आप की एक अभिन्न ब्लॉग मित्र हैं जो आज कल ब्लॉग लेखन में उतना सक्रिय नहीं हैं उनकी एक पोस्ट आयी थी
जिस पर मैने कमेन्ट दिया था जो मैने अपने ब्लॉग पर सहेज दिया हैं क्युकी उनकी पोस्ट पर कमेन्ट दिखने बंद है .
here is the link
http://mypoeticresponse.blogspot.com/2010/10/blog-post_26.html
उस पोस्ट पर
here is the link
http://swapnamanjusha.blogspot.com/2010/10/blog-post_26.html#comment-form
आप की क़ोई आपत्ति नहीं याद पड़ती ????? ना ही मेरे कमेन्ट की तारीफ में आप का क़ोई कमेन्ट .
ख़ैर आते हैं अन्ना की बात पर और ब्लॉग जगत की "नारी " की चुप्पी पर कारण सहज हैं ये वक्तव्य एक पुरुष का हैं और सारे पुरुष जैसे राज भाटिया एक स्वर में इसके समर्थन में खड़े हैं और रहेगे जैसे उस पोस्ट पर थे जो आप की मित्र की थी , वो महिला हो कर ये सब कह सकती थी और इस ब्लॉग जगत में समर्थन भी पा सकती थी . तारीफ़ भी और नारी ब्लॉग पर अगर सही भी लिख दिया जाये तो मुझे आप जैसे सहज ब्लॉगर भी "विघ्नसंतोषी" की उपाधि से नवाजते हैं .
here is the link
http://indianwomanhasarrived.blogspot.com/2010/11/blog-post_9611.html?showComment=1290494506029#c4501753229830411178
आज के अखबार में एक और खबर हैं ऐसी ही एक पुलिस अधिकारी ने कहा हैं की महिला के कपड़े रेप का कारण हैं और चिदम्बरम ने तुरंत उस ब्यान को ख़ारिज किया हैं , वो भी चाहते हो इंतज़ार कर सकते थे की कब महिला आयोग जागेगा .
पुरुष की गलत ब्यान बाज़ी के खिलाफ पोस्ट लिखी नहीं की "नारी " पुरुष विरोधी हो गयी . अभी ३ कमेन्ट हैं और २ आप के विचारो के खिलाफ हैं जो की "पुरुष" के कमेन्ट हैं , वो "पुरुष " जो अन्ना में भी सहज रूप से बैठा हैं .
इन सब बेहूदी बातो का विरोध नारी ब्लॉग पर बंद हो गया हैं क्युकी नारी ब्लॉग पर मोरल पुलिसिंग बंद कर दी वो मोरल पुलिसिंग जो सदियों से पुरुष नारी की करता हैं
आप ने माना की ब्लॉग जगत की "नारी " का विरोध सही होता हैं इसके लिये थैंक्स , हाँ कह सकते हैं देर आये दुरुस्त आये ।
मेरा कमेन्ट
जिस पर मैने कमेन्ट दिया था जो मैने अपने ब्लॉग पर सहेज दिया हैं क्युकी उनकी पोस्ट पर कमेन्ट दिखने बंद है .
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http://mypoeticresponse.blogspot.com/2010/10/blog-post_26.html
उस पोस्ट पर
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http://swapnamanjusha.blogspot.com/2010/10/blog-post_26.html#comment-form
आप की क़ोई आपत्ति नहीं याद पड़ती ????? ना ही मेरे कमेन्ट की तारीफ में आप का क़ोई कमेन्ट .
ख़ैर आते हैं अन्ना की बात पर और ब्लॉग जगत की "नारी " की चुप्पी पर कारण सहज हैं ये वक्तव्य एक पुरुष का हैं और सारे पुरुष जैसे राज भाटिया एक स्वर में इसके समर्थन में खड़े हैं और रहेगे जैसे उस पोस्ट पर थे जो आप की मित्र की थी , वो महिला हो कर ये सब कह सकती थी और इस ब्लॉग जगत में समर्थन भी पा सकती थी . तारीफ़ भी और नारी ब्लॉग पर अगर सही भी लिख दिया जाये तो मुझे आप जैसे सहज ब्लॉगर भी "विघ्नसंतोषी" की उपाधि से नवाजते हैं .
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http://indianwomanhasarrived.blogspot.com/2010/11/blog-post_9611.html?showComment=1290494506029#c4501753229830411178
आज के अखबार में एक और खबर हैं ऐसी ही एक पुलिस अधिकारी ने कहा हैं की महिला के कपड़े रेप का कारण हैं और चिदम्बरम ने तुरंत उस ब्यान को ख़ारिज किया हैं , वो भी चाहते हो इंतज़ार कर सकते थे की कब महिला आयोग जागेगा .
पुरुष की गलत ब्यान बाज़ी के खिलाफ पोस्ट लिखी नहीं की "नारी " पुरुष विरोधी हो गयी . अभी ३ कमेन्ट हैं और २ आप के विचारो के खिलाफ हैं जो की "पुरुष" के कमेन्ट हैं , वो "पुरुष " जो अन्ना में भी सहज रूप से बैठा हैं .
इन सब बेहूदी बातो का विरोध नारी ब्लॉग पर बंद हो गया हैं क्युकी नारी ब्लॉग पर मोरल पुलिसिंग बंद कर दी वो मोरल पुलिसिंग जो सदियों से पुरुष नारी की करता हैं
आप ने माना की ब्लॉग जगत की "नारी " का विरोध सही होता हैं इसके लिये थैंक्स , हाँ कह सकते हैं देर आये दुरुस्त आये ।
मेरा कमेन्ट
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