आप ब्लॉग लिखते हैं या आप वेबसाइट चलाते हैं । इन दोनों मे अन्तर हैं । लोग ब्लॉग को वेबसाइट की तरह इस्तमाल करते हैं ताकि बिना पैसे दिये वो एक कॉमर्शियल सुविधा पा सके । लोग ब्लॉग को प्रिंट मीडिया के रिप्लेसमेंट की तरह भी इस्तमाल करते हैं यानी अगर आप को लगता हैं आप अच्छा लिखते हैं और प्रिंट मीडिया मे आप के सोर्स नहीं हैं और किताबे छपाने के लिये आप के पास पैसा नहीं तो आप ब्लॉग पर लिख सकते हैं । ब्लॉग पर लोग प्रिंट मीडिया पर छापा हुआ दुबारा डालते हैं ताकि ज्यादा लोगो तक पहुचे क्युकी इन्टरनेट के जरिये देश की सीमा के बहार भी आपको पढा जा सकता हैं ।
वेबसाइट एक कॉमर्शियल तरीका हैं अपनी बात अपना मकसद लोगो तक पहुचाने का । वेबसाइट के लिये आप को पैसा खरचना पड़ता हैं । वेबसाइट को इन्टरनेट पर अपलोड करने और डोमेन लेने के लिये एक फीस देनी ही होती हैं ।
वेबसाइट पर आप का पूर्ण अधिकार होता हैं और अगर आप ग़लत प्रचार भी करते हैं तो केवल और केवल साइबर पुलिस आप पर कानूनन कदम उठा सकती हैं । ब्लॉग मे आप को फ्लग किया जा सकता हैं या आप जिस सर्वर पर हैं उनको आप के ख़िलाफ़ मेल दी जासकती हैं ।
सच बोलना जितना मुश्किल है , सच को स्वीकारना उस से भी ज्यादा मुश्किल है . लेकिन सच ही शाश्वत है और रहेगा मुझे अपने सच पर उतना ही अभिमान है जितना किसी को अपने झूठ से होने वाले फायदे पर होता हैं
मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं
मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं
February 21, 2009
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रचना जी बहुत सारे ब्लॉग भी अपने डोमेन पर चलते हैं. वे अपने ढंग से डिज़ाइन कराते हैं और डोमेन का पूरा ख़र्च भी मेंटेन करते हैं. इस पर आपका क्या कहना है?
ReplyDeleteअगर ब्लॉग के लिये डोमेन ले लिया जाए तो वो वेबसाइट बन जाता हैं .ब्लॉग तभी तक होता हैं जब तक एक सार्वजनिक सर्वर पर रहता हैं जैसे हिन्दुस्तान टाईम्स साईट पर कई ब्लॉग हैं , गूगल पर भी ब्लॉग हैं . बहुत से कम्पनी की साईट भी हैं लेकिन वर्ड प्रेस पर फ्री ब्लॉग भी हैं .
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