सच बोलना जितना मुश्किल है , सच को स्वीकारना उस से भी ज्यादा मुश्किल है . लेकिन सच ही शाश्वत है और रहेगा मुझे अपने सच पर उतना ही अभिमान है जितना किसी को अपने झूठ से होने वाले फायदे पर होता हैं
मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं
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December 01, 2010
दम लगा के हईशा हिंदी ब्लोगिंग को ऊपर उठाना हैं
हिंदी ब्लोगिंग को ऊपर उठाना हैं , सन २०१० मे ये नारा हिंदी ब्लॉग मे तकरीबन किसी ना किसी ब्लॉग पर हर दिन किसी एक पोस्ट मे जरुर दिख ही गया ।
बहुत बार पढ़ा सोचा आज पूछ ही लूँ ऊपर उठाने से तात्पर्य क्या हैं ?? साल ख़तम होने को हैं
एक साधारण प्रश्न हैं , ना इसमे कोई व्यंग हैं ना तंज महज एक जिज्ञासा
कि
हिंदी ब्लोगिंग को ऊपर उठाना हैं का टार्गेट क्या हैं ???
सो निवेदन हैं कि कमेन्ट मे कुछ सार्थक रौशनी दी जाए इस विषय मे
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ऊपर उठाने का अर्थ है कि हिन्दी भाषा को जीवित रखा जाए..
ReplyDeleteफिलहाल तो यही कोशिश है..
आगे इस अंग्रेजी से भी ऊपर ले जाने की कोशिश की जाएगी..
जय हो!!
ब्लॉगिंग के किस पक्ष का स्तर ऊँचा करने की कोशिश होगी, यह प्रश्न उठ रहा है. वैसे तो सभी ब्लॉगर अपना स्तर सुधारने का प्रयास करते ही हैं.
ReplyDeleteलक्ष्य गुणवत्ता हो।
ReplyDeleteआत्म चिंतन का विषय है..
ReplyDeleteमेरे लिये तो आत्म चिंतन का विषय है..
ReplyDeleteबाक़ी सब अपना नज़रिया रखेंगें