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June 17, 2010

मेरा भारत महान का नारा देने वाले कहीं डूब क्यूँ नहीं जाते

भोपाल काण्ड के लिये को हर्जाना क्यूँ अमेरिका ने नहीं दिलवाया एंडरसन , यूनियन कार्बाइड से जबकि आज ओबामा टंकार लगा कर BP Plc से २० बिलियन डॉलर का एस्क्रो फंड बनवा चुके हैं

यही फरक है भारत के नेता और अमेरिका के नेता मे । हमारे यहाँ मुजरिम को अपने निज के फायेदे के लिये देश से भगा दिया जाता हैं और वहाँ मुजरिम को दण्डित करवा कर ही चैन लिया जाता हैं ।

मेरा भारत महान का नारा देने वाले कहीं डूब क्यूँ नहीं जाते

शर्म करो शर्म करो

12 comments:

  1. आपको पता है, अमेरिका में रेस्तौरेंट में सूप और कॉफ़ी से जल जाने वालों को भी वहां की कंपनियों को मिलियन डौलर का हर्जाना देना पड़ता है.
    अपने यहाँ जान की कीमत नहीं है.

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  2. चुल्लु भर पानी तलाश रहे हों।

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  3. अवश्य डूबेंगे, तब जब हाई कमान कहेंगी।
    घुघूती बासूती

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  4. "हिन्दुस्तान के लोगों का रिवाज़ है कि जब तक खुद पर नहीं बीतेगी तब तक वे कुछ नहीं करेंगे....आम आदमी पर बीत रही है इसलिए वो आवाज़ उठा रहे हैं...."

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  5. यहां के नेताओं की करनी और कथनी में ज़मीन आसमान का फ़र्क़ है... इसलिए मुल्क की यह हालत है...

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  6. यहाँ जब तत्कालीन नेताओं ने ही एंडरसन को यहाँ से सुरक्षित भगा दिया फिर आप उनके क्या आशा कर सकते हैं. ये देश के गद्दार ही कहे जायेंगे. सबसे बड़ा हमारा न्यायतंत्र जिसने मरने वालों की पीढियां बुढ़ा गयी तब फैसला दिया है और वह भी सिफर. काश हम खुद कुछ कर पाते.

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  7. itna kuchh likha jaraha hai bhopal trasdi par aur vo bhi 25 sal bad .
    aur likha bhi jana chahiye taki aage koi is trasdi ke jimmevar vyktiyo ko bahut kuchh sochna pde

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  8. रेखा जी सच कह रही हैं कि जिन लोगों ने अंडरसन को चुपचाप देश से बाहर निकाल दिया उन नेताओं से हम क्या अपेक्षा करें?

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  9. मेरा मुंसिफ ही मेरा कातिल है...
    क्या मेरे हक़ में फैसला देगा ....
    उतिष्ठकौन्तेय

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  10. अपना तो हिसाब है ...
    न सुधरे थे , न सुधरे है और न सुधरने की उम्मीद है ...

    http://myheartsaystomemypoems.blogspot.com/2010/06/blog-post_08.html

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  11. ऐसे नेताओं से आम आदमी क्या उम्मीद लगा सकता है?... !...भारत को महान कैसे कह सकते है हम? आपने बहुत ही ध्यानाकर्षक और उत्तम रचना पेश की है!

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  12. मेरा भारत महान वो कहते है.. कूप मंडूक जैसा है... जब आप बाहर के देशों को देखते हो.. समझ आता है हममे कुछ भी विशेष नहीं...

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