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October 01, 2011

"जीता हैं दुनिया को मैने शब्दों से "

निज़ार कब्बानी की कविता का हिंदी अनुवाद

I Conquer The World With Words by Nizar Qabbani



"जीता हैं दुनिया को मैने शब्दों से "
अनुवाद - रचना

जीता हैं दुनिया को मैने शब्दों से

जीता हैं मातृभाषा को

सर्वनाम , संज्ञा और विषय वर्णन को

बहा दिया हैं शुरुवात की प्रक्रिया को

एक नयी भाषा से

जिस मे हैं संगीत पानी का और सन्देश अग्नि का

ज्वलंत किया हैं मैने आने वाले समय को

और रोक दिया हैं समय को तुम्हारी आँखों मे

और मिटा दी वो महीन रेखा

जो अलग कर रही थी

समय को इस पल से

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