नहीं जानते तो ये पढिये और समझिये ब्लॉग्गिंग वास्तव मे हैं क्या , ब्लॉगर किसे कहा जाता हैं और क्यूँ ??
Experts
believe they have uncovered fresh work by Charles Dickens after
completing a project to digitize the 19th century weekly journals that
the celebrated author once edited.
Scholars are confidant that punchy opinion pieces, penned anonymously by Dickens in response to the social ills of the day, reveal him to be the first 'blogger'.
आगे पढने के लिए उस लिंक को क्लिक करे .
उपरोक्त 4 लाइन ये बताने के लिये काफी हैं की कविता , कहानी , संस्मरण , हिंदी साहित्य इत्यादि को ब्लॉग पर लिखने वाले असल में केवल इस माध्यम का उपयोग अपने फायदे के लिये कर रहे हैं जबकि ये माध्यम समाज और उसमे व्याप्त बुराई को सटायर , हास्य का पुट देकर लिखने के लिये बना था और जो लोग इसका उपयोग इस लिये करते हैं वही ब्लॉगर कहलाने के योग्य हैं !!
हिंदी ब्लॉग जगत में 5000 से ऊपर ब्लॉग माने जाते हैं लेकिन अभी तक एक भी मंच ऐसा नहीं बना हैं जहां समाज . उसके मुद्दे , उनमे बदलाव की बात करने के लिये ब्लॉगर मिले हो . जो भी मीट हुई हैं वो महज चाय पानी , अपने अपने पी आर बढाने , और गीत , ग़ज़ल गाने , कविता पाठ करने के लिये ही हुई हैं . ब्लॉग पर बात हुई हैं पर बात केवल कैसे ब्लॉग पर हिंदी को आगे ले जाये या कैसे कमेन्ट करे , या ब्लॉग से कमाई कैसे हो तक ही सिमित रही हैं .
अभी कल दो ब्लॉग पोस्ट पढी की कैसे वो टी वी के किसी प्रोग्राम में जा कर किसी कवि से रूबरू हुए , धन्य होगये वो हिंदी मे ब्लॉग लिख कर क्युकी उसकी वजह से वो टी वी पर आ सके , कवि से मिल सके . अब उनके लिये ब्लॉग माध्यम हैं आगे आने का , अपनी कविता की पुस्तके कैसे छपे , इसकी ग्रांट के लिये पी आर बनाने का .
वर्धा में ब्लॉग सम्मलेन हुआ , वही के काम करने वाले ने अपने ब्लॉग की पोस्ट को किताब का रूप देने के लिये , वही दे ग्रांट ले ली और जाने माने ब्लोग्गर बन गए . दूसरी बार हुआ तो दो ने अपनी किताब का विमोचन वहा करवा लिया .
चलिये अब चलते हैं , फिर मिलते हैं ब्रेक के बाद , टिपण्णी नहीं दे रहे आप लोग ,
"ये अच्छी बात नहीं हैं ":)
Scholars are confidant that punchy opinion pieces, penned anonymously by Dickens in response to the social ills of the day, reveal him to be the first 'blogger'.
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उपरोक्त 4 लाइन ये बताने के लिये काफी हैं की कविता , कहानी , संस्मरण , हिंदी साहित्य इत्यादि को ब्लॉग पर लिखने वाले असल में केवल इस माध्यम का उपयोग अपने फायदे के लिये कर रहे हैं जबकि ये माध्यम समाज और उसमे व्याप्त बुराई को सटायर , हास्य का पुट देकर लिखने के लिये बना था और जो लोग इसका उपयोग इस लिये करते हैं वही ब्लॉगर कहलाने के योग्य हैं !!
