के बी सी मे कल के महिला कन्टेसटेन्ट आई थी । उन्होने बताया की वो कुछ भी काम नहीं करना चाहती हैं यहाँ तक की वो अपने घर की पूजा भी अपनी मेड से करवा लेती हैं । उनके इच्छा हैं की क़ोई कम्पनी ऐसा क़ोई चिप बनाए जो उनके दिमाग में फिट किया जा सके और फिर जो वो सोचे काम अपने आप हो जाए , जैसे अगर उन्हे लेटे हुए टी वी का रिमोट उठाना हैं तो वो सोचे और रिमोट उनके हाथ में आजाये ।
इन महिला ने सालो से क़ोई भी काम मन से नहीं किया हैं और जो भी उनको करना पडा हैं वो मज़बूरी ही हैं । उनके हिसाब से उन्होने लेप टाप जिस दिन से लिया हैं उस दिन से वो उनके बेड पर रखा हैं और वो उसी को चला लेती हैं और वही छोड़ देती हैं ।
ये महिला एक कॉलेज में प्राध्यापिका थी पर वहाँ बार बार क्लास में जाना होता था , प्रिंसिपल के पास जाना होता था , इस लिये उन्होने अपनी नौकरी छोड़ दी और घर में ट्यूशन पढ़ाने लगी । जो बच्चे पढने आते हैं वो कहते हैं मैडम बड़ी आलसी हैं काम दे कर कुर्सी पर नहीं बैठती हैं अपने बेडरूम में लेट जाती हैं और फिर तब ही नीचे आती हैं जब बच्चो को जाना होता हैं
इन महिला की मन पसंद किताब हैं The Joy Of Laziness .
इन महिला की बाते सुन कर अमिताभ बच्चन ने कहा की उन्होने ऐसा व्यक्ति अपनी जिन्दगी में नहीं देखा ।
महिला का बड बोला पन साफ़ दिख रहा था , पूरे समय वो अमिताभ को बताती रही की वो कितना सही हैं और जीत भी रही हैं ।
२५ लाख वो जीत गयी और उनकी मुस्कुराहट बता रही थी की वो कितनी प्रसन्न हैं और कितना घमंड भी हो रहा हैं उन्हे अपनी सोच पर । इस के बाद ५० लाख के प्रश्न पर आते आते उनकी सब लाइफ लाइन ख़तम हो चुकी थी
५० लाख का प्रश्न २२ कैरट सोने के आभूषण से सम्बंधित था और महिला ने उसका उत्तर बताया । अमिताभ ने हमेशा की तरह क्युकी उनका उत्तर गलत था उनकी मद्दत करनी चाही की आप चाहे तो quit कर सकती हैं पर उन्होने नहीं किया और कहा वो एक दम सही चल रही हैं और गलत जवाब होने के कारण वो २५ लाख से उतर कर १८०००० पर आगयी और फिर रोते हुए गयी
जब वो जीत रही थी तो मै सोच रही थी कि अगर ये इतना पैसा जीत कर जाती हैं तो बहुत से लोग इस बात को सही मान ही लेगे कि बिना मेहनत पैसा कमाया जा सकता हैं क्युकी वो बार बार इस बात को दोहरा रही सी लगी ।
जब वो हार गयी तो मुझे लगा ईश्वर ने सही न्याय किया
वैसे ईश्वर कौन बनेगा करोडपति देखता हैं क्या ??
सच बोलना जितना मुश्किल है , सच को स्वीकारना उस से भी ज्यादा मुश्किल है . लेकिन सच ही शाश्वत है और रहेगा मुझे अपने सच पर उतना ही अभिमान है जितना किसी को अपने झूठ से होने वाले फायदे पर होता हैं
मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं
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October 04, 2011
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eeshwar to sab kuchh dekhta hai
ReplyDelete:)
parantu
- aisee chip possible hai
- aisa remote bhi
- ham log is project par kaam kar rahe hain - though the purpose is not to help laziness, but the physically impaired. The chip will sense brain signals and do the job
अरे मैंने भी देखा था उसे पच्चीस तक पहुंचने तक।
ReplyDeleteउसका ओंठ बिगाड़कर इस तरह बोलना जैसे जबरदस्ती बोल रही हो, बहुत मेहनत कर रही हों बोलने में, उसकी आलसपने वाली तमाम बातें सुनकर जो पहला शब्द मन में आया वह था - 'बोझ'.
