मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

October 31, 2009

अब वर्धा विश्विद्यालय के सर पर काठ की हांडी फूट रही हैं ।

ये सूचना एक ब्लॉग पर आज देखी

आमंत्रितों की सूची वर्धा विश्वविद्यालय वालों ने तय की। कुछ नामों पर जब एतराज किया गया तो उन्होंने कहा कि इनको रहने दिया जाये। एकाध नाम और जोड़े गये। जो नाम उन्होंने तय किये उनके पते और फोन नम्बर जो पता थे उनको भेज दिये गये। उनका करीब पचीस लोगों को बुलाने का कार्यक्रम था। बाद में भदौरिया जी ने तमाम लोगों को व्यक्तिगत फोन भी किये।

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ये सूचना दूसरे ब्लॉग पर २७ सितम्बर से उपलब्ध हैं

अब वर्धा विश्विद्यालय के सर पर काठ की हांडी फूट रही हैं । लगता हैं वर्धा विश्विद्यालय मे कोई ब्लोगिंग पर रिसर्च कर रहा होगा तभी तो किस ब्लॉगर को बुलाना हैं वो जानता होगा । पता नहीं सीधे से ये कहने मे क्या नुक्सान हैं की जिसको हम चाहते थे बुला लिया ।

यूँ 1२ रुपए मे सारी जानकारी मांगी जा सकती हैं

October 27, 2009

आज कल बहुत से ब्लॉग पर कहा जा रहा हैं " बिना लाग लपेट के जो हो वही ब्लोगिंग हैं "

आज कल बहुत से ब्लॉग पर कहा जा रहा हैं " बिना लाग लपेट के जो हो वही ब्लोगिंग हैं "

इलाहाबाद मे सरकारी पैसे हुआ ब्लॉगर मेल मिलाप !!!

और कल अखबार मे पढा की इंडियन एयर लाइंस पर इतना बैंक ओवर ड्राफ्ट हैं की एक दिन का बैंक इंटरेस्ट ४ करोड़ होता हैं , जो एयर इंडिया चुका नहीं रही । अब आप ख़ुद ही जोड़ लो कर्ज़े पर कितना सूद का कर्जा बढ़ रहा हैं ।

क्यूँ डूब रही हैं सरकारी कंपनियां ?

क्यूँ लोग नहीं समझते की सरकारी कम्पनियों मे जो कर्चा होता हैं उसका भुगतान एक आम आदमी यानी टैक्स पेयर करता हैं ।

सरकारी पासे और समय का दुरूपयोग सबसे ज्यादा शायद हमारे देश मे ही होता हैं

October 23, 2009

आज फिर नज़र डाली तो एक सक्रियता क्रम पर नज़र गयी

कल की पोस्ट पर आया कमेन्ट केवल एक स्मित की रेखा छोड़ गया । लोग नैतिकता पर बहस करना चाहते हैं क्युकी नैतिकता पर सिर्फ़ बहस ही होनी चाहिये कोई कार्यवाही नहीं ।

जागो इंडिया जागो वाला विज्ञापन बहुत सटीक लगता हैं यहाँ ।

आज फिर नज़र डाली तो एक सक्रियता क्रम पर नज़र गयी और उसी को यहाँ दिया हैं । अब देखने की बात ये हैं की इन मे से कितने सरकारी संस्थानों मे हैं और उनके ब्लॉग पर कमाई के साधन यानी एड हैं ।

