जो लोग चिटठा जगत के सक्रियता क्रम को नहीं समझ पाते हैं और उनको बता दूँ कि अगर इसमे ऊपर आना हैं तो अपने मित्रो को कहे कि वो आप के ब्लॉग को अपनी किसी पोस्ट मे जोड़े , जितनी पोस्ट मे आप का ब्लॉग जुड़ता जायेगा उतना ऊपर आता जाएगा ।
जब चिटठा जगत बना था उस समय जो सक्रिय ब्लॉग थे वो अगर आज एक महीने बाद भी अपने ब्लॉग पर पोस्ट देते हैं तो अपने ओरीजिनल संख्या पर वापस आ जाते हैं क्युकी उनके ब्लॉग का उल्लेख बहुत ब्लॉग मे हुआ हैं ।
सक्रियता केवल लिखना नहीं हैं आप को कितना पढ़ा जाता हैं और कितने लोगो ने आप का ब्लॉग पुस्तक चिन्ह किया हैं इस पर भी निर्भर हैं
इस पोस्ट पर मुझ कमेन्ट नहीं चाहिये आप ने पढ़ लिया शुक्रिया
वो कहते हैं ना " जे न मित्र दुःख होई दुखारी " सो अपने अपने मित्र ब्लॉगर को जोडीये और उनके दुःख को समझिये सक्रियता क्रम मे उनका नाम ऊपर आये इस लिये उनके ब्लॉग का जिक्र करिये ।
लिंकिंग कीजिये खुश रहिये जो चर्चा करते हैं अलग अलग ब्लॉग पर उनसे कहिये आप के ब्लॉग का लिंक भी दे । फिर देखिये ये सक्रियता क्रम कैसे डोलता हैं
सच बोलना जितना मुश्किल है , सच को स्वीकारना उस से भी ज्यादा मुश्किल है . लेकिन सच ही शाश्वत है और रहेगा मुझे अपने सच पर उतना ही अभिमान है जितना किसी को अपने झूठ से होने वाले फायदे पर होता हैं
मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं
मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं
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