मेरे ब्लॉग के किसी भी लेख को कहीं भी इस्तमाल करने से पहले मुझ से पूछना जरुरी हैं

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July 23, 2009

उसने कहा था

मेकैनिक ने पूछा पंखे से
तेरी कुडमाई होगई
पंखे ने कहा धत॒
मेकैनिक ने पूछा पंखे से
तेरी कुडमाई होगई
पंखे ने कहा हां होगई
देखते नहीं ये जला हुआ कैपेसिटर

दिस्क्लैमेर
चंद्रधर शर्मा गुलेरी से क्षमा मांगते हुए एक विवेकहीन साहित्यिक ब्लॉग कृति जिसकी चर्चा नहीं होगी

7 comments:

  1. sahi jawab diya pankhe ne..
    dekhete nahi ..
    badhiya..bahut badhiya.

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  2. गुलेरी क्षमा ही नहीं करेंगे खुश भी होंगे। बहुत दिन बाद किसीने याद किया।

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  3. "उसने कहा था" याद दिला दी आपने...इस पर बनी फिल्म का गाना "आ हा रिमझिम के ये प्यारे प्यारे गीत लिए..." बेहद खूबसूरत है...शुक्रिया आपका और विवेक जी का भी जिनकी पोस्ट से आपको ये लिखने की प्रेरणा बनी.
    नीरज

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  4. रोटेटर की क्या पोजिशन है..बस! यूँ ही..पंखे के भविष्य को लेकर चिंतित था इसलिए पूछा!! :०
    ----
    एक विवेकहीन साहित्यिक ब्लॉग कृति जिसकी चर्चा नहीं होगी -ऐसा क्यूँ??

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  5. बहुत खूब -- मैकेनिक को भी तो करंट लगा होगा.

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