हिंदी ब्लॉग जगत में 5000 से ऊपर ब्लॉग माने जाते हैं लेकिन अभी तक एक भी मंच ऐसा नहीं बना हैं जहां समाज . उसके मुद्दे , उनमे बदलाव की बात करने के लिये ब्लॉगर मिले हो . जो भी मीट हुई हैं वो महज चाय पानी , अपने अपने पी आर बढाने , और गीत , ग़ज़ल गाने , कविता पाठ करने के लिये ही हुई हैं . ब्लॉग पर बात हुई हैं पर बात केवल कैसे ब्लॉग पर हिंदी को आगे ले जाये या कैसे कमेन्ट करे , या ब्लॉग से कमाई कैसे हो तक ही सिमित रही हैं .
अभी कल दो ब्लॉग पोस्ट पढी की कैसे वो टी वी के किसी प्रोग्राम में जा कर किसी कवि से रूबरू हुए , धन्य होगये वो हिंदी मे ब्लॉग लिख कर क्युकी उसकी वजह से वो टी वी पर आ सके , कवि से मिल सके . अब उनके लिये ब्लॉग माध्यम हैं आगे आने का , अपनी कविता की पुस्तके कैसे छपे , इसकी ग्रांट के लिये पी आर बनाने का .
वर्धा में ब्लॉग सम्मलेन हुआ , वही के काम करने वाले ने अपने ब्लॉग की पोस्ट को किताब का रूप देने के लिये , वही दे ग्रांट ले ली और जाने माने ब्लोग्गर बन गए . दूसरी बार हुआ तो दो ने अपनी किताब का विमोचन वहा करवा लिया .
चलिये अब चलते हैं , फिर मिलते हैं ब्रेक के बाद , टिपण्णी नहीं दे रहे आप लोग ,
"ये अच्छी बात नहीं हैं ":)
baat to aapne sacchi kahi rachna . .. yahi hota aaya hai .
ReplyDeleteये तो पता नहीं कि ब्लॉग किसलिये है?
ReplyDeleteलेकिन ब्लॉग मीट वाली बातों पर 100% सहमत हूं।
कमेंट कैसे करें हम, आप छोडती कहां हैं इस लायक :)
प्रणाम
shukr haen aap bolae to mujhae to lagaa tha ab naaraj hi rahegae
Deleteब्लोगर की जो परिभाषा दी जा रही है सहमत नहीं हूं | ठीक है की इस मंच को खास चीजो के लिए बनाया गया था किन्तु उसका प्रयोग लोग कई अन्य तरीको से कर रहे है तो उसमे बुरा क्या है | गलत तो तब होगा जब लोगों नीजि फायदे के लिए इसका प्रयोग करने की जगह इसका दुरुपयोग करे | ब्लॉग पर लिखने वाले सभी ब्लोगर है चाहे वो कुछ भी लिखे मेरी नीजि राय है |
ReplyDeleteरचना जी,
ReplyDeleteकुछ लोग ब्लॉग मंच का सही इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं ये तो सच हैं.कुछ जैसा आपने बताया अपने व्यक्तिगत हितों के लिए लिख रहे हैं तो कुछ ऐसे हैं जो इस माध्यम को एक दूसरे के खिलाफ खुन्नस निकालने के लिए काम में ले रहे हैं तो कुछ धर्म के नाम पर झगडे कर रहे है.यह सब तो नहीं होना चाहिए इससे सहमत हूँ लेकिन मैं ऐसी किसी बाध्यता के खिलाफ हूँ कि यदि आप ब्लॉग लिख रहे हैं तो आपका उद्देश्य समाज सुधार के किसी एजेंडे को आगे बढाने वाला ही होना चाहिए.कुछ लोग ऐसे भी है जो स्वान्त सुखाय लिखते है लेकिन वह नकारात्मक नहीं होता है और मुझे लगता हैं उन्हें भी इसकी छूट होनी चाहिए.ब्लॉग अभिव्यक्ति का एक माध्यम हैं,हम जो खबरों में पढते हैं या हमारे आस पास समाज में जो मुद्दे होते हैं उनको लेकर सभी का अलग अलग नजरिया अथवा अनुभव होता है और उसीको लोग यहाँ साझा कर रहे हैं जरूरी नहीं हैं ये हमेशा सही ही हो लेकिन फिर भी ब्लॉगिंग में दोतरफा संवाद होने से कई बार क्या सही हैं क्या गलत यह तुलना करने पर सामने आ ही जाता हैं.यूँ तो सिनेमा के बारे में भी कहा जाता हैं कि वह समाज का आईना हैं और इसे सामाजिक जागृति या सामाजिक बदलाव का वाहक होना चाहिए कुछ लोग यह काम कर भी रहे हैं लेकिन सच तो यह हैं कि समाज को गुरुदत्त भी चाहिए तो मनमोहन देसाई भी,दिलीप कुमार भी चाहिए तो गोविंदा भी.
