भारतीये संस्कृति को कैसे बचाया जा सकता है ?? रोज कहीं ना कही , किसी ना किसी को ये ख़तम होती , भ्रष्ट होती , समाप्त होती , धरातल मे जाती दीख ही जाती हैं । कही महिला तो कहीं नयी पीढी को इस संस्कृति के विनाश का कारण माना जाता हैं । मुझे लगता हैं हम सब को एक राष्ट्रिये परिधान { नेशनल ड्रेस कोड } और एक राष्ट्रिये भोजन {नेशनल फ़ूड कोड } बना चाहिये , जिसके लिये संसद मे बाकायदा बिल पास हो और संविधान मे संषोधन किया जाए ।
नेशनल ड्रेस कोड
स्त्री : साड़ी अथवा सूट , साड़ी का रंग सफ़ेद , बॉर्डर भगवा और ब्लाउज हरा । सूट का रंग सफ़ेद , चग्वा किनारी और दुपता हरा । कोई चूड़ी, बिंदी , सिंदूर या साज सिंगार नहीं ताकि सर्वधर्म मान्य हो ।
पुरूष : कुरता -पाजामा या कुरता - धोती । सफ़ेद रंग और भगवा किनारी आस्तीन पर तथा हरे रंग का कॉलर ताकि सर्वधर्म मान्य हो ।
नेशनल फ़ूड कोड
नाश्ता-- रोटी / पराठा अचार के साथ , एक गिलास दूध
दोपहर का खाना-- दाल रोटी सब्जी
रात का खाना --सब्जी रोटी चावल
अगर हम इस प्रकार से संविधान मे संशोधन करवा ले तो धार्मिक या नर - नारी या दो पीढियों का भेद भाव
से मुक्त हो जायेगे और संस्कृति भी बची रहेगी ।
गल्ती निकालनेवाले फिर भी कहीं न कहीं कोई कमी ढूंढ ही लेंगे......उनकी सबसे बडी खासियत यही होती है।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया। परन्तु यह दूध का गिलास और रोटी दाल सबको उपलब्ध कैसे होगा? हाँ शुभ्र वस्त्र भी ।
ReplyDeleteघुघूती बासूती
आइडिया सर जी !
ReplyDeleteदुनिया मै काफ़ी ऎसे भी लोग है जिन्हे यह सब भी नसीब नही होता,अगर ऎसा हो जाये तो वल्ले बल्ले हो जाये.
ReplyDeleteधन्यवाद, आज तो खुश कर दिया