मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

November 16, 2010

आभासी दुनिया मे करे क्या ब्लॉग विमर्श ???

ब्लॉग विमर्श यानी आपसी सहमति से एक दूसरे के विचारों पर एक वार्तालाप .

मीटिंग शुरू होने के बाद ब्लोगर के परिचय कि बात हुई । परिचय के साथ साथ लोगो ने अपने विचार भी रखने शुरू कर दिये , यानी ब्लोगर तैयार थे विचार रखने के लिये । शुरू मे दो तीन लोगो ने ७ मिनट तक समय लिया तो आयोजको को टोकना पडा ।

विमर्श के लिये कई पॉइंट थे
१ वोटिंग के जरिये हिंदी ब्लॉग को आगे ले जाना यानी पोपुलर करना
२ ब्लॉग के जरिये हिंदी का उत्थान
३ ब्लॉग से कमाई के साधन
४ ब्लोग्वाणी का जाना और वापस ना आना
५ तकनीक कि जानकारी के लिये कार्यशाला
६ ब्लॉग का घटता आकडा
७ ब्लॉग पर साहित्य का सृजन
८ समीर और अनूप के गुट
९ ब्लॉग पर मुद्दे
१० ब्लॉग पर पाठक कैसे बढ़े

इतने सारे मुद्दे और कोई समय ही नहीं सवाल जवाब या सम्वाद या डिस्कशन के लिये । बोलने के लिये समय सिर्फ समीर , बालेन्दु और अविनाश को ही दिया गया था सो बाकी लोग केवल श्रोता ही थेशायद ये मान लिया गया कि जो समीर और बालेन्दु ने कहा सहज सहमती से विमर्श हुआ ।

मेरा अपना मानना हैं कि जो पाठक इन मुद्दों पर विमर्श करना चाहे वो यहाँ या अपने ब्लॉग पर इन विषयों पर अपनी राय दे तो बात कुछ आगे जा सकती हैं
इन मुद्दों पर मेरा सोचना हैं :-
हम हिंदी मे ब्लोगिंग केवल इस लिये करते हैं क्युकी हिंदी भाषा मे हम अपनी बात बहुत आसानी से कह सकते हैं । ये हमारा हिंदी प्रेम तो हैं लेकिन उस से भी ज्यादा ये हमारे लिये सुविधा जनक हैं । ब्लॉग लिख कर मुझ नहीं लगता हम हिंदी के उत्थान मे सहयोगी हैं ।
ब्लॉग विमर्श के लिये मीटिंग हो और अगर उस मे कविता , कहानी और साहित्य कि ही बात होगी तो जो लोग अन्य विधाओ से जुड़े हैं और हिंदी साहित्य मे जिनकी रूचि नहीं हैं उनके लिये अरुचिकर होगा वहाँ बैठना । इन मीटिंग मे साहित्यकारों को बुला कर हम केवल और केवल बुद्धिजीवी बनने कि कोशिश करते हैं जो ब्लोगिंग का मात्र एक हिस्सा हैं
ब्लॉग का आकड़ा और पाठक इस लिये घट रहे हैं क्युकी पिछले एक साल मे बहुत से ब्लॉग पर जितनी भी पोस्ट आयी हैं उन पर केवल और केवल "चिट्ठाकार / ब्लोगर " प्रेम दिखा हैं । ब्लोगर नंबर १ ब्लॉगर नंबर २ के ऊपर तारीफ़ के पोस्ट लिखता हैं और पलट कर ब्लोगर नंबर २ ब्लोगर नंबर १ के ऊपर पोस्ट देता हैं । और ऐसे हर ब्लॉग पर कमेन्ट कि संख्या ५० से ऊपर होती हैं ।
इसके अलावा हर डिस्कशन को हम विवाद कहते हैं , उसको सकारातमक /नकारात्मक कि परिधि मे जोडते हैं । इस लिये लोगो का इंटरेस्ट ख़तम हो गया हैं क्युकी वो नयापन अब नहीं हैं ।