1. उड़न तश्तरी ....
2. मानसिक हलचल
3. फुरसतिया
4. ताऊ डॉट इन
5. हिन्द-युग्म
6. मोहल्‍ला
7. सारथी
8. छींटें और बौछारें
9. दीपक भारतदीप की शब्द- पत्रिका
10. दीपक भारतदीप की शब्दलेख-पत्रिका
11. भड़ास blog
12. चिठ्ठा चर्चा
13. दीपक भारतदीप का चिंतन
14. अज़दक
15. शब्दों का सफर
16. Hindi Blog Tips
17. रचनाकार
18. शिवकुमार मिश्र और ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉग
19. कस्‍बा qasba
20. निर्मल-आनन्द
21. आलोक पुराणिक की अगड़म बगड़म
22. घुघूतीबासूती
23. अनवरत
24. तीसरा खंबा
25. महाजाल पर सुरेश चिपलूनकर (Suresh Chiplunkar)
26. दीपक भारतदीप की शब्दयोग-पत्रिका
27. अमीर धरती गरीब लोग
28. लो क सं घ र्ष !
29. कबाड़खाना
30. एकोऽहम्
31. आवाज़
32. उन्मुक्त
33. नारी
34. दिल की बात
35. Vyom ke Paar...व्योम के पार
36. समाजवादी जनपरिषद
37. कुछ मेरी कलम से kuch meri kalam se **
38. क्वचिदन्यतोअपि..........!
39. सच्चा शरणम्
40. साहित्य शिल्पी

October 21, 2009

क्या कभी आप की नज़र इस डाटा पर गयी हैं ।

क्या कभी आप की नज़र इस डाटा पर गयी हैं । क्या इस डाटा मे जो चिट्ठाकार हैं क्या आप ने कभी उनका प्रोफाइल देखा हैं और क्या आप ने गौर किया हैं उनमे से कितने सरकारी संस्थानों मे कार्य कर रहे हैं ।

आगे आने वाली पोस्ट आप को ये बतायेगी की कितने फक्र से लोग अपने सरकारी संसथान का नाम अपने प्रोफाइल पर देते हैं बिना ये सोचे की जो वो कर रहे हैं उस से उनके संसथान की भी बदनामी तोही रही हैं । इनकेप्रोफाइल पर उपलब्ध जानकारी से इनकी कम्पनी का नाम और उसके वेतन मान आप को बताये जायेगे ।

चिट्ठाकार का नाम (कितनी पोस्ट)
Suman (75)
Randhir Singh Rana (72)
दीपक भारतदीप (66)
Dr SUKHPAL"SAWANT KHERA" (63)
संजय शर्मा (62)
khaskhabar (57)
MEDIA WATCH GROUP (51)
GWALIOR TIMES (44)
Rajesh (42)
admin (40)
kahani (36)
RAJNITI SAMACHAR (36)
ललित शर्मा (35)
समदिया (33)
Rajsamand ke samachar (33)
AlbelaKhatri.com (30)
बी एस पाबला (28)
जी.के. अवधिया (28)
cityking hindi largest newspaper (27)
Md Mudassir Alam (27)
नवीन प्रकाश (26)
veerubhai (25)
manmohit grover (25)
ताऊ रामपुरिया (24)
NEW OBSERVER POST (24)
Raviratlami (23)
लोकेश Lokesh (22)
Campus Hulchul (22)
सैनी संवाद (22)
साहित्य-शिल्पी (21)
Defence Review (20)
editor (20)
नियंत्रक । Admin (20)
Arun Yadav (20)
Rakesh Shekhawat (19)
नारदमुनि (18)
who i am (18)
शिवम् मिश्रा (18)
राजकुमार ग्वालानी (18)
Geetsangeet (18)
khabarkhand (18)

October 20, 2009

अब तो चेतो

५४ % कम्पनियों ने बैन कर दिया हैं सोशल नेट्वर्किंग साइट्स और फेसबुक को ।

बिना लाग लपेट के जो कहा जाए सच वही हैं ।

कल की पोस्ट पर एक कमेन्ट मे बताया गया हैं की किसी भी अपोईंटमेंट लैटर मे ब्लोगिंग सम्बंधित कोई बात नहीं लिखी होती हैं । मेरी पोस्ट मे ब्लोगिंग की बात नहीं हां उस से हो रही आय की बात की गयी हैं और ऑफिस के समय मे हो रहे उस काम की बात की गयी थी जो ऑफिस का नहीं हैं ।

हिंदी लिखने और उसको आगे ले जाने के लिये क्या आप कोई भी ऐसा कार्य करगे जो गैर कानूनी हैं जो आपके देश की संपदा को नष्ट कर रहा हैं ।

