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जो कहे कि मैं तो संशय करो!!
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बेहतर हो आप भगत सिंह व अन्य क्रांतिकारियों को गौर से पढ़ें, उत्तर मिल जाएगा।
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जिस किसी पढ़े लिखे व्यक्ति को यही न मालूम हो वह तो देशभक्त हो ही नहीं सकता. कम से कम आप तो इस श्रेणी में .......
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अब आप ने नहीं बताया ab inconvenienti जी , बे पढ़ा लिखा समझ कर ही बता देते
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देशभक्त दो विपरीत विचारधारा वाले भी हो सकते है. गाँधी और गोडसे दोनो देशभक्त थे. अब कुछ कहने को बचता है? अगर कोई कहे कि खास विचारधारा ही देशभक्त है तो वह गलत है.
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देशभक्त वही है ,जो देश की भलाई के लिए कुछ प्रयास करे । चाहे आप बड़े नामों को गिन लीजिए या फिर कुछ ऐसे गुमनाम को ले लीजिए जो हमारे आस-पास ही है ।वैसे आपकी राय में कौन है देश भक्त?
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वैसे पहचान तो आसान है, 1) जो हमेशा देश का भला सोचे, 2) जिसे अपने देश का अपमान सहन न हो, 3) जो देश की समस्याओं से चिन्तित हो और उन्हें हल करने के सुझाव आदि देता हो, कार्यक्रम चलाता हो… ऐसे कई लक्षण हैं… पहचानने वाला चाहिये… देशभक्त किसी के चेहरे पर नहीं लिखा होता, यह तो उसके "कर्म" और "विचार" तय करते हैं… (यह उत्तर काफ़ी संक्षेप में है)
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जो देश की समस्त संपदा पर देश के समस्त लोगों के समान अधिकार को मुहैया कराने के जज्बे का कद्रदान हो।
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sirf wo jo ek achha insaan hai, kyonki samaaj parivaar ya desh hamse yani insaano se hee bana hai, ham hain to raashtra hai, ham theek hain to raashtra theek hai, waise prashn ke saath sandarbh ka ullekh kiya hota to jyada behtar hota।
संजय जी का उत्तर बहुत ही सही लगा
और
सुरेश जी के उत्तर कि " देशभक्त किसी के चेहरे पर नहीं लिखा होता, यह तो उसके "कर्म" और "विचार" तय करते हैं… " से मन मे फिर प्रश्न उठा कि अगर ऐसा हैं तो किसी के कर्मो और विचारो के बारे मे निर्णय लेने वाले हम कौन होते हैं ? हम किसी के कर्मो को या विचारो को "देश द्रोही " होने का फतवा कैसे दे देते हैं ?? क्या हमे अधिकार हैं की हम किसी के विचारों और कर्मो को क्लासिफाई करे ? अगर ये अधिकार हमारा नहीं हैं तो फिर किसका हैं , कौन ये बता सकता हैं की कौन सा कर्म देश भक्ति हैं और कौन सा कर्म देश द्रोही हैं , कौन सा विचार देश भक्ति हैं और कौन सा विचार देश द्रोही हैं ।
मन मे जब प्रशन होते हैं तो ज्यादातर हम उन्हे किसी से दिस्कुस्स करते हैं मे कर रही हूँ ब्लॉगर मित्रो के साथ । जवाब हो तो शेयर करे
इसे संगीता पुरी की कसौटी पर कसें, समाधान मिल जायेगा (मेरा उत्तर भी यही है)
ReplyDeleteअपना , अपने परिवार , अपने समाज , अपने धर्म से उपर अपने देश को रखे , बस और क्या ?
गाँधी और गोडसे ने यही किया, जो यह नहीं करते वे किसी न किसी रूप में देशद्रोही हैं.
आईसी १८४ के बंधकों के लिए 'दे दो कश्मीर' का रोना-पीटना मचाने वाले संभ्रांत क्या अलगाववादियों का साथ देने वालों से कम देशद्रोही हैं?
read आईसी १८४ = IC 814
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