विमर्श के मुद्दों पर आप लोग अपनी राय दे , यहाँ दे , अपने ब्लॉग पर दे कोई ना कोई नयी बात जरुर आयेगीसंभव हो तो कमेन्ट मे लिंक भी छोड़ देब्लॉग आभासी दुनिया हैं और इस पर विमर्श भीआभासी दुनिया मे हो तो बहुत से लोग अपना इनपुट दे सकते हैं

14 comments:

  1. मेरे हिसाब से ये मिलन था संगोष्टी नहीं ...
    अपनी रुचि के लिए लिखते है सब ! रही बात हिन्दी को आगे बढ़ाने की तो बस खुद का पहले लिखने का स्तर बढाए, खूब सामग्री हिन्दी पेजों पर जुटाएं - हर चीज वोल्यूम से आती है - हिन्दी का वोल्यूम अगर हम अंग्रेजी से ज्यादा कर पाए तो निश्चित ही हिन्दी ब्लॉग्गिंग पोपुलर और धन अर्जन का साधन बन सकता है और उपयोगी साधन भी !

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  2. विषय तो अच्छे थे /हैं ,आभासी दुनिया अब कहने भर को आभासी रह गयी है . अब हम ज्यादा लोगों के चाल चलन चेहरा और चरित्र जानने पहचानने लगे हैं !

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  3. आपके ब्लॉग में कुछ परेशानी है, जैसे ही में आपके ब्लॉग पर जाता हूँ, एक mp3 फाइल download होना प्रारंभ हो जाती है, कृपया जांचें

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  4. yogendra
    i have removed the background music and i am sure you will not get the download now

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  5. सारे के सारे विषय महत्वपूर्ण हैं। चर्चा समय और अनुभव दोनों चाहती है।

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  6. कमेंट पोस्‍ट ही नहीं हो रहा ।

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  7. १ वोटिंग के जरिये हिंदी ब्लॉग को आगे ले जाना यानी पोपुलर करना: मुझे इसकी कोई जरूरत नहीं लगती।
    २ ब्लॉग के जरिये हिंदी का उत्थान: ब्लाग के जरिए हिंदी का उत्थान तो कतई नहीं हो रहा और न ही इसकी उम्मीद करनी चाहिए। मुझे कई बार ऐसा लगता है कि पतन ज्यादा हो रहा है। क्यों कि कोई जो कुछ भी लिख देता है,वह प्रकाशित हो जाता है। उसका संपादन करने वाला या समीक्षा करने वाला कोई नहीं है। और कुछ लोग करते हैं वे तो ब्लागर सुनने और समझने को तैयार नहीं होते।
    ३ ब्लॉग से कमाई के साधन : हिंदी में यह दूर की कौड़ी है।

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  8. ५ तकनीक कि जानकारी के लिये कार्यशाला: ब्लाग की तकनीक ब्लागिंग करते करते ही सीखी जा सकती है। उसक लिए कार्यशाला की जरूरत तो नहीं लगती।
    ६ ब्लॉग का घटता आकडा: इसको लेकर परेशान होने की आवश्यकता नहीं है।
    ७ ब्लॉग पर साहित्य का सृजन : ब्लाग पर साहित्य सृजन जरूर होना चाहिए और हो भी रहा है। लेकिन साथ साथ उसकी समीक्षा और संपादन भी होना चाहिए। वह कुछ लोग कर भी रहे हैं लेकिन ब्ला‍गरों को भी इसके लिए मानसिक रूप से तैयार होना पड़ेगा। मैं मूलत: साहित्य का व्यक्ति हूं। अब तो मेरा साहित्य लेखन ब्लाग के लिए ही होता है।

