मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

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May 13, 2010

ब्लॉग पंचायत

क्यों ब्लॉग को समाज कि चौपाल बनाया जा रहा हैं जहाँ एक सरपंच चाहिये और चार पञ्च जो लोगो को बता सके कौन यहाँ रहने लायक हैं और किस को निकाल दिया जायेगा । क्या सामजिक मुद्दों की कमी हैं की ये सब चल रहा हैं ।

3 comments:

  1. क्योंकि कुछ लोग इस ब्लागजगत को अपनी बपौती समझते हैं.

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  2. आपसे सहमत...

    जब हमने ब्लोगिंग शुरू की थी, उस वक़्त माहौल बहुत अच्छा था...
    लेकिन, अफ़सोस है कि 'कुछ लोगों' ने ब्लॉग जगत रूपी पावन गंगा में 'गंदगी' घोल दी है...और यह दिनोदिन बढ़ रही है...
    लोग ज़बरदस्ती अपने 'मज़हब' को दूसरों पर थोप देना चाहते हैं...
    गाली-गलौच करते हैं... असभ्य और अश्लील भाषा का इस्तेमाल करते हैं...
    किसी विशेष ब्लोगर कि निशाना बनाकर पोस्टें लिखी जाती हैं...
    फ़र्ज़ी कमेंट्स किए जाते हैं...
    दरअसल, 'इन लोगों' का लेखन से दूर-दूर तक का कोई रिश्ता नहीं है... जब ब्लॉग लेखन का पता चला तो सीख लिया और फिर उतर आए अपनी 'नीचता' पर... और करने लगे व्यक्तिगत 'छींटाकशी'...
    'इन लोगों' की तरह हम 'असभ्य' लेखन नहीं कर सकते... क्योंकि यह हमारी फ़ितरत में शामिल नहीं है और हमारे संस्कार भी इसकी इजाज़त नहीं देते... एक बार समीर लाल जी ने कहा था... अगर सड़क पर गंदगी पड़ी हो तो उससे बचकर निकलना ही बेहतर होता है...

    आज ब्लॉग जगत में जो हो रहा है, हमने सिर्फ़ वही कहा है...

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