पर गूगल मैप को ग़लत बताया था और बहुत से ब्लॉगर ने इस पर अपनी आपति तुंरत दर्ज कराई थी { मैने भी !} आज हिन्दी के पेपर राष्ट्रिये सहारा मे और इंग्लिश के टाइम्स ऑफ़ इंडिया मे गूगल का गलती मानना पढ़ कर अच्छा लगा ।
आपति दर्ज करना जरुरी होता हैं । कुछ हिन्दी ब्लॉगर आपत्ति दर्ज कराने वालो को "आपत्तिजनक " मानते हैं कोई बात नहीं कुछ और समय बाद वो ख़ुद समझ जायेगे की ब्लोगिंग का सही अर्थ हैं ग़लत के खिलाफ अपनी आवाज को दूसरो तक पहुचना ।
ब्लोगिंग एक ऐसा मंच हैं जहाँ आप जो ग़लत लगे उसको लिख कर अपने साथ खडे हो सकने वाले लोगो का साथ ढूंड सकते हैं । और कोई साथ खड़ा हो ना हो "संजय " की तरह अपना विरोध दर्ज कराने मे कोई उज्र नहीं होना चाहिये । जो ग़लत हैं उसका विरोध होना ही चाहिये ।
हर विरोध अपने अन्दर एक आग लिये होता हैं और अमूनन विरोध करने वाले बहुत भावुक होते हैं ।
ब्लोगिंग केवल साहित्य रचने का या हँसी मखोल का ही साधन नहीं नहीं हैं { वो करते रहे जिन्हे करना हैं कोई आपत्ति नहीं हैं !!!!! }
संजय की पोस्ट पर जा कर निरंतर आपत्ति दर्ज कराते रहे । सिलसिला रुकने ना दे ।
संजय बेंगाणी के द्वारा प्रविष्ट
राष्ट्र हित आपकी एक अच्छी और असरकारी अपील. शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
हमारे लिए तो अच्छी खबर है !!
ReplyDeleteचलो जी अच्छा हुआ.
ReplyDeleteकुछ फिक्र कम हुई ...!!
ReplyDeleteजब समर्थन मिलता है तो लगता है हम अकेले नहीं है.
ReplyDeleteधन्यवाद.