मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

August 16, 2009

आप को भी किसी ऐसे ब्लॉगर / ब्लॉग की कमी अखरती हैं क्या ? चलिये उस ब्लॉग का नाम दीजिये ।

हिन्दी ब्लॉग संसार मे निरंतर नये ब्लॉग अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं अच्छा लगता हैं की इतने लोग अभिव्यक्ति के इस माध्यम को जानने लगे हैं और उसका फायदा भी उठा रहे हैं ।
दो साल से यहाँ हूँ और अब कमी महसूस हो रही कुछ ब्लॉगर की जो पहले निरंतर लिखते थे । आज महीनो हो गए हैं उनके ब्लॉग पर एक भी पोस्ट आये ।
आप को भी किसी ऐसे ब्लॉगर / ब्लॉग की कमी अखरती हैं क्या ? चलिये उस ब्लॉग का नाम दीजिये ।
एक लिस्ट बनाते हैं और फिर दूसरी पोस्ट मे वो सारे नाम दे कर कुछ कारण पता करने की कोशिश तो कर ही सकते हैं

11 comments:

  1. बहुत अच्छा प्रयास है आपका. पर आपने तो उस ब्लोगर का नाम नही बताया जिसकी कमी आपको अखरती है.
    मुझे एक ब्लोगर 'विनोद कुमार पारासर' की कमी खलती है. जिनका URL है
    http://www.nayagharblogspotcom.blogspot.com/

    ReplyDelete
  2. list lambi haen so baad mae dungi vishvaas rakhae

    ReplyDelete
  3. सर्वज्ञ यानी शिरीष पंडिज्‍जी, उन्‍मुक्‍त, पंगेबाज़ ।

    ReplyDelete
  4. यूनुस भाई से सहमत (तीनो नाम मेरे भी दिमाग में आये हैं), इसमें सागर नाहर का नाम भी जोड़ लें… ये भाई आते तो रहते हैं लेकिन बहुत-बहुत लम्बे अन्तराल के बाद्…

    ReplyDelete
  5. mamta tv wali mamta ji bahut dino se nahi dikhi,phir apni dubaiwali meenakshi ji bhi.

    ReplyDelete
  6. पंगेबाज जी ने ब्‍लॉगिंग छोड़ दी है
    चौखट वाले पवन चंदन
    कम नजर आ रहे हैं।

    ReplyDelete
  7. "एकोहम" ब्लाग वाले श्री विष्णु बैरागी जी!!
    इनके ब्लाग के नियमित पाठक होने के नाते हमें तो इनकी कमी बहुत अखरती है।

    ReplyDelete
  8. बेदखल की डायरीः मनीषा पांडे

    ReplyDelete
  9. कहना मुश्किल है मेरे लिये....समय कम मिलता है और चाह कर भी सब पढ़ नहीं पाता!

    ReplyDelete

  10. अभी तो अतुल अरोड़ा,मनीषा,पल्लवी,रख़्शँदा,सतीश सक्सेना,प्रज्ञा राठौड़ ही याद आ रहे हैं !
    मीनाक्षी अपने बेटे के आपरेशन के बाद न जाने कहाँ व्यस्त हो गयीं ?
    ममता नियमित लिखती थी, उसके पापा की बीमारी के बाद जाने क्या हुआ ?
    जब भी दुकानों में सजी ज़लेबी दिखती है, ममता की पोस्ट ज़रूर याद आती है !

    ReplyDelete

Blog Archive