सीनियर सिटिज़न हो गया हैं अब हमारा देश , सो इसकी देख भाल की अब जरुरत हैं । देश से आशा ना रख कर देश के लिये कुछ करने का जज्बा ही आज़दी की सही परिभाषा होगा । आज मुझे कुछ ऐसा ही महसूस हो रहा हैं ।
दे दी हमे आजादी बिना खडग बिना ढाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
सभी को शुभकामनाये
सच बोलना जितना मुश्किल है , सच को स्वीकारना उस से भी ज्यादा मुश्किल है . लेकिन सच ही शाश्वत है और रहेगा मुझे अपने सच पर उतना ही अभिमान है जितना किसी को अपने झूठ से होने वाले फायदे पर होता हैं
मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं
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आपको भी स्वतन्त्रता दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं !
ReplyDeleteसही कहा --- स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाए
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाए
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं .....
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें ।
ReplyDeleteमुझे अच्छी नहीं लगी यह बात - देश सीनियर सिटिजेन हो गया है । फिर देश की ज्यादा से ज्यादा उमर कितनी ?
अन्यथा न लेंगी । स्नेहाकांक्षी ।
स्वतंत्रता दिवस की घणी रामराम.
ReplyDeleteहिमांशु माँ पिता भी जब ६० के ऊपर हो जाते हैं
ReplyDeleteतो हम उनका ख़याल रखते हैं तो देश का क्यूँ
नहीं ?? हमेशा देश से लेने की चाह क्यूँ रहे उसकी
सेवा की क्यूँ नहीं ? बस यही कहना था