ज़रा ध्यान से देखे इस हिंदी ब्लॉग जगत मे जो हिंदी प्रेमी विदेश मे बस गए हैं वो कब और कितनी पोस्ट पब्लिश करते हैं । वो कब टिपण्णी देते हैं । क्या वो अपने दफ्तर के संसाधन का प्रयोग करते हैं हिंदी को आगे बढ़ने के लिये । वो जिस देश मे रहते हैं उस देश की तरक्की के लिये काम करते हैं और उस देश के कानून को मानते हैं ।

इस वर्ष के नोबल प्राइज़ विजेता वेंकटरमण रामकृष्णन का कहना हैं की उनको इतनी ईमेल भारत से आयी हैं की उनका ईमेल बॉक्स बंद होगया और काम की बहुत सी मेल वो नहीं देख पाये ।

ये शायद केवल हमारे देश मे ही होता हैं की हम अपने ज़मीर को नहीं दूसरो के ज़मीर को जगाते हैं । अपने घर मे नहीं दूसरो के घरो मे झांकते हैं । सही का साथ ना देकर "बहुमत" का साथ देते हैं ।

इस ब्लॉग का नाम बदल गया हैं क्युकी और कुछ नहीं बदल सकता हैं पर ब्लॉग का नाम बदलना तो अपने हाथ मे हैं । सच हमेशा सच ही होता हैं और सच को कोई अनावृत नहीं कर सकता क्युकी सच को किसी भी आवरण की जरुरत नहीं होती ।
और बिना लाग लपेट के जो कहा जाए सच वही हैं ।

October 19, 2009

सरकारी कर्मचारी , ब्लॉग , विज्ञापन और कमाई

कल की पोस्ट से बात आगे बढाते हुए
जी हाँ अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं , यूनिवर्सिटी के अध्यापक हैं या किसी भी ऐसी संस्था मे काम करते हैं जहाँ आप को नौकरी देते समय "appointment letter " दिया गया हैं तो आप उस पत्र की सभी शर्तो को मानने के लिये बाध्य हैं ।
प्राइवेट नौकरी मे बहुधा थ्रू प्रोपर चैनल की बात नहीं होती हैं पर सरकारी और सरकारी कानूनों के आधीन सभी संस्थानों मे ये रुल हैं की आप कोई भी कार्य करने से पहले अपने बॉस या सुपीरियर से लिख कर आज्ञा लेगे ।
और अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आप पर कार्यवाही की जा सकती हैं ।


इस पोस्ट से पहले की दो पोस्ट जरुर पढे ताकि सन्दर्भ पता हो

दिल्ली विश्विद्यालय मे भी ये कानून हैं और वहा तो आप अगर ट्यूशन भी करते हैं तो गैर कानूनी हैं अगर उस ट्यूशन के लिये आप कोई फीस लेते हैं ।

जो लोग ऑफिस के समय मे ब्लोगिंग कर रहे हैं और जिनके ब्लॉग पर adsense हैं अगर आप ध्यान से उनके ब्लॉग देखेगे तो सब मे पोस्टिंग का टाइम रात का ही सेट किया हुआ मिलेगा !!!!!! और बहुत से ऐसे भी हैं जो पोस्ट पब्लिश का समय दिखाते ही नहीं है
पर क्युकी बहुत से ब्लॉग अग्रीगाटर पर हैं तो सही टाइम वहां से मिलता हैं । इस लिये जरुरी हैं की स्नेप शोट अग्रीगाटर से लिया जाये न की ब्लॉग का ।
ये कहना बिल्कुल निराधार होगा की हमने पोस्ट schedule कर रखी थी क्युई आप ब्लॉग्गिंग ऑफिस से इतर भी कर सकते हैं लेकिन कोई भी विज्ञापन आप के ब्लॉग पर नहीं होना चाहिये ।

पैसा कैसे इंसान की नियत बदल सकता हैं हिन्दी ब्लॉग जगत के ब्लॉग ये बताते हैं । ५०% से ज्यादा हिन्दी ब्लॉगर सरकारी संस्थानों मे आज भी ऊँचे पदों पर हैं पर लालच हैं एक्स्ट्रा इन्काम का , हिन्दी के अलावा उनके इंग्लिश के ब्लॉग भी हैं । लेकिन वो दिन दूर नहीं हैं जब ये लालच महंगा पड़ जायेगा ।