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  9. ८ समीर और अनूप के गुट: गुट और भी हैं। मुझे नहीं लगता कि गुट बनना या बनाना बुरी बात है। पर गुट विचारों को लेकर बनना चाहिए न कि व्यंक्तियों को लेकर । व्यक्तियों को लेकर गुट बनने की प्रवृति घातक है। हां गुटबाजी तो निसंदेह ब्ला ग में हो रही है और यह अच्छी बात नहीं है।
    ९ ब्लॉग पर मुद्दे: ब्लाग पर वह हर मुद्दा होना चाहिए जिस पर चर्चा करने की जरूरत है। पर दिल्लीं में बिल्डिंग गिर गई उस पर बिना बात और बिना पूरी जानकारी के ब्लाग बजाने का कोई औचित्य नहीं हैं।
    १० ब्लॉग पर पाठक कैसे बढ़े: यह चिंता हमें नहीं करनी चाहिए। पहले चिंता इस बात की करें कि ब्लाग पर ऐसी महत्वपूर्ण सामग्री आए कि पाठक खुद ही चले आएं। दूसरी बात कि यह दुनिया ऐसी है कि जो इसमें विचर रहा होगा वह ब्लाग पर अपने आप आएगा।

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  10. धन्यवाद रचना जी!....इसी संदर्भ मे आप http://jayaka-baatkabatangad.blogspot.com/ आप मेरे विचार पढ सकती है!

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  11. १ वोटिंग के जरिये हिंदी ब्लॉग को आगे ले जाना यानी पोपुलर करना -> जानकारी नहीं
    २ ब्लॉग के जरिये हिंदी का उत्थान -> अधिकतर के लिए कम मेहनत में सुविधाजनक देशभक्ति का प्रतीक है [यहाँ मैं सारथि जैसे चिट्ठों की बात नहीं कर रहा हूँ ]
    ३ ब्लॉग से कमाई के साधन -> बिना कमाई के ही इतनी बुराइयां फैली हैं वैसे भी जिस दिन पैसा शामिल हुआ बुराइयां तो बढेंगी ही लोग मारपीट पर भी उतर आयेंगे लगता है :))
    ४ ब्लोग्वाणी का जाना और वापस ना आना -> जानकारी नहीं
    ५ तकनीक कि जानकारी के लिये कार्यशाला -> एक नया ब्लॉग काफी है जिसमें विडियो, चित्रों आदि से समझाया हुआ हो
    ६ ब्लॉग का घटता आकडा -> जानकारी नहीं
    ७ ब्लॉग पर साहित्य का सृजन -> होना चाहिए पर जिम्मेदार और जागरूक लोगों द्वारा
    ८ समीर और अनूप के गुट -> जानकारी नहीं
    ९ ब्लॉग पर मुद्दे -> वे सभी हों जिनकी लेखक को या तो १. जानकारी हो या २. जानने की इच्छा या १. और २. दोनों
    १० ब्लॉग पर पाठक कैसे बढ़े -> जानकारी पूर्ण लेख हो तो पाठक बढ़ते ही हैं [ भड़काऊ लेख और व्यंग्बाजियाँ टेम्परेरी पाठक ही दे सकती हैं ]

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  12. समय की लिमिटेशन होने से मैं यहीं पर अपने तीन लेख के लिंक दे कर जा रहा हूँ

    इसमें लगभग सभी मुद्दे आ जायेंगे

    "मॉडर्न देशभक्त " [व्यंग है मगर सीधा समझ में आता है ]
    http://my2010ideas.blogspot.com/2010/08/blog-post.html

    "हिंदी को लूट लिया मिल के हिंदी वालों ने "
    http://my2010ideas.blogspot.com/2010/09/blog-post_23.html

    "ब्लॉगजगत वासियों से मेरी अपील और और आज का फंडा"
    http://my2010ideas.blogspot.com/2010/10/blog-post_24.html

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  13. रचना दीदी ,
    आपके संतुलित विचार और ये प्रयास [लेख के रूप में ] उदेश्य और मानसिकता की दृष्टि से मुझे उपयोगी लगे संभव है इनसे कोई नयी दिशा मिलेगी

    धन्यवाद

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  14. गुटबाजी के बारे में एक बात कहूँगा की
    अगर मित्रता करनी ही है तो किसी व्यक्ति के विचारों से करनी चाहिए व्यक्ति विशेष से नहीं
    खासतौर से आभासी दुनिया में तो

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