . क्या कर सकते हैं तैयार हैं उनका संकलक हैं पोस्ट हटा देगे कोई बात नहीं कौन सा मैने उनको ईमेल दे कर अपना ब्लॉग वहाँ जुड्वाया हैं जो चिंता करूँ
सच साफ़ होता हैं और अपने आप मे एक दो तरफ़ा आईना होता हैं बस सच को सामने आने मे वक्त लगता हैं
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