आज इतने न्यूज़ चैनेल हैं , मीडिया कहानियों को / बेईमानियों को उजागर कर रहा हैं न जाने कब ख़बर आजाए फला फला संसथान मे सरकारी पैसे का दुरूपयोग हो रहा हैं और सरकारी अफसर / बाबू ब्लॉग लिख कर विज्ञापन लगा रहे हैं और पैसा कमा रहे हैं ।

पैसा मिले ना मिले इस विज्ञापन से / ब्लोगिंग से हाँ नौकरी की सीआर जरुर बिगड़ सकती हैं । या नहीं ???

नियम और कानून मानने के लिये ही बने होते हैं

और हाँ अगर ध्यान से समझे तो आप ये जान सकेगे की ऑफिस के समय मे अगर आप कहीं भी कोई भी पोस्ट पढ़ कर उस पर कमेन्ट करते हैं तो वो कमेन्ट भी "as proof " आप के खिलाफ इस्तेमाल किया जा सकता हैं



October 18, 2009

क्या आपने अपने सुपीरियर को ये जानकारी दी हैं कि आप ब्लोगिंग करते हैं और आप के हर ब्लॉग पर विज्ञापन हैं जिनसे आप को आय होने की सम्भावना हैं ?

क्या सरकारी कर्मचारी को ये अधिकार हैं की वो गूगल एड सेंस से बिना अपनी कम्पनी को बताये कमाई कर सके ?

क्या हिन्दी ब्लॉगर जो सरकारी क्षेत्रो मे कार्य रत हैं और जिनके यहाँ " थ्रू प्रोपर चैनल " को प्रक्रिया लागू होती हैं वो इस प्रकार से एड दिखा कर नौकरी से सम्बंधित किसी कानून को तो नहीं तोड़ रहे हैं ।

प्रश्न ये नहीं हैं की आप की कोई कमायी इस प्रकार से गूगल एड सेंस या किसी भी प्रकार से ब्लॉग से हो रही हैं या नहीं ,

प्रश्न ये हैं की क्या अन्य जगह से पैसा कमाने के लिये आप कोशिश कर रहे हैं , इस बात के लिये आप ने " थ्रू प्रोपर चैनल " आज्ञा ली भी हैं या नहीं ।

क्या आपने अपने सुपीरियर को ये जानकारी दी हैं की आप ब्लोगिंग करते हैं और आप के हर ब्लॉग पर विज्ञापन हैं जिनसे आप को आय होने की सम्भावना हैं ? अगर नहीं दी हैं तो क्या आप सर्विस रूल बुक मे दिये गए नियम का उलंघन तो नहीं कर रहे हैं ??

क्या आप ने अनुमति ली हैं अपनी आय बढ़ने के लिये ???

राइट टू इन्फोर्मेशन एक्ट

आज कल सरकारी संस्थानों मे काम कर रहे अफसर इन्टरनेट की सुविधा मिलने से काम के समय मे सरकारी पैसे से ब्लोगिंग करते नज़र आते हैं । हिन्दी ब्लॉग जगत मे भी ऐसे बहुत से लोग हैं जो उस समय ब्लोगिंग करते हैं जब ऑफिस मे होते हैं । सरकारी खजाने का दुरूपयोग ऐसे ही होता हैं और हम सब आँख बंद कर के देखते हैं ।

राइट टू इन्फोर्मेशन एक्ट का प्रावधान अब सब कंपनियों मे लागू हो गया हैं । हम मे से कोई भी किसी भी कंपनी से ये पूछ सकता हैं की इन्टरनेट का इस्तमाल उस कंपनी मे कौन कितना कर रहा हैं और किस काम के लिये । दुरपयोग केवल इन्टरनेट का नहीं हैं दुरूपयोग हैं इन्टरनेट पर ब्लोगिंग के लिये नष्ट किये जा रहे समय का जिसको ऑफिस के काम के लिये उपयोग मे लाना चाहिये था ।