आजकल कमेंट करने का मन इसलिए भी नहीं होता कि टिप्पणियाँ स्पैम में चली जाती हैं और ब्लॉगर अक्सर बिना बताए चैक नहीं करते.अगर ये टिप्पणी भी स्पैम में चली जाती हैं तो मुझे अब कोई दूसरा तरीका सोचना पडेगा ताकि इस समस्या का कोई परमानेंट इलाज हो सके.
ब्लोगर कौन होता हैं ये मैने नहीं कहा हैं
ReplyDeleteमैने तो महज इंग्लिश की पंक्तियों की विवेचना मात्र की हैं
ब्लॉग पर कुछ भी लिखना ब्लोगिंग ही हैं पर ये हमारी सोच मात्र हैं
कुछ और सोच हैं जो ज्यादा व्यापक हैं और जिसके ऊपर अगर हम अपने अपने ब्लॉग्गिंग को कसे तो कहीं ना कहीं हम फैल होते लगते हैं
इग्लिश के तमाम ब्लॉग हैं जहां सामाजिक मुद्दों पर बात होती हैं और १००-२०० टिप होती हैं जम कर बहस होती हैं पर व्यक्तिगत आक्षेप नहीं और फिर वहाँ ग्रुप भी हैं जो एक दूसरे से बिना मिले सामाजिक कार्य भी कर रहे हैं
क्या आप लोग विश्वास करेगे ऐसे ही एक ब्लॉग पर एक खोई हुई लड़की को खोजने की मुहीम हुई और एक से दूसरे ने जुड़ कर उसको खोज ही डाला
जो जहां था उसने वही से प्रयास किया और हम हिंदी ब्लोग्गर भाई , भाभी , बहना , भैया बनाने में ही लगे रहते हैं , हम ब्लॉग मीट में ये देखते चाय गर्म थी या ठंडी
शक्करखोर कैसे भी, कहीं से भी शक्कर खोज ही लेते हैं| जिसकी जैसी भावना होती है, उसके समस्त प्रयास उसी दिशा में होते हैं| जिन्हें आगे बढ़ना है, संपर्क बनाने हैं, टीआरपी बढानी है वो उसी अंदाज में सब काम करते हैं| दुनिया में सबके लिए जगह है, उनके लिए भी, आपके लिए भी और हमारे लिए भी| हाँ, अपने से जजमेंटल नहीं हुआ जाता, कहाँ जाना अच्छा लगता है, उस ब्लॉग पर जाते हैं और अपनी और सामने वाली के समझ अनुसार प्रतिक्रया भी देते हैं, अधिकतर जगह मौन वाली:)
ReplyDeleteटिप्पणी के लिए इमोशनल अत्याचार करना और उकसाना, ये भी अच्छी बात नहीं है:)
खुदा ख़ैर करे , अभी तक यही आरोप बाकी था "उकसाने " का वो भी "टीप " के लिये
Deleteऔर इमोशनल अत्याचार !!!, रहम मौला रहम
फिर तो खुश होना चाहिए आपको कि आरोपों की फेहरिस्त तमाम हो चुकी, और आप हैं कि ऐसे कमेन्ट पर स्माईली भी नहीं लगाती:)
Delete!!!= smily
ReplyDeleteहम अंग्रेजो के ज़माने के ब्लोग्गर हैं !!!!!!!!exclamation से काम चला रहे हैं
सहमत हूं आपकी बातों से
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