मेरी असहमति दर्ज की जाए
डिग्री और शिक्षा
इस विषय पर ध्यान देने की बात हैं की अगर किसी को जीविका चलानी हैं तो किसी ना किसी डिग्री की आवश्यकता होती ही हैं { डिग्री से अर्थ हैं उस विषय में जिस में किसी को नौकरी करनी हैं ना केवल पारंगत होना अपितु उस पारंगत होने का प्रमाण पत्र भी होना } डिग्री महज एक प्रमाण पत्र हैं उस विषय में आप प्रवीण हैं इसका .
शिक्षित होना बिना डिग्री के भी हो सकता हैं लेकिन जहां डिग्री धारी खड़े होते हैं वहाँ केवल शिक्षित को नौकरी शायद ही मिले .
शिक्षा से आप के सोचने का नजरिया बदलता हैं
आप का ये कहना गलत हैं की हमारे यहाँ शिक्षा का स्तर नीचा हैं और डिग्री आराम से मिल जाती हैं . हमारे यहाँ डिग्री होल्डर इस लिये ज्यादा हैं क्युकी हमारे यहाँ शिक्षा को महत्व दिया जाता हैं . हमारे यहाँ शुरू से गुरुकुल की परम्परा रही हैं जहां शिक्षा और स्वाबलंबन की शिक्षा साथ साथ दी जाती हैं .
खुद ओबामा ने कहा हैं की भारत के ऊँचे शिक्षा स्तर का मुकबला करना अमरीकियों का मकसद हो नहीं तो वो पिछड़ जायेगे .
ब्रिटिश में भी शिक्षा के साथ डिग्री का बेहद महत्व हैं नर्स डॉक्टर इंजिनियर वहाँ इस लिये इंडिया से बुलाये जाते हैं क्युकी उनको वहाँ के नागरिक से आधी तनखा दे कर भी काम चल जाता हैं . ये भारतियों की नाकाबलियत नहीं हैं उनका शोषण जरुर हैं .
एक designer हूँ मै भारत मे रह कर नेट के जरिये आर्ट वर्क बना कर भेजती हूँ . जिस आर्ट वर्क का मुजे वो ३०० डॉलर देते हैं उसका वहाँ १००० डॉलर देना होता हैं इस लिये वो मुझे काम देते हैं . लेकिन जो काम मै वहाँ के लिये करती हूँ वैसे काम का यहाँ मुझे २० डॉलर भी नहीं मिलता करना यहाँ उस तरह का काम होता ही नहीं हैं तो मिलेगा कहा से . मेरी डिग्री उन्होंने कभी मांगी नहीं क्युकी मेरा काम उनको पसंद आया लेकिन वही अगर मुझे वो नौकरी देगे तो डिग्री की मांग होंगी .
हमारे इंजिनियर , डॉक्टर या क़ोई भी जिसमे बढई , प्लुम्बेर इत्यादि भी शामिल केवल और केवल पैसा कमाने के लिये वहाँ जाते हैं क्युकी यहाँ उतना पैसा नहीं हैं १००० की जगह ३०० ही सही .
अपमान इस लिये होता हैं क्युकी वहाँ के देशवासी इनको अपना नौकर से ज्यादा नहीं समझते और वो अपमान यहाँ भी होता हैं जहां भी प्राइवेट नौकरी हैं .
हमारी शिक्षा पद्धति मे क़ोई गड़बड़ नहीं हैं बस जन संख्या ज्यादा हैं और रोजी रोटी की मारामारी रहती हैं
गुरुकुल से लेकर आज तक डिग्री और शिक्षा दोनों मे हमारे देशवासी आगे ही हैं
फोर्ब्स की लिस्ट उठा कर देखिये आप को खुद एहसास होगा
योग्यता का महत्व कम नहीं हैं योग्यता की परख करने के लिये टाइम पीरियड की जरुरत होती हैं वही डिग्री आप की योग्यता का प्रमाण पत्र हैं
सच बोलना जितना मुश्किल है , सच को स्वीकारना उस से भी ज्यादा मुश्किल है . लेकिन सच ही शाश्वत है और रहेगा मुझे अपने सच पर उतना ही अभिमान है जितना किसी को अपने झूठ से होने वाले फायदे पर होता हैं
मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं
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