हर कंपनी की वेबसाइट पर ये प्रावधान दिया हुआ हैं । मैने ये प्रावधान स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया की साईट पर देखा हैं । इसका उपयोग करना और जानकारी प्राप्त करना बहुत ही आसन हैं और इसके बहुत दूरगामी लाभ भी हैं ।

पहले की दो पोस्ट

एक

दो

October 17, 2009

कुछ लिंक्स

ब्लॉग मे बेशुमार लिंक देने वाले ब्लोगर आप गूगल की पॉलिसी को भंग कर रहे हैं ।
अगर किसी को भी अपने ब्लॉग या उससे सम्बंधित कोई भी लिंक किसी ऐसी साईट पर मिलता हैंi जहा आप उसको नहीं चाहते हैं तो आप इस लिंक पर जा कर उस साईट को गूगल पर प्रषित कर सकते हैं
अगर आप की निजी जानकारी , फ़ोन नंबर किसी लिंक पर हैं तो उसको हटाने के लिये इस लिंक पर जाये
कॉपी राइट उलंघन के लिये लिंक हैं
इसके अलावा अगर आप की साईट , प्रोफाइल , कमेंट्स या ब्लॉग की rss feed किसी ने बिना आप की इजाज़त के रीपब्लिश की हैं तो आप रिपोर्ट कर सकते हैं
गूगल की नीति के तहत । मुझ से वो लिंक खो गया हैं मिलते ही पोस्ट अपडेट कर दूंगी और किसी के पास हो कमेन्ट मे बता दे

October 16, 2009

ब्लॉग वाणी टीम के लिये कुछ सुझाव

  1. एक दिस्क्लैमेर ये बताते हुए की ब्लोगवाणी टीम को किसी भी कानूनी लड़ाई मे पार्टी नहीं बनाया जा सकता जो किसी भी ब्लॉग पर आ रही पोस्ट या ब्लॉगर मे हो ।
  2. ब्लोगवाणी टीम का ईमेल आईडी बडे अक्षरो मे दर्ज हो जो आसानी से देखा जा सके
  3. अब्यूज सेक्शन जहाँ किसी ब्लॉग की शिकायत दर्ज की जा सके
  4. ब्लॉग पोस्ट के नीचे आई पी के तीन डिजिट उपलब्ध हो और चौथा डिजिट अब्यूज सेक्शन मे की गयी शिकायत सही पाये जाने पर उसी पोस्ट मे उपलब्ध कराया जाए । ये सुविधा पोस्ट डर पोस्ट आधारित हो
  5. जिन ब्लोग्स को डिलीट किया जाए उनकी जानकारी कही जरुर उपलब्ध रहे
  6. और जो लोग सदस्यता शुल्क देना चाहे उनसे डोनेशन की जगह शुल्क की राशि ली जाए

October 10, 2009

पढिये

आज कल बड़ा हल्ला हैं की ब्लॉग को प्रतिबंधित कराओ ब्लोग्वानी और चिट्ठाजगत से । सबसे बढ़िया बात ये हैं की जो लोग इस बात को उठाते हैं किस एक पोस्ट को लेकर उनके ब्लॉग पर ही उस पोस्ट के लिंक , उनकी पोस्ट या उसके कमेन्ट मे मिल जाते हैं ।

ब्लोग्वानी और चिट्ठाजगत से पोस्ट कई बार तुरत हटा दी जाती हैं पर उनके लिंक अगर एक ब्लॉग से दूसरे ब्लॉग तक आप अपनी पोस्ट से पहुचाते रहेगे तो उनका परिश्रम व्यर्थ जाता हैं

जिन ब्लोग्स पर nav bar नहीं हैं उन ब्लोग्स को गूगल को रिपोर्ट किया जा सकता हैं

एक लिंक जो तकनीक के जानकारों के बहुत काम आ सकता है

इस विषय मे हिन्दी मे जानकारी यहाँ हैं

October 05, 2009

October 03, 2009

हिन्दी ब्लॉगर जो हिन्दी को नेट पर आगे ले जा रहे उनमे से बहुत से ब्लॉगर ऐसे हैं जिन का हिन्दी से सम्बन्ध बहुत पुराना हैं ।

