हम तो धन्य हुए
एक गैर जरुरी
मुद्दे पर
इतनी जरुरी बात चीत हो रही हैं ।
सच बोलना जितना मुश्किल है , सच को स्वीकारना उस से भी ज्यादा मुश्किल है . लेकिन सच ही शाश्वत है और रहेगा मुझे अपने सच पर उतना ही अभिमान है जितना किसी को अपने झूठ से होने वाले फायदे पर होता हैं
मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं
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आपका लिंक ब्रोकन है। क्लिक करने पर संदेश मिलता हैः
ReplyDeletePage not found
Sorry, the page you were looking for in the blog कुछ तो है.....जो कि ! * does not exist.
link sahii kar diyaa haen dhnyavad
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