मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

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November 28, 2010

सोच रही हूँ

दिल्ली मे मीटिंग मे बालेन्दु जी ने कहा था कि पिछले एक साल में ब्लोगिंग नीचे आगई हैं आप कभी सोच कर देखियेगा कि पिछले एक साल से पहले कितनी ब्लॉगर मीट हुई हैंकहीं ऐसा तो नहीं हैं इस मिलने मिलाने , पीने पिलाने मे ब्लोगिंग खत्म हो रही हैं

५००० - १०००० रूपए एक रात मे खर्च करने कि सामर्थ्य सब कि नहीं हो सकती । तो ऐसी पार्टी मे वही जायेगे जो रिटर्न मे इतना खर्च करने कि सामर्थ्य रखते होगेऔर जो रिटर्न कि सामर्थ्य के बिना इन पार्टियों का मज़ा रखते हैं उनको क्या कहा जायेगा ये आप को कुछ दिन मे दिख जायेगा

5 comments:

  1. आपकी बात से संकेत मिल रहा है. पूरी बात पकड़ में नहीं आ रही.

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  2. मिलना मिलाना सामर्थ्यानुसार ही हो।

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  3. देखते हैं जी
    लेकिन अभी तो मुझे नहीं लगता कि कोई रिटर्न के लिये ये मिलन कराता है।
    आपकी बात श्री सुरेश जी के पिछले कमेंट से मेल खाती है, जिसमें उन्होंने मीटिंग करवाना "स्वार्थ की भावना से प्रेरित" कहा था।

    प्रणाम

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  4. अंतर सोहेल जी रिटर्न का मतलब था कि अगर मै कहीं जाती हूँ तो कभी ना कभी जिस जगह मे जाती हूँ उसके हिसाब से मुझ भी खर्च करना होगा । यानी अगर मै किसी ऐसी मीट मै शिरकत करती हूँ जहां ५००० रूपए किसी एक व्यक्ति ने खर्च किये हैं तो या तो मै अपना हिस्सा दूंगी या अपने आप उतनी बड़ी मीट करवाने कि हसियत रखूंगी ।
    प्रणाम

    the one who is organizing the meet is not expecting a return but the one who is attending the meet should be in a capacity to organize a meet in return of the same level

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  5. samajik sambandh isi tarah sakriya evam gatishil rahti hai...........

    adan pradan hi to vaykti ko vayktigat se samajgat arthbodh deta hai......

    yse aapki sankayen nirmool nahi....
    tokne wale hone hi chahiye ........

    bakaul----------"o samoohik samajik
    vybhar jise niyantran karnewala koi
    pra ya swa sanhita nahi ho to oos
    vybhar me manviya sadgun apni pragya chorkar pashwik prabritti apna leti hai"

    pranam.

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