हिन्दी ब्लॉगर जो हिन्दी को नेट पर आगे ले जा रहे उनमे से बहुत से ब्लॉगर ऐसे हैं जिन का हिन्दी से सम्बन्ध बहुत पुराना हैं । किसी के माता पिता हिन्दी के प्रबुद्ध लेखको मे से हैं तो किसी के माता पिता हिन्दी विषय मे अध्यापन का कार्य करते रहे हैं या किसी के मामा , जाने माने कवि रहे हैं । इसके अलावा बहुत से ब्लॉगर हैं जो पेशे से डॉक्टर/वकील और इंजिनियर हैं पर उनका हिन्दी का ज्ञान { लैंग्वेज और लिट्रेचर } दोनों मे असीम हैं ।


ब्लॉगर प्रोफाइल मे केवल और केवल सिमित जानकारी उपलब्ध हैं इसलिये ये पता नहीं चल रहा की कितने ब्लॉगर ने हिन्दी कि फॅमिली बेकग्राउंड होते हुए भी इंग्लिश मीडियम स्कूल से पढाई की हैं और कितनो ने हिन्दी मीडियम स्कूल से ।

हिन्दी प्रेम होने के बावजूद भी हिन्दी भाषा मे स्नातकोतर या उससे ऊपर की पढाई और हिन्दी को पढ़ा कर अपनी जीविका का साधन बहुत ही सिमित संख्या के ब्लॉगर कर रहे हैं



ऐसे क्या कारण हैं कि हिन्दी कि फॅमिली बेकग्राउंड होते हुआ भी हिन्दी विषय मे कोई डिग्री नहीं हैं बहुतो से ब्लॉगर के पास ?? क्यूँ ??

पोस्ट लिखने का मकसद केवल और केवल हिन्दी के प्रति स्नेह होते हुए भी उसको जीविका का साधन क्यूँ नहीं बनाया जाता हैं ??

October 02, 2009

हिन्दी लेखक / हिन्दी ब्लॉगर

हिन्दी लेखक / हिन्दी ब्लॉगर , मेरी नज़र मे ये दोनों , अलग अलग हैं । ज्यादातर हिन्दी ब्लॉगर , हिन्दी मे लिखते हैं पर हिन्दी उनका विषय नहीं हैं । वो हिन्दी को प्यार करते हैं इसलिये हिन्दी मे लिखते हैं । उन मे से बहुत से डॉक्टर , इंजीनियर , सॉफ्टवेर देव्लोपेर , सरकारी संस्थानों मे बडे और ऊँचे पदों पर आसीन , दिल्ली और अन्य विश्व विद्यालयो मे हिन्दी तथा अन्य विषयों के प्रवक्ता , वकील , सेल्फ एम्प्लोयेड हैं ।

अगर चिटठा जगत का सक्रियता क्रम देखे तो पहले ४० चिट्ठो के मालिक सब इतने समर्थ जरुर हैं की १०० रुपए प्रतिमाह दे सके एक अग्रीगेटर की सुविधा उठाने के लिये ।

हिन्दी मे ब्लॉग लिखना महज एक शौक हैं उन लोगो के लिये जो अपने अपने कार्य क्षेत्र मे जीविका के लिये कमा रहे हैं । ब्लॉग लिखना एक व्यसन भी हैं क्युकी इस मे आप के पास इन्टरनेट का खर्चा उठाने की सामर्थ्य भी होनी चाहिये । बहुत से घरो मे आज भी इन्टरनेट नहीं हैं क्युकी उसकी कोई जरुरत नहीं हैं और उसके लिये १००० रुपए माह खर्च नहीं किया जा सकता हैं । आज भी मध्यवर्गी परिवार मे रोटी कपड़ा और मकान ही बेसिक जरुरत हैं ।

जितनी चादर हो पैर उतने ही पसारने चाहिये । अगर आय कम हैं तो या तो कम आय मे रहना आना चाहिये या आय बढ़नी चाहिये ।