आपकी इस पोस्ट से मुझे पता चला कि आगे क्या हुआ था।
तमाम अन्य प्रतिभागियों को देख मन में आता है कि और जीते, और बढ़े, थोड़ा और जीतता तो अच्छा था लेकिन इन मोहतरमा के लिये लग रहा है कि अच्छा ही हुआ, वही होना भी चाहिये था :)
सही कहा सतीश आपने
ReplyDeleteकितनी ही प्रतियोगी आते हैं , उनके लिये मन में अगर हार जाते हैं तो आता हैं अनलकी थे पर इनके लिये इनका ना जितना सही लगा
shilpa
ReplyDeleteek in madam ko bhi bhijwaadena
NEVER for the likes of such people !!!
ReplyDeleteसच कहा रचना जी कल उन्हें देखना बिल्कुल भी बर्दास्त नहीं हो रहा था जैसे ही उन्होंने गलत जवाब दिया मुझे बड़ी ख़ुशी हुई | उनकी बाते जरुरत से ज्यादा बनावटी लग रही थी और साफ दिख रहा था की वो ओवर एक्टिंग कर रही है | के बी सी भगवान देखता है की नहीं पता नहीं पर केबीसी वाले अच्छे से देखते है इस बार उनका थीम है आम आदमी और आप ने देख होगा की हर प्रतियोगी की कोई ना कोई आम सी चाहत और सपना होता है और जिसको जितनी जरुरत होती है उतना उन्हें जितवाया जाता है उनके समझ और खेत्र के सवाल करके पर कल मोहतरमा को हरा कर बताया गया की कुछ भी पाने के लिए आप को मेहनत और अक्ल दोनों का इस्तेमाल करना होगा जो वो नहीं कर रही थी |
ReplyDeleteकल ही नहीं देखा . लेकिन आम तौर पर इस बार जिन लोगों को बुलाया जा रहा है , वे ऐसे है की उनसे सहानुभूति सी होती है . आम लोगों को जिन्हें पैसे की बहुत ज़रुरत होती है , उन्हें पैसे देकर निश्चित ही के बी सी इस बार अच्छा काम कर रहा है .
ReplyDeleteविश्वास होना अच्छी बात है मगर अतिविश्वास होना नही और ये महिला उसी की शिकार थीं बाकि आपने भी सही कहा है अगर ये सच हो जाता तो लोगो मे गलत धारणा जाती।
ReplyDeleteभगवान देखता है कि नहीं यह नहीं जानता लेकिन इतना तो सत्य है कि भगवान को जिसे सजा देनी होती है, उसकी बुद्धि पहले हर लेता है।
ReplyDeleteआलस और अहंकार, ये दो दुर्गुण ही पर्याप्त हैं किसी को बर्बाद करने के लिए। उस महिला में दोनो थे।
इतना आलस कि हमको तो सुनते ही नहीं बन रहा था, या तो बड़बोलापन था और अगर आलसी हैं भी तो कोई लक्जरी का काम तो कर नहीं रही थीं। खैर जो हुआ ठीक ही हुआ।
ReplyDelete180000 तो ले ही गई।
ReplyDeleteये एपिसोड तो नहीं देखा पर जिस प्रकार आपने बताया अच्छा ही हुआ.कई बार तो अमिताभ पर तरस भी आता है कैसे कैसे लोगों को झेलना पडता है.एक बात आपने सही कही,अमिताभ अक्सर प्रतियोगियों की मदद करते लगते है.उन्हें ऐसा करते देखना अच्छा लगता है.
ReplyDeleteआपके ब्लॉग पर् आया बहुत ही अच्छा लगा और ए पोस्ट तो बहुत ही बढिया तरीके से सच्चाई बता रही है !धन्यवाद !
ReplyDeleteकभी हमारे ब्लॉग पर् भी आये
samrat bundelkhand