हिन्दी ब्लॉगर और हिन्दी लेखक मे फरक हैं मेरी नज़र मे , मेरी नज़र और मेरी सोच ही हैं इस ब्लॉग पर । लोग डायरी को सार्वजनिक करने से डरते हैं क्युकी उसमे व्यक्तिगत एह्साह होते हैं जो हम बाटना चाहते हैं ताकि और क्या सोचते हैं उस विषय मे वो पता चले । और कमेन्ट डिलीट भी करती हूँ जो नहीं पसदं होते क्युकी अपनी डायरी हैं सो पन्ने फाड़े भी जासकते हैं ।

आशा हैं सागर नाहर अब नाराज नहीं रहेगे



आज कल बहुत से लोग दुसरो की डायरी सार्वजनिक कर रहे हैं हम तो अपनी ही कर रहे हैं । और भईया हम १०० रुपए प्रति माह ही दे सकते हैं अग्रीगेटर पर ब्लॉग दिखाना के लिये इस से ज्यादा होगा तो केवल ब्लॉग लिखेगे , अग्रीगेटर पर सदस्यता नहीं लेगे । हम हिन्दी मे अपने लेखन को प्रमोट करने के लिये इतना खर्चा जरुर करेगे । दो ब्लॉग २०० रुपए । पर किसी को डोनेशन नहीं देना पसंद करेगे ।

October 01, 2009

पसंद का चटका लगाने के परमुटेशन कॉम्बिनेशन

पसंद का चटका लगाने के परमुटेशन कॉम्बिनेशन


आप के पास जितने ब्राउज़र हैं एक साथ खोल ले और इस प्रकार से खोले की आप को डेस्कटॉप पर सब एक साथ दिखे।

हर ब्राउज़र मे ब्लॉगवाणी खोल ले
जिस पोस्ट को पसंद करना हैं उसको सब ब्राउज़र मे ऊपर कर ले

अब सब पर पसंद का चटका लगाए पर चटका लगाने की स्पीड बहुत तेज होनी चाहिये ।
सब ब्राउजर बंद कर दे
दुबारा ब्लोग्वानी को किसी भी ब्राउज़र मे खोले अगर ४ ब्राउज़र हैं तो कम से कम पसंद तो आप को दिखी ही जायेगी
ट्रिक ये हैं की इससे पहले की ब्लोगवाणी का सर्वर आपकी पसंद रजिस्टर करे सारे चटके लग चुके हो !!! वो जो चटका लगाने पर गोल गोल घूमता हैं वो घूमना बंद होने से पहले जितने चटकाए उतनी पसंद !!!
नेट बंद कर दे

दुबारा नेट चालू करे
ब्लोग्वानी खोले
जिस पोस्ट पर पसंद चटकानी हैं उसको पसंद कर ले
अब जिस पोस्ट को पसंद किया हैं उसके ऊपर या तो आप को ब्लोग्वानी मे उस ब्लॉगर की तस्वीर , ब्लॉग की तस्वीर या खाली स्थान दीखेगा वहाँ क्लिक करे
एक नया पेज खुल जायेगा जिसमे आप को उस ब्लॉगर की सब पोस्ट दीखेगी
वहाँ आप जिस पोस्ट पर भी चाहे पसंद चटकाते रहे

नेट बंद करे , फिर खोले
अगर आप को अपनी पोस्ट पसदं करनी हैं अपनी पोस्ट खोले
दूसरे ब्राउज़र मे ब्लोग्वानी खोले और ऊपर बाते तरीके से अपनी पुरानी पोस्ट खोले

तीनो जगह एक साथ पसंद का चटका लगाये ३ पसंद यानी आपका ब्लॉग साइड पट्टी पर आगया जहाँ आज की ज्यादा पसंद दिखती हैं

एक बार कोशिश करके देख ले वहाँ भी पसंद का चटका लग सकता हैं


बात सिर्फ़ परमुटेशन कॉम्बिनेशन की हो रही हैं ब्लोगवाणी टीम की सक्षमता या असक्षमता की नहीं


ये ब्लॉग प्रयास कैसा हैं ?

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